Pilibhit Bull Attack News : पीलीभीत में सांड़ का आतंक, ली एक और बुजुर्ग की जान, दहशत में लोग
Pilibhit Bull Attack News पीलीभीत में सांड का आतंक है। जिसने एक और बुजुर्ग की जान ले ली। इसके साथ ही अब तक लोग सांड के हमले का शिकार हो चुके हैं ।जिसके बाद उनके बीच दहशत का माहौल हैं।
By Ravi MishraEdited By: Updated: Mon, 29 Aug 2022 03:28 PM (IST)
पीलीभीत, जागरण संवाददाता। Pilibhit Bull Attack News : सड़कों, गलियों से लेकर खेतों तक में विचरण कर रहे बेसहारा गोवंशीय पशु जानलेवा साबित हो रहे हैं। कभी सड़क पर बेसहारा पशु से टकराकर दुपहिया वाहन सवार घायल हो रहे तो कभी खेतों में फसलों की रखवाली करने वाले किसानों पर सांड़ के हमले हो रहे हैं।
सांड़ के हमले में कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद भी पशुपालन विभाग की ओर से बड़ी संख्या में बेसहारा घूम रहे इन पशुओं के लिए आश्रय का इंतजाम नहीं किया जा रहा। इस बीच बरखेड़ा में एक सांड़ के हमले में कई दिन पहले गंभीर रूप से घायल हुए बुजुर्ग किसान की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
बरखेड़ा ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत डंडिया रांझे के मजरा बरगदा में ग्राम प्रधान दयाशंकर के दादा हीरालाल विगत शनिवार को तड़के करीब तीन बजे लघुशंका के लिए उठे। वह लघुशंका निवारण के लिए घर से बाहर निकले। इसी दौरान एक सांड़ ने पीछे से उनका हमला कर दिया।
चीख-पुकार मचने पर बुजुर्ग के स्वजन और पड़ोसी जाग गए और मौके पर पहुंचे। लोगों ने सांड़ को भगाया। इस बीच सांड़ के हमले में बुजुर्ग की गर्दन व शरीर के अन्य हिस्सों में काफी चोट आई। उन्हें सीएचसी ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल के साथ ही स्वजन ने निजी अस्पताल में भी उनका इलाज कराया लेकिन फिर भी जान नहीं बच सकी। इससे पहले बरखेड़ा क्षेत्र के ही गांव सिसैया में 70 वर्षीय अयोध्या प्रसाद की सांड़ के हमले में मृत्यु हो चुकी है। पिछले दिनों बिलसंडा क्षेत्र मेंं भी सांड़ के हमले में किसान की मृत्यु हुई।
बीसलपुर और माधोटांडा क्षेत्र में भी सांड़ के हमले की घटनाएं होती रही हैं। दरअसल जिले में 42 गोशालाएं संचालित हो रहीं। इनमें 2652 गोवंशीय पशु पल रहे हैं और लगभग इतनी ही संख्या में बेसहारा घूम रहे हैं।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अरविंद कुमार के अनुसार 11 अन्य गोशालाओं का निर्माण जिले में विभिन्न स्थानों पर चल रहा है। बेसहारा घूमने वाले सभी गोवंशीय पशुओं को पकड़वाकर नई गोशालाओं में भिजवाने की व्यवस्था कराई जाएगी।
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