Double Murder : दहशत में बेटा-बहू ने घर छोड़ होटल में ली शरण Bareilly News
भागते समय कातिल अपने बैग के साथ रूपा का एक छोटा सा पर्स भी लेकर भागा। इस पर्स में एटीएम पांच सौ रुपये व कुछ चीजें और थीं।
By Abhishek PandeyEdited By: Updated: Sat, 27 Jul 2019 10:28 PM (IST)
बरेली, जेएनएन : गुलमोहर पार्क कॉलोनी में मां-बेटे की हत्या के बाद दहशतजदा बेटे-बहू ने शुक्रवार को घर छोड़ दिया। पास के ही एक होटल में पनाह ली है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने पहले कॉलोनी और फिर होटल पहुंचकर सेंट्रल बैैंक की सहायक प्रबंधक रूपा सत्संगी के बेटे और बहू से बात की। सुरक्षा के लिए आश्वस्त किया। यहां यह भी साफ हुआ कि दोहरे हत्याकांड में कोई बड़ा राज छुपा है, जो कातिल के पकड़े जाने के बाद ही फाश होगा।
मां रूपा सत्संगी और पिता नीरज सत्संगी की बुधवार रात को हुई हत्या के बाद गुरुवार तड़के गुलमोहर पार्क कॉलोनी पहुंचे उनके बेटे जतिन और बहू ने सुरक्षा कारणों से घर छोड़ दिया है। वे अन्य रिश्तेदारों के साथ कॉलोनी के बाहर ही एक होटल में पहुंच गए हैं। शुक्रवार को शाम जब केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार उनसे मिलने पहुंचे तो घर पर ताला लगा था। वह कॉलोनी में पड़ोसियों इत्यादि से मिले। तब पता लगा कि मृतक दंपती का बेटा और बहू होटल पहुंच गए हैं। इसके बाद मंत्री सत्संगी दंपती के बेटे-बहू से मिलने होटल गए। परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। लंबी बातचीत की। साफ हुआ कातिल ने जिस बेरहमी से कत्ल किए हैं, कोई बड़ा राज है, जो बाहर नहीं आ रहा है। पुलिस भी उस तक नहीं पहुंच सकी है। केंद्रीय मंत्री के साथ गुलशन आनंद, रमेश जैन, ललित अवस्थी आदि भी रहे।
मां रूपा सत्संगी और पिता नीरज सत्संगी की बुधवार रात को हुई हत्या के बाद गुरुवार तड़के गुलमोहर पार्क कॉलोनी पहुंचे उनके बेटे जतिन और बहू ने सुरक्षा कारणों से घर छोड़ दिया है। वे अन्य रिश्तेदारों के साथ कॉलोनी के बाहर ही एक होटल में पहुंच गए हैं। शुक्रवार को शाम जब केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार उनसे मिलने पहुंचे तो घर पर ताला लगा था। वह कॉलोनी में पड़ोसियों इत्यादि से मिले। तब पता लगा कि मृतक दंपती का बेटा और बहू होटल पहुंच गए हैं। इसके बाद मंत्री सत्संगी दंपती के बेटे-बहू से मिलने होटल गए। परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। लंबी बातचीत की। साफ हुआ कातिल ने जिस बेरहमी से कत्ल किए हैं, कोई बड़ा राज है, जो बाहर नहीं आ रहा है। पुलिस भी उस तक नहीं पहुंच सकी है। केंद्रीय मंत्री के साथ गुलशन आनंद, रमेश जैन, ललित अवस्थी आदि भी रहे।
कॉलोनी में पुलिस नहीं दिखने से केंद्रीय मंत्री हैरान
दोहरे हत्याकांड के बाद कॉलोनी के लोग खौफ में हैं, इस बात का जिक्र सभी ने मंत्री से बातचीत में किया। मंत्री को कॉलोनी में पुलिस भी नहीं दिखाई दी, जिस पर उन्होंने हैरानी जाहिर की। प्रेमनगर इंस्पेक्टर बलवीर तोमर जरूर पहुंचे तो मंत्री ने उनसे हत्याकांड में कातिल तक पहुंचने के लिए पुलिस की प्रगति पता की। इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस कातिल को पकडऩे के लिए काफी कुछ कर रही है लेकिन गोपनीयता भंग होने की वजह से अभी कुछ बता नहीं सकते।
