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दुकानों पर नेमप्लेट लगाकर कारोबार करें मुसलमान, ऐसा नहीं करने वाले धोखेबाज; तौकीर रजा खां का बयान

Maulana Tauqeer Raza बता दें कि मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि ऐसी पहचान बनाओ कि सामने वाला कहे कि यह मुसलमान है मिलावट नहीं करेगा। इस्लामी तरीकों से चलने पर ही इज्जत मिलेगी। दूसरे रिवाज अपनाए तो इधर के रहोगे न उधर के। दूसरे लोग सिर्फ इनकम देखते हैं यदि मुसलमान भी ऐसा करने लगेंगे तो उनमें अंतर क्या रहा।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 27 Jul 2024 10:45 PM (IST)
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मौलाना तौकीर रजा ने तीन तलाक कानून का भी समर्थन किया है।
जागरण संवाददाता, बरेली। इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि मुसलमान अपनी दुकानों-मकानों पर नेम प्लेट लगाएं। जो ऐसा नहीं कर रहे, उनकी नीयत धोखा देने की है या वे डर रहे हैं। पहचान छिपाकर कारोबार करना उचित नहीं है। साफ-सफाई रखेंगे, अच्छा कारोबार करेंगे तो आपसे ही सौदा खरीदी जाएगी। पहचान छिपाने वाले लोग कमजोर हैं।

'मुसलमानों को परेशान करने की मंशा से दिया था आदेश'

शनिवार को मौलाना ने जागरण से बातचीत में उप्र सरकार के नेमप्लेट संबंधी आदेश पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुसलमानों को परेशान करने की मंशा से आदेश जारी किया था, जिस पर कोर्ट ने रोक लगा दी। अब मुसलमानों को यह सोचना चाहिए कि वे अपनी पहचान क्यों छिपा रहे।

दरअसल, वे अपनी असली पहचान खोते जा रहे हैं। वे इतनी ज्यादा आजादी हासिल कर चुके हैं कि दाढ़ी-टोपी नहीं रखते, जीवन शैली बदल ली है। अफसोस की बात है कि हमारे मौलाना भी यह काम नहीं करा पा रहे। यदि मुसलमान होने के तौर-तरीके, हैसियत भूले नहीं होते तो सरकारी आदेश आने पर किसी तरह की परेशानी की स्थिति नहीं आती। मौलाना बोले, सरकार ने दबाव बनाया तो मुसलमान दुकानदारों ने तुरंत नेमप्लेट लगा ली। सरकार के कहने पर ही सही, अपनी पहचान में तो आए।

बोले- पहचान जाहिर करने में गर्व होना चाहिए

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाई तो दुकानदारों ने तुरंत प्लेट हटा लीं। दबाव में आकर काम क्यों करते हो। कोर्ट ने स्वेच्छा से नाम लिखने की छूट दी है, मैं तो चाहता हूं कि हर दुकानदार अपनी नेमप्लेट लगाए। अपनी पहचान जाहिर करें कि मुसलमान हैं। इसमें गर्व महसूस होना चाहिए।

तीन तलाक कानून और मीट की दुकानों पर नियम के पक्षधर

मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि मीट की दुकानों पर शीशे लगाए जाएं। साफ-सफाई की जाए। उसका परिणाम हुआ कि मीट बिक्री सफाई से होनी लगी। दुकानें भी ठीक हो गईं। सरकार की मंशा भले ही कुछ हो, उसमें सकारात्मक पक्ष जरूर देखना चाहिए।

इसी तरह तीन तलाक का कानून लागू हुआ था तब हमारे ही लोगों ने बेवजह शोर-शराबा कर दिया। मैंने उस समय भी कहा था कि एक पिता के रूप में सोचो, एक भाई के रूप में सोचो। इसके बाद खुद महसूस हो जाएगा कि तीन तलाक का कानून कितना जरूरी था। मैंने इन्हीं तर्कों के साथ कानून का पक्ष लिया था।

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