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Scam In Bareilly: 20 करोड़ से अधिक के घोटाले का खुलासा, नपेंगे 25 अधिकारी-कर्मचारी; दो पैकेज में प्रस्तावित है रिंगरोड

Bareilly Scam Update News बरेली में प्रस्तावित रिंग रोड और बरेली-सितारगंज हाईवे में 20 करोड़ से अधिक की धांधली की पुष्टि हुई है। जांच में 25 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई है। सीडीओ की अगुवाई में गठित जांच कमेटी ने पूरी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। अब इन दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

By Nilesh Pratap Singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 09 Sep 2024 02:42 PM (IST)
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Bareilly News: खबर में सांकेतिक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, बरेली। बरेली-सितारगंज प्रोजेक्ट व रिंग रोड धांधली में 20 करोड़ से अधिक धन की धांधली की पुष्टि हुई है। प्रकरण में मिलीभगत-अनदेखी कर शासकीय धन को चोट पहुंचाने में शामिल 25 अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी प्राथमिक दोष तय कर लिया गया है।

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। जांच टीम में शामिल अधिकारियों के अनुसार सोमवार को पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त व जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। दैनिक जागरण ने सबसे पहले चार व पांच अगस्त को परियोजना में धांधली की खबर सबसे पहले प्रकाशित की थी, जब एनएचएआई मुख्यालय की जांच टीम शहर पहुंची थी।

700 करोड़ से 20 किमी. लंबे रिंगरोड की परियोजना

शासन ने शहर के यातायात व्यवस्था को बेहतर करने को 700 करोड़ से 20 किमी. लंबे रिंगरोड और बरेली को उत्तराखंड से जोड़ने के लिए 2159 करोड़ से 71 किमी. लंबे बरेली-सितारगंज परियोजना पैकेज-टू की स्वीकृति दी। परियोजना को धरातल पर उतारने से पहले ही राजस्व विभाग, जिला प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों-कर्मचारियों की अनदेखी व मिलीभगत से कृषि भूमि पर रातों रात निर्माण का भू-उपयोग विधि के विरुद्ध जाकर बदलते हुए अधिक मूल्यांकन कर दिया गया।

जांच के बाद धांधली की पुष्टि

प्रकरण की शिकायत पर एनएचएआई मुख्यलय से गठित जांच कमेटी ने प्राथमिक जांच में पीलीभीत में 37.83 करोड़ की धांधली की पुष्टि की। जांच कमेटी के रिपोर्ट पर एनएचएआई चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने 23 अगस्त को बरेली के तत्कालीन पीडी बीपी पाठक व लखनऊ में बैठने वाले क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया। साथ ही मुख्य सचिव उप्र. शासन मनोज कुमार सिंह को पूरे प्रकरण में और भी धांधली की आशंका को देखते हुए सक्षम एजेंसी व अधिकारियों की ओर से जांच कराने को कहा।

डीएम ने गठित की थी कमेटी

इस पर बरेली जिले में रिंग रोड व बरेली-सितारगंज परियोजना में धांधली की जांच के लिए जिलाधिकारी ने सीडीओ जग प्रवेश की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। अब जांच कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी के अनुसार रिंग रोड व बरेली-सितारगंज के बरेली जिले में धांधली की प्राथमिक जांच पूरी कर ली है। इसमें 20 करोड़ से अधिक की धांधली की पुष्टि हुई है, साथ ही 25 से अधिक कर्मचारी व अधिकारी भी दोषी पाए गए हैं। जिसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट सोमवार को मुख्य सचिव, मंडलायुक्त व जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी।

दो पैकेज में प्रस्तावित है रिंगरोड

एनएचएआई ने दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से आगरा-हाथरस, मथुरा जाने वाले राहगीरों के लिए 30.8 किमी लंबे रिंग रोड निर्माण की कार्ययोजना तैयार की है। करीब 1200 करोड़ रुपये से अलग-अलग दो पैकेज में शामिल मार्ग को शाहजहांपुर रोड रजऊ परसपुर से लालफाटक रोड तक करीब 11 किमी और रामपुर झुमका तिराहे से रामगंगा तिराहे तक 20 किमी लंबा मार्ग प्रस्तावित किया गया है। 20 किमी. वाले मार्ग पर 22 गांव के किसानों से भूमि अधिग्रहण में धांधली की पुष्टि हुई है।

बरेली-सितारगंज परियोजना को बरेली, पीलीभीत व ऊधम सिंह नगर के सितारगंज में प्रस्तावित किया गया है। 2159 करोड़ से 71 किमी. लंबे फोरलेन में बरेली में 27.75 किमी., पीलीभीत में 30.650 किमी. व ऊधम सिंह नगर में 12.40 किमी. निर्माण किया जाना है।