सत्संगी दंपती की हत्या के बाद कातिल ने की थी लूटपाट
सत्संगी दंपती की हत्या के दो दिन बाद लूटपाट का तथ्य सामने आया है। बेटे जतिन ने बताया कि पिता नीरज गले में सोने की चेन पहनते थे। मां गले में तो कुछ नहीं पहनती थीं लेकिन कानों में कुंडल पहनती थीं। इस बात की पुष्टि खुद उनकी नौकरानी ने भी की है। हत्या के बाद पुलिस ने जब दोनों के शव बरामद किए तो ये दोनों चीजें नहीं मिलीं। नीरज के गले से सोने की चेन गायब थी। रूपा के कान भी सूने थे, गले में भी वह कुछ नहीं पहनी थीं। हाथ में अंगूठी व दो कड़े जरूर थे।
इतना ही नहीं भागते समय कातिल अपने बैग के साथ रूपा का एक छोटा सा पर्स भी लेकर भागा। इस पर्स में एटीएम, पांच सौ रुपये व कुछ चीजें और थीं। हो सकता है पर्स में और भी रुपये रहे हों जिसे निकालकर लुटेरे ने अपनी जेब में रख लिया हो। फिलहाल जतिन के बयान के बाद इतना तो साफ हो गया कि बदमाश का मकसद हत्या के साथ-साथ कहीं न कहीं लूटपाट करना भी था।
लूटपाट की बात समाने नहीं : एसपी क्राइम
एसपी क्राइम रमेश भारतीय ने बताया कि तमाम छानबीन की लेकिन कहीं कोई लूटपाट की बात सामने नहीं आई। अगर मृत दंपती के बेटे यह कह रहे हैं तो इस दिशा में भी तफ्तीश की जाएगी।
मकान बेचकर गुरुग्राम में शिफ्ट होने जा रहे थे दंपती
नीरज सत्संगी के पिता जीपी सत्संगी भूड़ मुहल्ले के रहने वाले थे। वह शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। बाद में वह गुलमोहर पार्क में आकर नीरज के साथ रहने लगे। 10-12 साल पहले उनकी मौत हो गई। नीरज के बड़े भाई ग्रेटर नोएडा में रहते हैं। वहीं छोटे भाई संजय दुबई में रहते हैं। वह शुक्रवार सुबह बरेली पहुंचे।
नीरज के बेटे जतिन ने बताया कि उसने मां से पहले ही कह दिया था कि रिटायर होने के बाद उसके साथ गुरुग्राम में रहेंगी। 5-6 अगस्त को माता-पिता गुरुग्राम आना था। उनके लिए किराये पर फ्लैट ले लिया था। रहने के सारे बंदोबस्त करा दिए गए थे। दस अगस्त को एक पार्टी भी रखी थी। जतिन की मानें तो रूपा ने अपने साथ काम करने वाली एक रिटायर्ड बैंक कर्मी के अलावा कुछ लोगों से मकान बेचने के लिए कहा था। लेकिन किसी प्रापर्टी डीलर को नहीं बताया। किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में भी नहीं पता चला जो मकान आकर देख गया हो।
पुलिस को आशंका यह भी है कि कातिल को यह बात पता थी। वह नहीं चाहता था कि दंपती मकान बेचें और अपना फंड आदि सब कुछ लेकर यहां से हमेशा के लिए चले जाए। ऐसा होता, इससे पहले हत्या कर दी गई। अब पता यह भी किया जा रहा कि संपत्ति बिक्री से किसे नुकसान या लाभ हो सकता था।
यह भी पढ़ें : कॉलोनी वाले कातिल से अनजान मगर वह सब जानता था : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-the-colony-was-unaware-of-the-killer-but-he-knew-all-about-him-bareilly-news-19433681.html
छोड़े तरकश के सारे तीर, फिर भी हाथ खाली
