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Indian Railway : ट्रेन में यात्रियों को नहीं भा रहा डिब्बा बंद भोजन, बोले नहीं मिटती भूख

Indian Railway ट्रेनों की पैंट्रीकार में मिल रहा पैक्ड भोजन (रेडी टू ईट मील) यात्रियों को रास नहीं आ रहा है। यात्री ताजा दाल-चावल और थाली की मांग कर रहे हैं। उधर वेंडरों के सामने संकट है कि उन्हें सिर्फ पैक्ड व्यंजन बेचने के निर्देश हैं।

By Ravi MishraEdited By: Updated: Wed, 27 Jan 2021 01:47 PM (IST)
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Indian Railway : यात्रियों को नहीं भा रहा डिब्बा बंद भोजन, बोले नहीं मिटती भूख

बरेली, जेएनएन। Indian Railway :  ट्रेनों की पैंट्रीकार में मिल रहा पैक्ड भोजन (रेडी टू ईट मील) यात्रियों को रास नहीं आ रहा है। यात्री ताजा दाल-चावल और थाली की मांग कर रहे हैं। उधर वेंडरों के सामने संकट है कि उन्हें सिर्फ पैक्ड व्यंजन बेचने के निर्देश हैं। वेंडरों का कहना है कि इसको लेकर काफी नोकझोक होती है।

यात्रियों का कहना है कि डिब्बा बंद (रेडी टू ईट) भोजन की शुद्धता और गुणवत्ता की कोई गांरटी नहीं है। ऐसे में भोजन की थाली ही बेहतर विकल्प है। एक जून से शुरू हुई ट्रेन सेवा में जिन ट्रेनों में पैंट्रीकार की व्यवस्था है उनमें सिर्फ पैक्ड आइटम और रेडी टू ईट मील की ही सप्लाई दी जा रही है। चिप्स, बिस्किट तो यात्री ले रहे हैं, लेकिन डिब्बा बंद भोजन से तौबा कर रहे हैं।

जंक्शन में स्टाल लगाए वेंडरों के मुताबिक ट्रेन रुकने पर कई यात्री उनसे दाल, चावल, नाश्ते में पूड़ी सब्जी की डिमांड कर रहे हैं। जबकि सभी वेंडर भी इस समय पैक्ड आइटम ही रख रहे है। ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकने में कुछ ही लोग पैक्ड आइटम खरीद रहे हैं। जबकि दाल-चावल पूछने वालों की संख्या अधिक रहती है।

रेडी टू ईट से नहीं भर रहा पेट

ट्रेनों में मिल रहे रेडी टू ईट खाने से यात्रियों का पेट नहीं भर रहा है। इसके लिए लोगों ने अपनी शिकायत इंटरनेट मीडिया के माध्यम से डीआरएम मुरादाबाद से की है। जीके मिश्रा ने ट्वीट करते हुए रेल मिनिस्ट्री ऑफ इंडिया व डीआरएम मुरादाबाद, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे, पीयुष गोयल ऑफिस को ट्वीट किया है। जिसमें 90 रुपये में मिलने वाले इस खाने से एक आदमी का पेट न भरने व गरीब आदमी के लिए कोई विकल्प न होने की बात कही गई है।

 संक्रमण से बचाव के लिए सिर्फ पैक्ड आइटम ही देने की व्यवस्था है। रेल बोर्ड के आदेशों का पालन कराया जा रहा है। - राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी