'कार्बन डाइआक्साइड छोड़ते हैं पौधे', किताब का उल्टा ज्ञान देख चकरा गया टीचर का दिमाग, अधिकारी को दी सूचना तो..
UP Govt School Book सुधार के लिए पत्राचार की औपचारिकता हो रही मगर पूरा प्रकरण व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा। शिक्षकों ने बताया कि कक्षा चार के लिए आई पर्यावरण की पुस्तक में एक अध्याय का हिस्सा त्रुटिपूर्ण है।
जागरण संवाददाता, बरेली : पुस्तक प्रकाशन में जिम्मेदारों की लापरवाही बच्चों को उल्टा (गलत) पाठ पढ़ा रही। प्रदेश के बेसिक स्कूल की कक्षा चार की पुस्तक में लिख दिया कि पौधे आक्सीजन खींचते और कार्बन डाइआक्साइड छोड़ते हैं। एक अप्रैल से सत्र शुरू होने के सप्ताह बाद शिक्षकों का इस पर ध्यान गया। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को सूचना दी है।
इसमें सुधार के लिए पत्राचार की औपचारिकता हो रही मगर, पूरा प्रकरण व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा। शिक्षकों ने बताया कि कक्षा चार के लिए आई पर्यावरण की पुस्तक में एक अध्याय का हिस्सा त्रुटिपूर्ण है। पृष्ठ संख्या 56 पर श्वसन समझाने के लिए पौधों के बारे में बताया गया।
लिखा कि ‘हमारी तरह पौधे भी सांस लेते हैं। इस क्रिया को श्वसन कहते हैं। पौधे श्वसन क्रिया में आक्सीजन गैस अंदर खींचते और कार्बन डाइआक्साइड बाहर निकालते हैं। यह क्रिया दिन-रात होती है।’ शिक्षकों ने आपत्ति जताई कि इस विपरीत तथ्य से बच्चे भ्रमित हो जाएंगे। वास्तविकता में पेड़-पौधे जीवनदायी आक्सीजन देते हैं, बच्चों को संरक्षण एवं रोपण के बारे में अधिकतम पढ़ना चाहिए।
लखनऊ से बरेली तक लापरवाही
पुस्तक में अध्याय चयन, उसे तैयार कराने, त्रुटिहीन प्रकाशन समेत सभी जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की है। इसके बाद जिला केंद्रों पर पुस्तकें आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य समेत चार सदस्यीय टीम दोबारा निरीक्षण करती है। इन दोनों स्तरों पर लापरवाही के बीच बच्चों तक गलत अध्याय पहुंच गया।