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गौसगंज बवाल के मास्टरमाइंड बख्तावर पर लगा NSA, हिंदू युवक को घर से खींचकर पीटा था; इलाज के दौरान हुई थी मृत्यु

मुहर्रम के जुलूस में नई परंपरा का विरोध करने पर हिंदू युवक तेजराम को घर से खींचकर पीटा गया जिससे इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना में 50 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या मारपीट और अन्य गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मुख्य आरोपित बख्तावर के घर पर बुलडोजर चलाया गया और उस पर एनएसए लगाई गई है।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 07 Nov 2024 06:59 PM (IST)
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मुख्य आरोपित था पीआरडी जवान बख्तावर - जागरण
जागरण संवाददाता, बरेली। मुहर्रम के जुलूस में नई परंपरा का विरोध करने पर मुस्लिमों ने हिंदू युवक को घर से खींचकर पीटा था। मस्जिद के सामने पीटाई के बाद इलाज के दौरान हिंदू युवक की मृत्यु हो गई। मामले में 50 लोगों नामजद और 15 अज्ञात के विरुद्ध मारपीट, बलवा, तोड़फोड़, हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में प्राथमिकी लिखी गई।

आक्रोशित परिवार में युवक का अंतिम संस्कार करने से मना किया इसके बाद आरोपितों के घर पर बुलडाेजर चलाया गया। इसी मामले में अब पूरी घटना के मुख्य आरोपित बख्तावर के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है।

क्या है मामला? 

17 जुलाई को गौसगंज गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान मंदिर के सामने ढोल बजाए गए थे। हिंदुओं ने इसे नई परंपरा बताते हुए विरोध किया तो मुस्लिम पक्ष रंजिश मान बैठा। आरोप था कि शुक्रवार 19 जुलाई की रात को दर्जनों मुस्लिम युवकों ने विरोध करने वाले परिवारों पर हमला कर दिया।

कई हमलावर कृषक कुंदन के घर तोड़फोड़ करने लगे। पड़ोसी 25 वर्षीय तेजराम देखने पहुंचे तो बख्तावर, इसरत अली आदि ने दरवाजे से खींच लिया। स्वजन के अनुसार, हमलावरों ने तेजराम को मस्जिद के सामने गिराकर लाठी, डंडे, लोहे की राड एवं ईंट पत्थरों से कई प्रहार किए जिससे तेजराम गंभीर रूप से घायल हो गए।

उनके साथ चार अन्य लोगों को भी घायल किया। उपचार के दौरान तेजराम की मृत्यु हो गई। मामले में उसी रात उपद्रव, एकजुट होकर हमला करने, माहौल बिगाड़ने, हत्या के प्रयास, छेड़छाड़, सरकारी काम में बाधा, लोकसेवक पर हमला आदि धाराओं में दो प्राथमिकी लिखी गई। जिसमें 50 लोगों को नामजद और 15 को अज्ञात आरोपित बनाया गया।

इस पूरी घटना का मुख्य आरोपित बख्तावर था। आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद बख्तावर समेत नौ आरोपितों के घर पर बुलडोजर भी चलाए गए। इसी मामले में गुरुवार को पुलिस ने डीएम की अनुमति के बाद घटना के मुख्य आरोपित बख्तावर के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम एनएसए के तहत कार्रवाई की है। आरोपित अभी भी जेल में हैं।

निलंबित हो चुका है पीआरडी जवान

पुलिस के अनुसार, इसी गांव में रहने वाले पीआरडी जवान बख्तावर अली की शह पर नई परंपरा डालने का प्रयास हुआ था। विरोध पर उसके दोस्त सिपाही नफीस अहमद ने हड़काकर हिंदू पक्ष को शांत कर दिया था। इसके बाद हमलावरों का दुस्साहस बढ़ता गया। 21 जुलाई को सिपाही नफीस व पीआरडी जवान बख्तावर को निलंबित कर दिया गया।

क्या है एनएसए की कार्रवाई?

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह अधिनियम सरकार को शक्ति प्रदान करता है कि यदि उसे लगे कि किसी को देशहित में गिरफ्तार करने के की आवश्यकता है तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है। संक्षेप में कहा जाए तो यह अधिनियम किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।

19 जुलाई को शाही के गौसगंज में मारपीट, बलवा, तोड़फोड़, हत्या के प्रयास की घटना हुई थी। जिसके मुख्य आरोपित बख्तावर समेत 50 नामजद समेत 15 अज्ञात के विरुद्ध दो प्राथमिकी लिखी गई। घटना में एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। इसी मामले में डीएम के आदेशानुसार मुख्य आरोपित को एनएसए के तहत निरुद्ध किया गया है। -- अनुराग आर्य, एसएसपी।

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