Bareilly News: लिव-इन रिलेशनशिप के बाद युवती से सामूहिक दुष्कर्म, नशे का इंजेक्शन लगाकर दोस्त लूटते रहे इज्जत
Bareilly Crime News In Hindi लिव-इन के बाद युवती से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद एसएसपी के आदेश पर चार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। बारादरी क्षेत्र के रहने वाले हैं सभी आरोपित। युवती ने बताया कि उसे नशीला इंजेक्शन दिया जाता था और आरोपित के दोस्त उसकी इज्जत लूटते थे। आरोपित की मां भी इस साजिश में शामिल रही।
जागरण संवाददाता, बरेली। लिव-इन के बाद युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। एसएसपी के आदेश पर बारादरी क्षेत्र के रहने वाले चार आरोपितों करन कुमार, राजेंद्र कुमार उर्फ राजू, काजल व लली उर्फ सुनीता के विरुद्ध प्राथमिकी लिखकर जांच शुरू कर दी।
युवती के अनुसार, आरोपित करन ने लिव-इन रिलेशनशिप का प्रमाण-पत्र बनवाकर साथ रखा। दुष्कर्म किया, फिर दोस्तों के हवाले कर दिया। दोस्तों ने भी दुष्कर्म किया। नशे का इंजेक्शन देकर आरोपित हरकत करते। होश आने पर मिन्नतें करते तो कमरे में बंधक बना देते।
गर्भवती होने पर गिरवाया बच्चा
करन की मां लली ने भी उसका साथ दिया। इस दौरान गर्भवती हो गई तो गर्भपात करा दिया। इंस्पेक्टर बारादरी अमित पांडेय ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर प्राथमिकी लिखकर प्रकरण में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।Read Also: Bharat Jodo Yatra: अलीगढ़ में सरकार पर गरजे राहुल, 'अडाणी काट रहे जेब, शाह छोड़ रहे ED-CBI, देश के दिल, आत्मा और DNA में मोहब्बत'
असम में मुस्लिम मैरिज एक्ट रद्द तीन तलाक पीड़िताओं ने खुशी का इजहार किया
असम में मुस्लिम मैरिज एक्ट रद्द किए जाने पर तीन तलाक पीड़िताओं ने खुशी का इजहार किया है। मेरा हक फाउंडेशन से जुड़ी मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम मैरिज एक्ट रद्द होने पर असम सरकार का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सदियों पुराने मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम की बेढ़ियों से असम राज्य की मुस्लिम महिलाएं आजाद हो गईं।मुस्लिम महिलाओं ने यूसीसी को लागू करने की मांग की है। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने कहा कि असम सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है। असम मंत्रिमंडल ने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को निरस्त करके बड़ी पहल की है। इस फैसले से सदियों पुराने असम के मुस्लिम विवाह, तलाक पंजीकरण से लेकर बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन से जुड़ी मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन किया है।
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