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Bareilly News: इबादतगाह की दीवार तोड़ने में 11 घंटे चला हंगामा, चार घंटे तक धरने पर बैठे रहे भाजपा विधायक

बरेली में 11 घंटे तक चला हंगामा भाजपा विधायक डॉ. एमपी आर्य भी 4 घंटे तक धरने पर बैठे रहे। विवाद की शुरुआत एक मस्जिद को अवैध बताकर दीवार तोड़ने से हुई। पुलिस ने हिंदू पक्ष के लोगों को हिरासत में ले लिया जिससे माहौल और बिगड़ गया। बाद में बुजुर्गों को छोड़ दिया गया और धरना समाप्त हुआ। पुलिस ने पकड़े गए सभी लोगों का चालान किया।

By Rajnesh Saxena Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 28 Sep 2024 08:23 AM (IST)
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Bareilly News: मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी।

जागरण संवाददाता, बरेली। केला डांडी गांव में शुक्रवार दोपहर एक बजे से शुरू हुआ विवाद देर रात करीब 12 बजे खत्म हो पाया। इस बीच भाजपा विधायक डा. एमपी आर्य भी चार घंटों तक गांव वालों के साथ धरने पर बैठे रहे।

गांव वालों के साथ उनकी मांग थी कि हंगामे के दौरान जिन हिंदुओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है उन्हें छोड़ा जाए। पुलिस ने बुजुर्गों को छोड़ा तो वह धरने से उठे। इसके बाद गांव वालों ने फिर अन्य युवकों को छोड़ने की मांग को लेकर थाने का घेराव कर लिया।

लापरवाही से बिगड़ा मामला

पूरा मामला लोकल पुलिस की लापरवाही के कारण ही बिगड़ता चला गया। शुरूआत में जब हिंदू पक्ष के लोगों ने मस्जिद को अवैध बताकर दीवार को तोड़ा तो थाना पुलिस ने वहां पहुंचकर दीवार का निर्माण करना शुरू कर दिया था। इसके बाद से ही मामला और बिगड़ता चला गया। इसकी जानकारी होने पर भाजपा विधायक डा. एमपी आर्य भी वहां पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जब उन्हें जानकारी मिली कि पुलिस खड़ी होकर उस दीवार को बनवा रही है, तब वह मौके पर पहुंचे और नाराजगी जाहिर की। हालांकि, पुलिसकर्मी इस बात को मानने को तैयार नहीं...।

नेताओं के घनघनाते रहे फोन

उधर, दूसरी ओर जब विवाद बढ़ना शुरू हुआ तो पुलिस ने हिंदू पक्ष के लोगों उठाकर थाने ले जाना शुरू कर दिया जिससे माहौल और बिगड़ता चला गया। करीब 11 घंटे तक चले विवाद में पुलिस, प्रशासन से लेकर नेताओं के फोन घनघनाते रहे। पुलिस प्रशासन के अधिकारी देर रात तक लोगों को समझाने में जुटे रहे मगर कोई भी सुनने को तैयार नहीं था।

विधायक भी इसी बात पर अड़े थे कि जिन लोगों को पकड़ा है, उन्हें छोड़ा जाए। इसके बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर पकड़े गए करीब 12 लोगों में से चार बुजुर्गों को पहले छोड़ा गया। इसके बाद तय हुआ कि अभी जो निर्माण जैसा है वैसे ही रहेगा। न निर्माण होगा, न ही तोड़ा जाएगा। इसके बाद धरने से भाजपा विधायक समेत अन्य लोग उठकर चले गए। तब अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए वीडियो

हंगामे के दौरान ही दोपहर को हुई मारपीट और पथराव के वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित होने लगे। वीडियो में कुछ लोग पथराव करते दिख रहे तो कुछ लोगों के हाथों में लाठी डंडे हैं। मामला खत्म होते-होते देर रात तक इंटरनेट मीडिया पर वीडियो काफी प्रसारित हो गए।

हिंदू मुस्लिम और पुलिस तीनों की बातों में विरोधाभास

विवाद की स्थिति यह थी कि हिंदू, मुस्लिम और पुलिस तीनों की बातों में विरोधाभास था। हिंदू पक्ष के लोगों ने जुलाई में दिए गए शिकायती पत्र में अवैध रूप से मस्जिद निर्माण का आरोप लगाया जबकि शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से लिखे गए शिकायती पत्र में उसे मस्जिद बताया गया। उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि हिंदू पक्ष के लोगों ने मस्जिद पर चढ़ाई कर दी और तोड़फोड़ कर दी। वही पुलिस का कहना हैं कि वहां पर किसी भी तरह की कोई मस्जिद नहीं थी। सिर्फ एक विवादित स्थल था जिस पर कुछ लोगों ने दीवार खड़ी कर टीन शेड डाल लिया था। तीनों की बातों में काफी विरोधाभास था।

पुलिस ने पकडे गए सभी किया चालान

पुलिस ने जिन लोगों को हंगामे के दौरान हिरासत में लिया था। आधी रात के करीब उन्हें छोड़ दिया। पुलिस ने छोड़ने से पहले सभी का चालान किया जिससे वह लोग पुलिस रिकार्ड में आ गए। एसपी दक्षिणी मुकेश मिश्रा ने बताया कि कुल 12 लोगों को पकड़ा था। सभी को छोड़ दिया गया है।

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पीएसी, क्यूआरटी समेत चार थानों की थी फोर्स

हंगामे की सूचना मिलते ही सबसे पहले चार थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। इसके बाद भी जब लगा कि हंगामा बढ़ रहा है तो मौके पर एक क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) और पीएसी को भी बुला लिया गया। मामला शांत होने के बाद भी गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने को पुलिस ने दो थानों की फोर्स समेत पीएसी को गांव में रोका हुआ है जिससे यदि रात में कोई विवाद हुआ तो मामले को शांत किया जा सके।

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शासन तक ली जाती रही अपडेट

एक तरफ पुलिस पूरे मामले को शांत करने में जुटी रही। तो वहीं दूसरी ओर शासन से इस पूरे प्रकरण की जानकारी लगातार निगरानी की जाती रही। पल-पल की अपडेट उच्चाधिकारियों से शासन स्तर पर ली जाती रही।

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