सत्संगी दंपती के कातिल तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अपने तरकश के सारे तीर छोड़ दिए हैं। फोरेंसिक टीम, डाग स्क्वाड, सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग, क्राइम ब्रांच, डेढ़ दर्जन दारोगा व छह इंस्पेक्टर लगाए गए मगर दो दिन बीतने के बाद कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा। वह भी तब, जबकि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपित का फोटो मिल चुका है। एसएसपी व एसपी क्राइम मॉनीटङ्क्षरग कर रहे, फिर भी कातिल कौन है, यह नहीं पता चल सका।
दस मिनट में सूचना कातिल पकड़ से दूर
गुलमोहर पार्क कालोनी में सत्संगी दंपती हत्याकांड की सूचना पुलिस को वारदात के महज दस मिनट के भीतर ही मिल गई थी। आनन-फानन पुलिस पहुंची बावजूद इसके वह कातिल को नहीं पकड़ सकी। गुलमोहर पार्क कालोनी में बुधवार की रात करीब दस बजे कातिल ने नीरज व रूपा सत्संगी की उन्हीं के घर में घुसकर बेरहमी से हत्या कर दी। चीख पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग बाहर निकल आए। खुद को घिरा देखकर कातिल छत के रास्ते चढ़कर भागा। इसके बाद पैदल-पैदल भाग गया। घटना दस से सवा दस के बीच की है। सवा दस बजे पुलिस को सूचना दे दी गई। सूचना पर 10:40 बजे तक पुलिस मौके पर पहुंच भी गई। बावजूद इसके लंगड़ाता हुआ कातिल आसानी से बचकर निकल गया। अगर उसी समय पुलिस चारों तरफ घेराबंदी कर लेती तो हो सकता है कातिल पुलिस के हाथ आ जाता।
सत्संगी दंपती के कातिल तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अपने तरकश के सारे तीर छोड़ दिए हैं। फोरेंसिक टीम, डाग स्क्वाड, सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग, क्राइम ब्रांच, डेढ़ दर्जन दारोगा व छह इंस्पेक्टर लगाए गए मगर दो दिन बीतने के बाद कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा। वह भी तब, जबकि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपित का फोटो मिल चुका है। एसएसपी व एसपी क्राइम मॉनीटङ्क्षरग कर रहे, फिर भी कातिल कौन है, यह नहीं पता चल सका।
दस मिनट में सूचना कातिल पकड़ से दूर
गुलमोहर पार्क कालोनी में सत्संगी दंपती हत्याकांड की सूचना पुलिस को वारदात के महज दस मिनट के भीतर ही मिल गई थी। आनन-फानन पुलिस पहुंची बावजूद इसके वह कातिल को नहीं पकड़ सकी। गुलमोहर पार्क कालोनी में बुधवार की रात करीब दस बजे कातिल ने नीरज व रूपा सत्संगी की उन्हीं के घर में घुसकर बेरहमी से हत्या कर दी। चीख पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग बाहर निकल आए। खुद को घिरा देखकर कातिल छत के रास्ते चढ़कर भागा। इसके बाद पैदल-पैदल भाग गया। घटना दस से सवा दस के बीच की है। सवा दस बजे पुलिस को सूचना दे दी गई। सूचना पर 10:40 बजे तक पुलिस मौके पर पहुंच भी गई। बावजूद इसके लंगड़ाता हुआ कातिल आसानी से बचकर निकल गया। अगर उसी समय पुलिस चारों तरफ घेराबंदी कर लेती तो हो सकता है कातिल पुलिस के हाथ आ जाता।
फील्ड यूनिट को मिली नौ नंबर की सैंडल मगर किसकी यह पता नहीं
बुधवार रात को हुई घटना के बाद सुराग जुटाने के लिए फील्ड यूनिट मौके पर पहुंची थी। पता चला कि कातिल नौ नंबर के सैंडिल पहनता है। छत से कूदने के दौरान उसका एक सैंडिल वहीं छूट गया, जिस पर 44 नंबर लिखा था। 44 नंबर यानी सामान्य भाषा में जिसे नौ नंबर माना जाता है। इसके अलावा कातिल के फुट व फिंगर प्रिंट भी मिल गए हैं जो बिल्कुल साफ हैं। मगर, यह साक्ष्य तब काम आएं जब आरोपित पकड़ा जाए। इनके जरिये पुष्टि होगी कि वही हत्या करने आया था।
