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Heat Stroke: सिर में भारीपन व तेज धड़कन को न करें नजरअंदाज, हो सकता है हीट स्ट्रोक, ऐसे करें बचाव...

भीषण गर्मी और तेज धूप की वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगा है। जिले में हीट एग्जाशन के मामले भी सामने आने लगे हैं। इसको लेकर अब शासन ने हीट स्ट्रोक और हीट एग्जाशन से बचाव को गाइडलाइन भी जारी कर दी है।

By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Sat, 17 Jun 2023 08:59 PM (IST)
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भीषण गर्मी और तेज धूप की वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा
जागरण संवाददाता, बरेली : भीषण गर्मी और तेज धूप की वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगा है। जिले में हीट एग्जाशन के मामले भी सामने आने लगे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में हीट एग्जाशन के दो से तीन मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। इसको लेकर अब शासन ने हीट स्ट्रोक और हीट एग्जाशन से बचाव को गाइडलाइन भी जारी कर दी है।

हर दिन आ रहे हीट एग्जाशन के मामले

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. एएम अग्रवाल बताते हैं कि अभी तक हीट स्ट्रोक का कोई मामला नहीं आया है लेकिन हर दिन एक दो मामले हीट एग्जाशन के आ रहे हैं। अगर गर्मी का आलम यही रहा तो हीट स्ट्राक के मामले आने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि अगर अधिक धूप में रहने की वजह से किसी भी व्यक्ति के शरीर का तापमान 104 फारेनहाइट या इससे अधिक बढ़ाता है, पसीना आना बंद हो जाए, त्वचा चिपचिपी होने लगे, उल्टी, चक्कर, सिर भारी, पेशाब नहीं आए या फिर दिल की धड़कन बढ़ने लगे तो उस वक्त सोच विचार न करें। जितनी जल्दी हो सके मरीज को डाक्टर के पास ले जाएं क्योंकि यह भी हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं।

हीट स्ट्रोक में जान जाने का खतरा

हीट स्ट्रोक में अगर समय से ध्यान नहीं दिया गया तो उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है जबकि हीट एग्जाशन में जान जाने का खतरा नहीं हैं। हीट एग्जाशन के ज्यादातर लक्षण हीट स्ट्रोक के समान ही होते हैं लेकिन उसमें शरीर का तापमान अधिकतम 104 डिग्री फारेनहाइट तक ही जाता है।

प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन में इनके लक्षण और बचाव भी बताए गए हैं।

यह है हीट एग्जाशन के लक्षण:

  • अत्याधिक प्यास लगना
  • लगातार तापमान बढ़ाना
  • 104 फारेनहाइट से अधिक नहीं होना 
  • सिरदर्द, उल्टी, चक्कर आना
  • अधिक पसीना और चिपिचपी होना
  • ब्लड प्रेशर का काम हो जाना
ऐसे करें बचाव:

डा. अजय मोहन बताते हैं कि हीट एग्जाशन के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत यह उपाय करने चाहिए...

  • मरीज को तुरंत छायादार स्थान या पंखे के नीचे बैठना चाहिए
  • ओआरएस का घोल पिलाएं
  • नीबू का पानी नमक के साथ पिलाएं
  • शरीर के तापमान को बार-बार जांचे
  • जल्द से जल्द डाक्टर से संपर्क करें
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