37 साल जिस ट्रेन के लिए बने रहे गार्ड, उसी में मिथलेश मिश्रा ने ली आखिरी सांस
रोजा निवासी मिथलेश मिश्रा 14 साल पहले रेलवे में गार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें कई बीमारियां भी थीं जिनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। शाहजहांपुर से रविवार देर रात बेटे के साथ वह दिल्ली लखनऊ-दिल्ली स्पेशल मेल से जा रहे थे।
बरेली, जेएनएन। रोजा निवासी मिथलेश मिश्रा 14 साल पहले रेलवे में गार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें कई बीमारियां भी थीं, जिनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। शाहजहांपुर से रविवार देर रात बेटे के साथ वह दिल्ली उपचार के लिए लखनऊ-दिल्ली स्पेशल मेल से जा रहे थे। ट्रेन अभी कैंट ही पहुंची थी कि रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। कंट्रोल को सूचना देने पर ट्रेन रात तीन बजे जंक्शन पहुंची। यहां जीआरपी ने शव को ट्रेन से नीचे उतरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जीआरपी निरीक्षक विजय सिंह राणा ने बताया कि रात 2.40 पर कंट्रोल से सूचना मिली कि लखनऊ मेल के कोच बी-2 में सीट नंबर 37 पर बैठे यात्री की मौत हो गई है। रात तीन बजे ट्रेन जंक्शन पहुंची। यहां ट्रेन से शव को नीचे उतारा गया। मृतक के बेटों ने बताया कि पिता मिथलेश लंबे समय से बीमार थे। सोमवार को डॉक्टर से अप्वाइंटमेंट होने के कारण शाहजहांपुर से दिल्ली जा रहे थे। ड्यूटी के प्रति निष्ठावान पिता को 37 साल की नौकरी में कई पुरस्कार भी मिले थे और अंतिम सांस भी उन्होंने ट्रेन में ली।
कब्जा के विरोध करने पर जेठ ने तोड़ हाथ: कब्जा करने का विरोध करने पर जेठ ने महिला का हाथ तोड़ दिया। शिकायत पर पीड़िता को पुलिस ने मेडिकल के लिए भेजा है। कैंट की ठिरिया निजावत खां निवासी शबनम ने बताया कि उनके जेठ अब्बास ने अपनी पत्नी आजमा व बेटे शाहिद उर्फ पप्पू ने उनके मकान पर कब्जा कर रखा है। वह परिवार के साथ किराए पर रहती हैं। सोमवार को भी वह मकान में हिस्सा देने की बात करने गई थी। तो आरोपितों ने उनका हाथ तोड़ दिया।