गुलमोहर कॉलोनी में सादे कपड़ो में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। यह भी पढ़ें : कातिल का चेहरा हो गया बेनकाब, 25 हजार इनाम : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-bareilly-double-murder-the-face-of-the-executioner-exposed-now-25-thousand-reward-bareilly-news-19433649.htmlडॉग स्क्वायड बढ़ा फिर भटक गया
समय रहते सूचना मिली, पुलिस मौके पर पहुंची और डॉग स्क्वाड भी बुलाया गया। डॉग स्क्वाड रूपा व नीरज सत्संगी के घर में घुसा, चूंकि खून ताजा था तथा कातिल की गंध भी माहौल में थी लिहाजा वह भागा। घर के पीछे तक गया मगर, आगे जाकर भटक गया। इसके आगे पुलिस हाथ मारती रह गई। इतनी मदद जरूर मिली कि उसी रास्ते पर कैमरे खंगाले तो फटेज मिल गईं।
इस बार सर्विलांस टीम खामोश
मोबाइल फोन का उपयोग होने पर कई घटनाओं का राजफाश करने वाले सर्विलांस टीम इस बार खामोश है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि कातिलक के पास मोबाइल है या नहीं। अलबत्ता पुलिस बुधवार की रात से शुक्रवार शाम तक करीब एक हजार से ज्यादा नंबर खंगाल चुकी है। इसके अलावा तमाम लोगों के नंबर पुलिस सर्विलांस पर लगाकर खोजबीन कर रही है। बावजदू इसके अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं।
क्राइम ब्रांच दो दिन से खाली
एसपी क्राइम रमेश भारतीय की पूरी टीम लगाई गई। सुराग तो नहीं ही लगे, अब तक यह भी नहीं मालूम किया जा सका कि हत्या की वजह क्या है। जिस तरह सिर कुचलकर हत्या की गई, उससे माना गया कि कातिल पेशेवर हो सकता है। अब क्राइम ब्रांच के पास उसका फोटो है, वह अपराधियों के रिकॉर्ड से मिलान कर रहा या नहीं, वहां तक जांच नहीं पहुंची है।
सात फीट ऊंची दीवार पर बिना सहारे चढ़ा कातिल
वारदात के वक्त जब मुहल्ले वालों को भनक लग गई तो कातिल ने खुद को फंसता देखा। बाहर निकलने पर पकड़ा जाता लिहाजा कातिल दूसरी मंजिल पर गया। कातिल यहां से दीवार के सहारे छत के छज्जे पर चढ़ा। छज्जे की दीवार करीब सात फीट ऊंची है, वहां एसी का आउटर भी रखा है। आउटर पर चढ़कर तो दीवार आसानी से फांदकर दूसरी छत पर जाया जा सकता है लेकिन कातिल ने उधर गौर नहीं किया। वह सात फीट की दीवार पर बिना किसी सहारे सहारे चढ़ गया। यहां से दूसरे मकान की छत पर कूदा। इसके बाद करीब 11 फीट ऊंची दीवार से मकान के पीछे की तरफ कूदा। यहां से कूदने के दौरान ही उसका एक हाथ व एक पैर टूटा जोकि सीसीटीसी फुटेज में दिख रहा। बावजूद इसके वह पैदल चलकर फरार हो गया।
खंगाल डाले शहर के सारे अस्पताल
कातिल चोटिल है इसलिए आशंका जताई जा रही थी कि इलाज के लिए वह किसी अस्पताल में भर्ती हो सकता है। तलाश के लिए पुलिस ने शहर के छोटे और बड़े सारे अस्पताल खंगाल डाले। खास तौर पर हड्डी वाले। इसके अलावा क्लीनिक भी देख लिए। लेकिन कहीं ऐसा कोई मरीज नहीं मिला जिसके एक हाथ व एक पैर में चोट हो।यह भी पढ़ें : बैंक मैनेजर व पति की सिर कुचलकर हत्या : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-double-murder-in-bareilly-bank-manager-wife-and-husband-killed-19430444.html दोहरे हत्याकांड का सिरा तलाशने बैंक पहुंची पुलिस
