Bareilly वालों के लिए खुशखबरी, शहर में जल्द दौड़ेगी मेट्रो; इन दो रूट्स से होगी शुरुआत
बरेलीवासियों के लिए खुशखबरी! शहर में जल्द ही मेट्रो दौड़ेगी। दो प्रस्तावित रूटों पर सर्वे पूरा हो चुका है। बरेली में मेट्रो दौड़ाने के लिए पहले रूट में रेलवे जंक्शन-चौकी चौराहा-सेटेलाइट बस स्टैंड-रूहेलखंड यूनिवर्सिटी-फनसिटी-बैरियर-टू तिराहा तक करीब 12 किमी. और दूसरे रूट में चौकी चौराहा- पटेल चौक- कुतुबखाना चौराहा- कोहाड़ापीर आदिनाथ तिराहा आइवीआरआइ होते हुए बैरियर-टू तिराहा तक करीब साढ़े नौ किमी. लंबाई में संचालन का खाका खींचा गया है।
जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में जल्द मेट्रो संचालन के लिए विशेषज्ञों ने कवायद तेज कर दी। मंगलवार को मेट्रो निर्माता विशेषज्ञ राइट्स की ओर से शहर के दो प्रस्तावित कारिडोर व भूमि के नीचे अब तक किए सर्वे (टोपोग्राफिकल सर्वे) का प्रजेंटेशन किया गया।
विशेषज्ञों ने अक्टूबर के मध्य तक वैकल्पिक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट व दिसंबर तक डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने का दावा किया। विशेषज्ञों ने प्राथमिक चरण में दो रूटों पर मेट्रो संचालन की संभावना जताई है, जिसमें दो से छह बोगियां होंगी।
बरेली में मेट्रो दौड़ाने के लिए पहले रूट में रेलवे जंक्शन-चौकी चौराहा-सेटेलाइट बस स्टैंड-रूहेलखंड यूनिवर्सिटी-फनसिटी-बैरियर-टू तिराहा तक करीब 12 किमी. और दूसरे रूट में चौकी चौराहा- पटेल चौक- कुतुबखाना चौराहा- कोहाड़ापीर, आदिनाथ तिराहा, आइवीआरआइ होते हुए बैरियर-टू तिराहा तक करीब साढ़े नौ किमी. लंबाई में संचालन का खाका खींचा गया है।
सर्वे में शहर में ट्रैफिक लोड, चौराहे- तिराहे व अन्य पहलुओं पर सर्वे किया गया है। प्राथमिक दो रूटों पर खींचे गए खाका को लेकर राइट्स की ओर से अब टोपोग्राफिकल सर्वे शुरू कर दिया गया है। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए. व एक्सईएन एपीएन सिंह ने राइट्स के विशेषज्ञों की ओर से दिए गए प्रजेंटेशन को देखा।
जिसमें मेट्रो के प्रस्तावित दोनों कारिडोर के 30 मीटर नीचे भूमि के अंदर प्रस्तावित मार्ग पर प्राकृतिक और मानव निर्मित सुविधाओं जैसे- पाइपलाइन, बिजली लाइन, राजमार्ग, नाले, स्वायल समेत अन्य कई अन्य संरचनाओं को सर्वे के जरिए देखा।
एक्सईएन एपीएन सिंह ने बताया कि राइट्स की ओर से वैकल्पिक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट (एएआर) अक्टूबर के मध्य और डीपीआर दिसंबर के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा।
बताया कि मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की जगह मेट्रो रखने पर सहमति बनी है। मेट्रो में आठ बोगी तक होती है। वहीं सामान्य परिस्थिति में छह बोगी ही लगाए जाते हैं। जिसे भविष्य में बढ़ाया भी जा सकता है। इसको लेकर विशेषज्ञों ने ट्रैफिक एंड सलेक्शन सिस्टम का प्रजेंटेशन दिया है।बताया कि मेट्रो लाइट में दो कोच ही लगाए जाते हैं। बताया कि अक्टूबर के मध्य तक इसका प्रजेंटेशन एक बार फिर से अपडेट सर्वे के साथ मंडलायुक्त व स्टेक होल्डर के सामने किया जाएगा। बताया कि डीपीआर के साथ ही लागत की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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- प्रस्तावित मार्ग : दो
- लंबाई : 22 किमी.
- डीपीआर की लागत : 1.16 करोड़ रुपये
- एएआर रिपोर्ट की लागत : 25 लाख