Ram Mandir Ayodhya: बेहद खास हैं सूर्यवंशी रामलला के आभूषण, स्वर्ण मुकुट पर बने सूर्य चिह्न के साथ जुड़ा है ये वैभव
Ram Mandir Ayodhya अन्य आभूषण इससे कम वजन के हैं। उसी शाम को स्वजन के साथ अयोध्या पहुंचकर सभी आभूषण सौंप दिए। यह दिन हम सभी के लिए हमेशा याद रहेगा। आभूषणों के लिए सोना ट्रस्ट की ओर से उपलब्ध कराया गया था। अब चांदी का छत्र बना रहे हैं। लगभग 70 सदस्यीय टीम ने ये आभूषण तैयार कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली। अयोध्या के भव्य भवन में सोमवार को विराजे सूर्यवंशी रामलला के स्वर्ण मुकुट पर सूर्य चिह्न है। उसके ऊपर बड़े आकार का पन्ना उनके वैभव को प्रदर्शित कर रहा। प्रभु के बालरूप को निखारने के लिए मुकुट के दोनों ओर पंख बनाए गए हैं। इन पर उत्तर प्रदेश का पहचान प्रतीक चिह्न मछली और राष्ट्रीय पक्षी मोर बनाया गया है।
रामलला ने 16 आभूषण धारण किए हैं, ये सभी हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स ने तैयार किए हैं। शोरूम के डायरेक्टर मोहित आनंद ने बताया कि दो जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने फोन किया था। उनके कहने पर अयोध्या पहुंचे तो पता चला कि रामलला के आभूषण बनाने हैं। हमारा परिवार 130 वर्षों से आभूषण बनाने के कार्य में लगा है।
रामलला के आभूषण के चुना ये परिवार
प्रभु के आभूषण बनाने का आर्डर मिलना हमारे लिए चमत्कार से कम नहीं था। हमें प्रसन्नता है कि रामलला ने हमें इस कार्य के लिए चुना। अगले ही दिन लखनऊ ब्रांच के डायरेक्टर भाई अंकुर आनंद को अयोध्या भेजा। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हमसे कहा था कि आभूषण बनाते समय ध्यान रहे कि प्रभु बालरूप में हैं। राजघराने के बालक के आभूषण बनाने के लिए टीम ने काफी रिचर्स की। कई फोटो तलाशे, इसके बाद मुकुट व अन्य आभूषण की डिजाइन फाइनल हो सके।ये भी पढ़ेंः Weather News: शीतलहर का प्रकोप जारी, कड़कड़ाती ठंड से कब मिलेगी राहत पढ़ें अपडेट, आगरा में दो दिन फिर बढ़ा स्कूलों का अवकाश
70 सदस्यों की टीम ने तैयार किए आभूषण
70 सदस्यीय टीम ने लगातार जुटकर 16 जनवरी को रामलला के सभी 16 आभूषण तैयार कर दिए। इनमें मुकुट, छोटा हार, विजय माला, अंगूठी, बाजू-बंध, कड़े, पायल, तिलक, धनुष, तीर आदि शामिल है। विजय माला में दो किलो और मुकुट में 1.700 किलो सोना लगाया गया।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।