सीता किरण होटल के पास स्थित सेंट्रल बैंक में क्षेत्रीय कार्यालय शिफ्ट हो रहा है। बीती 12 जून को रूपा सत्संगी की पोस्टिंग बतौर असिस्टेंट मैनेजर यहां हुई थी। हत्याकांड को सुलझाने की कवायद में शुक्रवार को पुलिस उनके ऑफिस पहुंची। वहां बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की, उन्हें कातिल की फुटेज भी दिखाई लेकिन किसी ने पहचान नहीं की। तमाम छानबीन के बाद भी हत्या को लेकर बैंक से जुड़ा अभी तक कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा।
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि रूपा का व्यवहार अच्छा था। किसी से विवाद की बात कभी सामने नहीं आई।शाखा प्रबंधक चेतन जेटली ने बताया कि वह भी सत्संगी दंपती के घर के पास ही रहते हैं। अक्सर रूपा को लेकर आते थे। रूपा ने उनके पिता के साथ भी काम किया है, इसलिए वह उनकी काफी इज्जत करते थे। रूपा सत्संगी का व्यवहार भी काफी अच्छा था। बैंक में कोई कर्मचारी ऐसा नहीं मिला जिससे रूपा को कोई शिकायत हो। पुलिस ने उनके कामकाज के बारे में भी पता किया। क्षेत्रीय कार्यालय में उनके पास कैश से संबंधित कोई काम नहीं था। मॉनिटरिंग करना, डाटा इकट्ठा करना यही सब काम था। इससे पहले वह बड़ा बाजार ब्रांच में काम करती थीं।
बाद में बड़ा बाजार ब्रांच के मैनेजर को एसएसपी ने अपने यहां बुलाकर उनसे पूछताछ की। लेकिन कोई ऐसी बात निकलकर सामने नहीं आई जिससे पुलिस को कुछ हासिल हो सके। यह भी पता चला कि रूपा सत्संगी ने कभी कैशियर का काम ही नहीं किया। पुलिस ने मैनेजर से बैंक में आने-जाने वालों की फुटेज मांगी है। इसके अलावा पुलिस ने बैंक कर्मियों को कातिल की सीसीटीवी फुटेज दिखाई लेकिन कोई उसे पहचान नहीं सका।
राजफाश को डीआइजी से मिले पीड़ित परिजन, गिरफ्तारी की मांग
राजेंद्रनगर के गुलमोहर पार्क कॉलोनी में सत्संगी दंपती की हत्या के बाद परिजन में भारी आक्रोश है। दुबई में रहने वाले नीरज के बड़े भाई प्रेम सत्संगी व छोटा भाई संजय परिवार के साथ शहर आ गए। शुक्रवार दोपहर में परिजन हत्याकांड के राजफाश के लिए डीआइजी से मिले। प्रेम सत्संगी, संजय सत्संगी, दिल्ली की एक कंपनी के पूर्व प्रसिडेंट रंजन, भांजा रचित व कांगेस नेता अजय शुक्ला के साथ डीआइजी राजेश पाण्डेय के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने नाराजगी जाहिर की कि हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। उनकी जल्द गिरफ्तारी की मांग की। हत्या का कारण समेत तमाम पहलुओं और जांच की प्रगति को लेकर भी बात की। इस दौरान डीआइजी ने परिजन से कुछ घरेलू बातें भी पूछीं। किसी पर शक होने के बारे में पूछा लेकिन परिजनों ने किसी परचित पर शक से इन्कार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि फुटेज में जो शख्स कैद है कोई उसे जानता तक नहीं है।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बुधवार रात को हुई घटना के बाद सुराग जुटाने के लिए फील्ड यूनिट मौके पर पहुंची थी। पता चला कि कातिल नौ नंबर के सैंडिल पहनता है। छत से कूदने के दौरान उसका एक सैंडिल वहीं छूट गया, जिस पर 44 नंबर लिखा था। 44 नंबर यानी सामान्य भाषा में जिसे नौ नंबर माना जाता है। इसके अलावा कातिल के फुट व फिंगर प्रिंट भी मिल गए हैं जो बिल्कुल साफ हैं। मगर, यह साक्ष्य तब काम आएं जब आरोपित पकड़ा जाए। इनके जरिये पुष्टि होगी कि वही हत्या करने आया था।
