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Nagar Nigam Chunav 2022 : बरेली में परिसीमन को लेकर क्याें खुश नहीं पार्षद, पढ़िए क्या दर्ज करा रहे आपत्तियां

Nagar Nigam Chunav 2022 नगर निगम के आगामी चुनाव के लिए पार्षदों ने तैयारी शुरू कर दी है।पार्षद वर्ष 2017 में हुए परिसीमन को लेकर खुश नहीं है।इस पर आपत्तियां जताते हुए उन्होंने भाजपा महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा को पत्र दिया है।

By Ravi MishraEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 10:23 AM (IST)
Nagar Nigam Chunav 2022 : बरेली में परिसीमन को लेकर क्याें खुश नहीं पार्षद, पढ़िए क्या दर्ज करा रहे आपत्तियां
Nagar Nigam Chunav 2022 : बरेली में परिसीमन को लेकर क्याें खुश नहीं पार्षद, पढ़िए क्या दर्ज करा रहे अापत्तियां

बरेली, जागरण संवाददाता। Nagar Nigam Chunav 2022 : नगर निगम के आगामी चुनाव के लिए पार्षदों ने तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन असमंजस में भी फंस गए हैं। अगर तीन गांव नगर निगम में शामिल होंगे तो वार्डों का परिसीमन भी नए सिरे से होने की संभावना है। हालांकि पार्षद वर्ष 2017 में हुए परिसीमन को लेकर ही संतुष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस पर आपत्तियां करते हुए उन्होंने भाजपा महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा को पत्र देकर निस्तारित करने की मांग भी की है। वही, महापौर की सीट पिछड़े वर्ग की होने की संभावना जताई जा रही है।

वर्ष 2012 में हुए नगर निगम के चुनाव के वक्त शहर में 70 वार्ड शामिल थे। वर्ष 2017 में चुनाव से पहले शहर में दस वार्ड बढ़ाकर कुल 80 वार्ड कर दिए गए। दस वार्ड बढ़ाने के लिए अतिरिक्त मुहल्लों को नहीं जोड़ा गया। उस वक्त के वार्डों में से ही तोड़कर नए वार्ड बनाए गए। अब फिर चुनाव की तैयारी हो रही है। इससे पहले पार्षदों ने शहर में वार्डों के बंटवारे को लेकर आपत्तियां जताई हैं।

आरेंद्र अरोड़ा कुक्की, सतीश सक्सेना, शशि सक्सेना, हरनाम सिंह समेत अन्य पार्षदों का कहना है कि पिछली बार हुए परिसीमन में कई गड़बड़ियां हुईं। कोई वार्ड बहुत बढ़ा कर दिया गया, किसी को बहुत छोटा कर दिया। जनकपुरी व माडल टाउन को जोड़ दिया गया। माडल टाउन के कुछ हिस्से में हजियापुर का क्षेत्र शामिल कर दिया गया। इसी तरह कई मुहल्ले वार्डों से घटाए और बढ़ाए गए। महानगर अध्यक्ष ने उन्हें आपत्तियां दूर करने का आश्वासन दिया है।

तीन गांव जुड़ने पर दोबारा होगा वार्डों का परिसीमन

नगर निगम ने शहर से सटे तीन गांवों को जोड़ने के लिए करीब एक साल पहले शासन को प्रस्ताव भेजा है। धौरेरा माफी, डोहरा और करगैना गांव को जोड़ने के बाद कुछ वार्ड और बढ़ जाएंगे। अगर तीनों गांव जोड़े जाते हैं तो वार्डों का परिसीमन भी नए सिरे से करना होगा। ऐसे में वार्डों का आरक्षण भी बदल जाएगा।

- वार्डों के परिसीमन को लेकर पार्षदों ने आपत्तियां दी हैं। उनकी आपत्तियों को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। महापौर सीट के लिए भी आरक्षण का अभी पता नहीं चल पा रहा है। जो भी पार्टी का निर्णय होगा, उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा। डा. केएम अरोड़ा, महानगर अध्यक्ष, भाजपा

- बरेली का परिसीमन फिलहाल नहीं हो रहा है, इसलिए स्थिति पहले जैसी रहेगी। अन्य जगहों पर परिसीमन तय होने के बाद बरेली में सीटों का आरक्षण किया जाएगा। सबसे पहले वार्डों का आरक्षण होगा। उसके बाद महापौर सीट का आरक्षण तय होगा। डा. उमेश गौतम, महापौर

- परसीमन वार्ड का नहीं होना है, आरक्षण होना है। यदि तीन गांव जोड़े जाते हैं तो परिसीमन भी होगा। प्रदेश में तीन नगर निगम बढ़े हैं। महापौर पद का आरक्षण लखनऊ स्तर से तय होगा। पिछड़ी जाति के लिए रैपिड सर्वे कराना होगा। डा. आइएस तोमर, पूर्व महापौर

- महापौर की सीट अब तक सामान्य, पिछड़ी जाति पुरुष और महिला रह चुकी है। अब तक पिछड़ी जाति महिला, अनुसूचित जाति पुरुष और महिला के लिए सीट आरक्षित नहीं रही है। तीन नए नगर निगम बनने से इस बार महापौर सीट पिछड़ी जाति पुरुष के लिए हो सकती है। कुंवर सुभाष पटेल, पूर्व महापौर

- महापौर व वार्डों के आरक्षण की जो प्रक्रिया है, उसी के हिसाब से इस बार भी आरक्षण तय होगा। महापौर की सीट सामान्य व महिला हो चुकी है। अब पिछड़ी जाति या अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो सकती है। सुप्रिया ऐरन, पूर्व महापौर