UP News: दुर्लभ बीमारी गुलियन बैरे सिंड्रोम से ग्रसित निशांत की आठ साल बाद मृत्यु, हार्ट अटैक से गई जान
निशांत की मृत्यु से जीवंत देह की पीड़ा तो सारी मिट गई लेकिन पार्थिव देह के अंतिम संस्कार की पीड़ा उभर आई है। मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने जिला प्रशासन से अंत्येष्टि के संबंध में दिशा-निर्देश मांगे। बाद में शव पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के हवाले कर दिया। निशांत के पिता ने डीएम कार्यालय में पत्र देकर अंत्येष्टि के लिए बेटे का शव दिलाने की मांग की है।
2016 से मेडिकल कॉलेज में भर्ती था निशांत
शहर के मिनी बाइपास रोड स्थित अवध धाम कालोनी निवासी कांता प्रसाद ने अपने 15 वर्षीय बेटे निशांत गंगवार को दिनांक 16 जुलाई 2016 को एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। गुलियन बैरे सिंड्रोम से पीड़ित निशांत के उपचार के दौरान सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली भी ले जाया गया था। वहां से लाकर फिर एसआरएमस में भर्ती करवा दिया गया था। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद माता-पिता छोड़ कर चले गए थे। उसके बाद कोई उसे देखने भी नहीं पहुंचा।मेडिकल कॉलेज ने घरवालाें से किया था संपर्क
कुछ दिन पहले मनाया था जन्मदिन
नर्सिंग स्टाफ हर खुशियां निशांत के साथ साझा करता। उसका जन्मदिन भी अच्छे से मनाया। उसे तिलक लगाकर केक भी काटा। हर तरह से उसके परिवार की कमी को पूरा करने का प्रयास स्टाफ ने किया। शुक्रवार सुबह निशांत की मृत्यु के बाद अस्पताल प्रबंधन ने घरवालों को सूचना भेजी, लेकिन कोई नहीं आया। चिकित्सा अधीक्षक डा. (ले. कर्नल) आरपी सिंह ने डीएम को पत्र भेजकर शव के अंतिम संस्कार के संबंध में दिशा-निर्देश मांगे। शाम को पुलिस अस्पताल पहुंची और पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। इधर, देर शाम कांता प्रसाद ने डीएम कार्यालय में पत्र देकर अंतिम संस्कार के लिए बेटे का शव दिलवाने की मांग की।पुलिस को भी फोन से दी जानकारी
क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम
गुलियन बैरे सिंड्रोम लाइलाज विकार है। इससे पीड़ित के शरीर में दर्द होता है और बाद में मांस-पेशियां कमजोर होने लगती हैं। धीरे धीरे शरीर लकवाग्रस्त हो जाता है। प्रतिरोधी क्षमता प्रभावित होने के कारण इसे आटो इम्यून डिजीज भी कहते हैं। इससे तंत्रिका तंत्र पर भी असर पड़ता है और तंत्रिकाएं मस्तिष्क के आदेश न पकड़ पाती हैं और न ही मांस-पेशियों को पहुंचा पाती हैं। रोगी को किसी चीज की बनावट पता नहीं चलती। सर्दी, गर्मी और दूसरी अनुभूतियां भी महसूस नहीं होतीं। पूरा शरीर अपाहिज हो जाता है। ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Weather News: चटख धूप के साथ आज कहां होगी बारिश ? IMD ने बताया उत्तराखंड के मौसम का ताजा हाल ये भी पढ़ेंः Agra News: बहाने से मोबाइल लेकर वक्फ बोर्ड के समर्थन में किए वोट, दो गिरफ्तार; खुफिया एजेंसियाें ने की पूछताछनिशांत के कार्डियक अरेस्ट की सूचना जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन को दो दिन पहले ही भेज दी गई थी। निधन के बाद कार्रवाई का निर्देश मांगा गया था। शुक्रवार सुबह उसका निधन हो जाने के बाद पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन से दिशा निर्देश मांगा गया था। शाम को भोजीपुरा थाने की पुलिस टीम पहुंची और पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम कराने ले गई। - डा.आरपी सिंह, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, एसआरएमएस