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'CAA से घबराएं नहीं, भारतीय मुसलमानों का इससे कोई लेना-देना नहीं', बरेलवी मौलाना ने कानून का विरोध नहीं करने की अपील की

CAA का समर्थन करते हुए आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार बहुत पहले लेकर आई थी और लागू करना चाहती थी लेकिन ह़कीकत जाने बगैर ही इसका विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसलिए सरकार ने सीएए लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन करने पर पता चला कि इससे भारतीय मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 28 Feb 2024 08:20 PM (IST)
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बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बोले, सीएए कानून से न घबराएं मुसलमान (File Photo)
 जागरण संवाददाता, बरेली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी आगे आए हैं। उन्होंने इसका विरोध न करने की नसीहत मुसलमानों को दी है। मौलाना ने कहा कि सीएएए कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं है, इस कानून से डरने की जरूरत नहीं है। लोग राजनीतिक फायदा उठाने के लिए मुस्लिमों को भड़का रहे हैं।

केंद्र सरकार की ओर से सीएए लागू होने के बाद मुसलमानों के हक प्रभावित होंगे, ऐसा कहकर मुसलमानों को डराया जा रहा है। सीएए का समर्थन करते हुए आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार बहुत पहले लेकर आई थी और लागू करना चाहती थी, लेकिन ह़कीकत जाने बगैर ही इसका विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसलिए सरकार ने सीएए लागू नहीं किया।

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मौलाना ने कहा कि सीएए का अध्ययन करने पर पता चला कि कानून से भारत के मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है, बल्कि यह कानून उन लोगों से संबंध रखता है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और बर्मा से आये हुए है, जो अभी भारत में रह रहे हैं, लेकिन उनको अब तक नागरिकता नहीं मिली है। ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाएगी।

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इस कानून में भारत में रह रहे करोड़ों मुसलमानों की नागरिकता पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगना है। सदियों से यहां रहने वाले मुसलमानों की नागरिकता को छीनना मुमकिन नहीं है। मुसलमानों को इस कानून के नाम पर डराने वालों को इसे पढ़ लेना चाहिए। मौलाना ने लोकसभा चुनाव के दौरान मुस्लिमों को होशियार रहने की सलाह दी है कि इस कानून से भारतीयों को न तो नागरिकता दी जाएगी और न छीनी जाएगी।

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