सीडीओ की इस पहल से जिले के बच्चे होंगे स्वस्थ, पोषण वाटिका में मिलेंगी हरी और ताजा सब्जियां
जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार और जिला प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद भी जिले से कुपोषण का दंश खत्म नहीं हो रहा है। प्रतिवर्ष कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ जाती है।
By Sant ShuklaEdited By: Updated: Sat, 12 Dec 2020 09:28 AM (IST)
बरेली, जेएनएन। जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार और जिला प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद भी जिले से कुपोषण का दंश खत्म नहीं हो रहा है। प्रतिवर्ष कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में जिला प्रशासन अब जिले की चार सौ आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाने जा रहा है। पोषण वाटिका में हरी और ताजा सब्जियां उगाई जाएंगी। जिन्हें एमडीएम में पकाकर बच्चों को खिलाया जाएगा।
जिले में कुपोषण के खिलाफ चल रही जंग में शबरी, पोषाहार जैसी योजनाएं चल रही है। इन योजनाओं के सहारे ही कुपोषण से मुक्ति पाने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा बचपन दिवस, लाड़ली दिवस, ममता दिवस, किशोरी दिवस, अन्नप्रासन, बाल सुपोषण उत्सव, जन स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस जैसे कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसके बाद भी जिले में 45 हजार से अधिक बच्चे कुपोषित और करीब साढ़े हजार बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी हैं। हालांकि बीते वर्ष की तुलना में कुपोषितों की संख्या में करीब छह हजार और अति कुपोषित में दो हजार की कमी आई है। लेकिन कुपोषण पूरी तरह से खत्म हो सके, इसके लिए प्रयास अब तक सफल होते नजर नहीं आ रहे। ऐसे में जिले के कुल 2857 आंगनबाड़ी केंद्रों में से चार सौ में तैयार की जा रही पोषण वाटिका कुपोषण से मुक्ति की राह तैयार करेगी, इसकी संभावना जताई जा रही है। यह पोषण वाटिका जिले के सभी विकास खंडों के आगनबाड़ी केंद्रों पर लगाई जाएगी। इसमें वह आंगनबाड़ी केंद्र चिन्हित किए गए हैं, जिनमें सब्जियां उगाने लायक भूमि है।
क्या कहते हैं सीडीओ
सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग का कहना है कि कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए एक और पहल की जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका बनाकर वहां ताजी सब्जियां उगाई जाएंगी। इन सब्जियों से ही मिड डे मील तैयार कराया जाएगा।
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