Love Story Of Samreen: प्यार के लिए समरीन ने अपनाया हिंदू धर्म, मित्रपाल संग शादी के बंधन में बंधी 'सुमन यादव'
Bareilly News In Hindi दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था लेकिन समरीन के घर वाले रिश्ते में अड़चन बने हुए थे। मंदिर में शुद्धिकरण के बाद पंडित ने शादी करवाई। शादी के बाद सुमन यादव ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं की इज्जत नहीं है। तीन तलाक और हलाला जैसी घिनौनी प्रथाएं आज भी प्रचलित हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली। मित्रपाल संग सात फेरे लेकर समरीन ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। अब उनकी नई पहचान सुमन यादव है। सुमन हाफिजगंज के सेन्थल स्थित कुआं टांडा गांव की रहने वाली हैं जबकि मित्रपाल इज्जतनगर के भंडसर स्थित बरकापुर गांव के रहने वाले हैं। दोनों साथ रहना चाहते थे।
एक होने का फैसला कर चुकीं समरीन ने मित्रपाल के लिए घर छोड़ दिया। इसके बाद दोनों मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम में पंडित केके शंखधार के पास पहुंचे। अपने सभी प्रपत्र दिखाए, शुद्धिकरण के बाद आचार्य ने दोनों के विवाह की रस्म पूरी कराई।
इस्लाम में नहीं है महिलाओं की इज्जत
विवाह के बाद समरीन की नई पहचान सुमन यादव बनी। उन्होंने कहा कि मुगल आक्रांताओं के डर से पूर्वज इस्लाम धर्म की अनुयायी बन गए थे, लेकिन उनका विश्वास शुरू से ही सनातन हिंदू धर्म में है।ये भी पढ़ेंः Weather Update: यूपी के 45 जिलों में आंधी व भारी बारिश का मौसम विभाग का अलर्ट, अब भीषण गर्मी और लू से मिलेगी राहत
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हिंदू देवी देवताओं की पूजा अर्चना करती हूं। इस्लाम में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है। तीन तलाक, हलाला जैसी कुप्रथाएं प्रचलित हैं, इसलिए सनातन हिंदू धर्म स्वीकार किया है।
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