यूपी में 'सामूहिक निकाह' मामले ने नए सिरे से पकड़ा तूल, कार्यक्रम करवाने पर अड़े मौलाना, तीन पदाधिकारियों को निकाला
Maulana Tauqeer Raza शाम पांच बजे बिहारीपुर स्थित आवास पर प्रेसवार्ता में आइएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने दोहराया कि 23 हिंदू युवक-युवतियां मतांतरण के बाद अपने पार्टनर के साथ रह रहे हैं। सामूहिक निकाह के माध्यम से वे अपने रिश्ते को सार्वजनिक करना चाहते हैं। प्रथम चरण में पांच जोड़ों का निकाह 21 जुलाई को खलील स्कूल में कराया जाएगा।
जागरण संवाददाता, बरेली। 21 जुलाई को प्रस्तावित सामूहिक निकाह पर चल रहा विवाद बुधवार को नए सिरे से गर्मा गया। इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के प्रदेश संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने कार्यक्रम स्थगन की घोषणा की थी, जिसे अगले ही दिन अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने नकार दिया।
उन्होंने कहा कि तय तिथि पर कार्यक्रम होगा, इसके लिए प्रशासन की अनुमति का इंतजार है। मंगलवार को प्रशासन ने दबाव बनाकर आइएमसी पदाधिकारियों से कार्यक्रम स्थगित करने का पत्र ले लिया था। पत्र जारी करने में प्रदेश संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी, मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी, प्रवक्ता डा. नफीस खां को पद से निलंबित कर दिया है।
सामूहिक निकाह से अपने रिश्ते कर सकते हैं सार्वजनिक- मौलाना
शाम पांच बजे बिहारीपुर स्थित आवास पर प्रेसवार्ता में आइएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने दोहराया कि 23 हिंदू युवक-युवतियां मतांतरण के बाद अपने पार्टनर के साथ रह रहे हैं। सामूहिक निकाह के माध्यम से वे अपने रिश्ते को सार्वजनिक करना चाहते हैं। प्रथम चरण में पांच जोड़ों का निकाह 21 जुलाई को खलील स्कूल में कराया जाएगा।उन्होंने कहा कि हम किसी का मतांतरण नहीं करा रहे हैं। हम कानून का पालन करते हैं, इसीलिए जिला प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी।
प्रशासन की दोहरी नीति का विरोध
मंगलवार को प्रशासन के दबाव में तीन पदाधिकारियों ने कार्यक्रम स्थगन का पत्र जारी कर दिया, जोकि उचित नहीं है। हमारे पदाधिकारियों से प्रशासन ने झूठ बोला। कमरे में बैठकर कुछ कहा जाता है, बाहर आकर अलग बयान दे दिए जाते हैं। प्रशासन की दोहरी नीति का विरोध करते हैं।मौलाना बोले, सामूहिक निकाह कार्यक्रम की अनुमति का आवेदन पूर्व में ही जिला प्रशासन के पास है, हम उसकी स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। इतना तय है कि अनुमति के बाद ही कार्यक्रम करेंगे। यदि हमें अनुमति नहीं दी जाती है तो इसका कारण बताना होगा।
प्रशासन यह भी बताए कि जिन लोगों ने बिना अनुमति मंदिर या मठों से मतांतरण और शादी करा प्रमाणपत्र जारी कर दिए, उन पर क्या कार्रवाई की गई ? कानून से ऊपर उठकर जो लोग मुसलमानों को बदनाम कर रहे, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।