District Hospital : ऑपरेशन थिएटर में लापरवाही की 'सर्जरी' Bareilly News
करीब छह घंटे तक उन्होंने ऑपरेशन थिएटर के अंदर अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के बयान लिए और रिकॉर्ड खंगाले।
By Abhishek PandeyEdited By: Updated: Sat, 20 Jul 2019 11:32 AM (IST)
बरेली, जेएनएन : महाराणा प्रताप जिला संयुक्त चिकित्सालय में 19 जून को इलाज के अभाव में बच्ची की मौत हुई थी। सीएम योगी तक पहुंचे इस मामले के बाद शुक्रवार को लापरवाही की 'सर्जरी' करने खुद प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशक डॉ.रूपम केश पहुंचे।
'सर्जरी' यूं, क्योंकि करीब छह घंटे तक उन्होंने ऑपरेशन थिएटर के अंदर अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के बयान लिए और रिकॉर्ड खंगाले। मालूम किया कि उस वक्त लापरवाही किसने की थी। पूर्वाह्न 11 से शाम करीब पांच बजे तक चली जांच के दौरान ही नहीं बल्कि बाद में भी अधिकारियों और कर्मचारियों में कार्रवाई का खौफ कुछ ऐसा था कि कोई जुबां खोलने को भी राजी नहीं था।भर्ती और रेफर का रिकॉर्ड चेक किया
संयुक्त चिकित्सालय में जिला पुरुष और महिला अस्पताल में लंबे समय से बच्चों को भर्ती करने में आनाकानी चल रही थी। डॉ.अलका शर्मा से पहले सीएमएस की डॉ.केएस गुप्ता से तकरार सामने भी आई थी। कभी तर्क रहता कि एसएनसीयू में जगह नहीं तो कभी स्टाफ की कमी का हवाला दिया जाता। लापरवाही की तह तक जाने के लिए निदेशक ने बच्चा वार्ड इंचार्ज से पूरा ब्योरा मंगाया।
मुंह छिपाकर निकले डॉ.केएस गुप्ता
निदेशक ने जांच के लिए पूर्व एडीएसआइसी डॉ.केएस गुप्ता को भी बुलवाया था। कभी अस्पताल में शान से घूमने वाले डॉ.गुप्ता सुबह ही अस्पताल पहुंच गए। करीब एक घंटे फीमेल सर्जिकल वार्ड के ऑपरेशन थिएटर में उनके बयान दर्ज किए गए। अपना पक्ष रखने के बाद वह किसी ना किसी बहाने से मुंह छिपाकर निकल गए।
यह था मामला विशारतगंज के गांव गोकुलपुरा निवासी योगेंद्र सिंह की पांच दिन की मासूम बेटी उर्वशी को सांस लेने में परेशानी थी। बीती 19 जून को जिला हॉस्पिटल लेकर आए थे। पुरुष अस्पताल के एडीएसआइसी डॉ. केएस गुप्ता और महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.अलका शर्मा ने करीब तीन घंटे तक योगेंद्र को टहलाया। इससे बच्ची ने दम तोड़ दिया। बाद में परिजनों ने एडीएसआइसी कार्यालय में हंगामा किया था। सीएम पोर्टल पर लापरवाही की शिकायत के बाद डॉ.गुप्ता को निलंबित कर दिया गया था।
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