अकेले रह रहे बुजुर्गों के लिए IPS Anurag Arya की पहल; 10 मिनट में पुलिस पहुंचेगी घर, नवाबगंज थाने के दारोगा सस्पेंड
घर में रह रहे अकेले बुजुर्ग या दंपती को मदद पहुंचाएगी बरेली पुलिस। एसएसपी अनुराग आर्य ने एसपी सिटी व एसपी नार्थ को जिम्मेदारी दी है। हर थाना और चौकी वार बुजुर्गाें की लिस्ट बनवाई जा रही है। वहीं शिकायतकर्ता से तेज आवाज में बात करने पर एसएसपी ने नवाबगंज थाने में तैनात दारोगा सुदेश पाल सिंह को निलंबित कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बरेली। एक बार फिर से जिले की पुलिस अब बुजुर्गों की मदद को आगे आ रही है। एसएसपी के आदेश पर एसपी सिटी और एसपी नार्थ अपने-अपने क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्ग दंपती या एकल बुजुर्ग की लिस्ट तैयार करा रहे हैं। जिससे यदि उन्हें कोई समस्या होती है तो उनके दरवाजे तक स्वयं पुलिस मदद लेकर पहुंचे। उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या न हो।
जो बुजुर्ग अकेले रहते हैं उन्हें हर कोई परेशान भी करता है और यदि अचानक से उन्हें कोई जरूरत पड़ जाए तो वह भटकते हैं।
बुजुर्गाें की देखभाल करने वाला नहीं
जिले में ऐसे तमाम बुजुर्ग हैं जो अपना जीवन यापन अकेले कर रहे हैं। उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं हैं। इन्हीं लोगों की मदद को एक बार फिर से पुलिस आगे आ रही है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि लिस्ट फाइनल होने के बाद जिन बुजुर्गों या दंपतियों की कोई देखरेख करने वाला कोई नहीं हैं। उनकी देखरेख के लिए संबंधित बीट आरक्षी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। संबंधित थाना या चौकी का बीट सिपाही बुजुर्गों से संपर्क कर उनका नंबर लेगा और अपना नंबर उन्हें देकर आएगा। जिससे यदि उन्हें कभी कोई आवश्यकता होती है तो वह फोन कर सकें।दस मिनट में पहुंचेगी पुलिस
एसएसपी ने बताया कि इसके अलावा डायल 112 पर फोन करते ही समाधान को 10 मिनट के भीतर ही पुलिस पहुंच जाएगी। बीमार होने पर संबंधित पुलिसकर्मी उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराएंगे। यदि कोई उन्हें परेशान करता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध भी निरोधात्मक कार्रवाई होगी। एसपी सिटी मानुष पारीक और एसपी नार्थ मुकेश मिश्र ने बताया कि उन्होंने सभी थानों में लिस्ट तैयार करने को निर्देशित कर दिया है। जल्द ही सभी की सूची तैयार हो जाएगी।
दारोगा सुदेश पाल सिंह निलंबित
एसएसपी अनुराग आर्य ने नवाबगंज थाने में तैनात दारोगा सुदेश पाल सिंह को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि नौ अक्टूबर को जनसुनवाई के दौरान उन्होंने शिकायतर्कताओं से तेज आवाज में बात की थी। एक शिकायतकर्ता थाने पर मोटरसाइकिल चोरी की शिकायत लेकर आया। तो उससे भी उन्होंने ऊंची आवाज में बात की। जब उसने शिकायत लिखने के लिए एक कागज मांगा तो उसे कागज नहीं दिया गया।
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