गुलमोहर कॉलोनी में सादे कपड़ो में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। यह भी पढ़ें : कातिल का चेहरा हो गया बेनकाब, 25 हजार इनाम : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-bareilly-double-murder-the-face-of-the-executioner-exposed-now-25-thousand-reward-bareilly-news-19433649.htmlडॉग स्क्वायड बढ़ा फिर भटक गया
समय रहते सूचना मिली, पुलिस मौके पर पहुंची और डॉग स्क्वाड भी बुलाया गया। डॉग स्क्वाड रूपा व नीरज सत्संगी के घर में घुसा, चूंकि खून ताजा था तथा कातिल की गंध भी माहौल में थी लिहाजा वह भागा। घर के पीछे तक गया मगर, आगे जाकर भटक गया। इसके आगे पुलिस हाथ मारती रह गई। इतनी मदद जरूर मिली कि उसी रास्ते पर कैमरे खंगाले तो फटेज मिल गईं।
इस बार सर्विलांस टीम खामोश
मोबाइल फोन का उपयोग होने पर कई घटनाओं का राजफाश करने वाले सर्विलांस टीम इस बार खामोश है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि कातिलक के पास मोबाइल है या नहीं। अलबत्ता पुलिस बुधवार की रात से शुक्रवार शाम तक करीब एक हजार से ज्यादा नंबर खंगाल चुकी है। इसके अलावा तमाम लोगों के नंबर पुलिस सर्विलांस पर लगाकर खोजबीन कर रही है। बावजदू इसके अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं।
क्राइम ब्रांच दो दिन से खाली
एसपी क्राइम रमेश भारतीय की पूरी टीम लगाई गई। सुराग तो नहीं ही लगे, अब तक यह भी नहीं मालूम किया जा सका कि हत्या की वजह क्या है। जिस तरह सिर कुचलकर हत्या की गई, उससे माना गया कि कातिल पेशेवर हो सकता है। अब क्राइम ब्रांच के पास उसका फोटो है, वह अपराधियों के रिकॉर्ड से मिलान कर रहा या नहीं, वहां तक जांच नहीं पहुंची है।
सात फीट ऊंची दीवार पर बिना सहारे चढ़ा कातिल
वारदात के वक्त जब मुहल्ले वालों को भनक लग गई तो कातिल ने खुद को फंसता देखा। बाहर निकलने पर पकड़ा जाता लिहाजा कातिल दूसरी मंजिल पर गया। कातिल यहां से दीवार के सहारे छत के छज्जे पर चढ़ा। छज्जे की दीवार करीब सात फीट ऊंची है, वहां एसी का आउटर भी रखा है। आउटर पर चढ़कर तो दीवार आसानी से फांदकर दूसरी छत पर जाया जा सकता है लेकिन कातिल ने उधर गौर नहीं किया। वह सात फीट की दीवार पर बिना किसी सहारे सहारे चढ़ गया। यहां से दूसरे मकान की छत पर कूदा। इसके बाद करीब 11 फीट ऊंची दीवार से मकान के पीछे की तरफ कूदा। यहां से कूदने के दौरान ही उसका एक हाथ व एक पैर टूटा जोकि सीसीटीसी फुटेज में दिख रहा। बावजूद इसके वह पैदल चलकर फरार हो गया।
खंगाल डाले शहर के सारे अस्पताल
कातिल चोटिल है इसलिए आशंका जताई जा रही थी कि इलाज के लिए वह किसी अस्पताल में भर्ती हो सकता है। तलाश के लिए पुलिस ने शहर के छोटे और बड़े सारे अस्पताल खंगाल डाले। खास तौर पर हड्डी वाले। इसके अलावा क्लीनिक भी देख लिए। लेकिन कहीं ऐसा कोई मरीज नहीं मिला जिसके एक हाथ व एक पैर में चोट हो।यह भी पढ़ें : बैंक मैनेजर व पति की सिर कुचलकर हत्या : www.jagran.com/uttar-pradesh/bareilly-city-double-murder-in-bareilly-bank-manager-wife-and-husband-killed-19430444.html दोहरे हत्याकांड का सिरा तलाशने बैंक पहुंची पुलिस
सीता किरण होटल के पास स्थित सेंट्रल बैंक में क्षेत्रीय कार्यालय शिफ्ट हो रहा है। बीती 12 जून को रूपा सत्संगी की पोस्टिंग बतौर असिस्टेंट मैनेजर यहां हुई थी। हत्याकांड को सुलझाने की कवायद में शुक्रवार को पुलिस उनके ऑफिस पहुंची। वहां बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की, उन्हें कातिल की फुटेज भी दिखाई लेकिन किसी ने पहचान नहीं की। तमाम छानबीन के बाद भी हत्या को लेकर बैंक से जुड़ा अभी तक कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा।
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि रूपा का व्यवहार अच्छा था। किसी से विवाद की बात कभी सामने नहीं आई।शाखा प्रबंधक चेतन जेटली ने बताया कि वह भी सत्संगी दंपती के घर के पास ही रहते हैं। अक्सर रूपा को लेकर आते थे। रूपा ने उनके पिता के साथ भी काम किया है, इसलिए वह उनकी काफी इज्जत करते थे। रूपा सत्संगी का व्यवहार भी काफी अच्छा था। बैंक में कोई कर्मचारी ऐसा नहीं मिला जिससे रूपा को कोई शिकायत हो। पुलिस ने उनके कामकाज के बारे में भी पता किया। क्षेत्रीय कार्यालय में उनके पास कैश से संबंधित कोई काम नहीं था। मॉनिटरिंग करना, डाटा इकट्ठा करना यही सब काम था। इससे पहले वह बड़ा बाजार ब्रांच में काम करती थीं।
बाद में बड़ा बाजार ब्रांच के मैनेजर को एसएसपी ने अपने यहां बुलाकर उनसे पूछताछ की। लेकिन कोई ऐसी बात निकलकर सामने नहीं आई जिससे पुलिस को कुछ हासिल हो सके। यह भी पता चला कि रूपा सत्संगी ने कभी कैशियर का काम ही नहीं किया। पुलिस ने मैनेजर से बैंक में आने-जाने वालों की फुटेज मांगी है। इसके अलावा पुलिस ने बैंक कर्मियों को कातिल की सीसीटीवी फुटेज दिखाई लेकिन कोई उसे पहचान नहीं सका।
राजफाश को डीआइजी से मिले पीड़ित परिजन, गिरफ्तारी की मांग
राजेंद्रनगर के गुलमोहर पार्क कॉलोनी में सत्संगी दंपती की हत्या के बाद परिजन में भारी आक्रोश है। दुबई में रहने वाले नीरज के बड़े भाई प्रेम सत्संगी व छोटा भाई संजय परिवार के साथ शहर आ गए। शुक्रवार दोपहर में परिजन हत्याकांड के राजफाश के लिए डीआइजी से मिले। प्रेम सत्संगी, संजय सत्संगी, दिल्ली की एक कंपनी के पूर्व प्रसिडेंट रंजन, भांजा रचित व कांगेस नेता अजय शुक्ला के साथ डीआइजी राजेश पाण्डेय के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने नाराजगी जाहिर की कि हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। उनकी जल्द गिरफ्तारी की मांग की। हत्या का कारण समेत तमाम पहलुओं और जांच की प्रगति को लेकर भी बात की। इस दौरान डीआइजी ने परिजन से कुछ घरेलू बातें भी पूछीं। किसी पर शक होने के बारे में पूछा लेकिन परिजनों ने किसी परचित पर शक से इन्कार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि फुटेज में जो शख्स कैद है कोई उसे जानता तक नहीं है।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप