Lok Sabha Election: प्रवीण सिंह ऐरन बरेली से सपा प्रत्याशी, 2009 में संतोष गंगावार को हराया, पत्नी रह चुकीं मेयर, ये है राजनीतिक सफर
Lok Sabha Election 2024 पीडीए में नहीं बंधी सपा बरेली मंडल की चारों सीटों के अलग समीकरण देखकर टिकटों पर फैसला 18 लाख मतदाताओं वाले इस संसदीय क्षेत्र में जातिगत समीकरण को भी ध्यान में रखा गया। अखिलेश यादव ने टिकट देकर जातिगत आंकड़े ध्यान में तो रखे हैं लेकिन इस बार पीडीए का फॉर्मूला यहां नहीं चलाया गया है।
अनुज मिश्र, बरेली। आंवला लोकसभा सीट पर नीरज मौर्य के नाम के एलान के बाद बरेली सीट पर भी समाजवादी पार्टी ने पत्ते खोल दिए। वर्ष 2009 में जीत दर्ज करने वाले प्रवीण सिंह ऐरन को सपा प्रत्याशी बनाया गया है। करीब 18 लाख मतदाताओं वाले इस संसदीय क्षेत्र में जातिगत समीकरण को भी ध्यान में रखा गया है।
विधानसभा चुनाव के समय जब सपा ने सुप्रिया पर भरोसा जताया, तभी से प्रवीण सिंह ऐरन का नाम एक बार फिर से बरेली लोकसभा सीट पर तेज हुआ। अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि चुनाव के लिए पार्टी हाईकमान तक जो नाम पहुंचे, उनमें पहला नाम प्रवीण सिंह ऐरन का ही था। पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, भूपेंद्र कुर्मी व मनोहर पटेल का नाम भी पहुंचा।
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ये है राजनीतिक सफर
- प्रवीण सिंह ऐरन वर्ष 1989 में पहली बार जनता दल के टिकट पर कैंट विधानसभा से विधायक बने।
- वर्ष 1993 के चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा लड़े और विधायक बनें।
- वर्ष 1995 में स्वास्थ्य मंत्री की उन्हें जिम्मेदारी मिली।
- कुछ समय बाद उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन ने भी राजनीति में प्रवेश किया और वर्ष 2006 में महापौर बनीं।
- वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऐरन को लोकसभा का टिकट दिया था।
- उस चुनाव में ऐरन ने भाजपा के संतोष गंगवार को हराया था।
- वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के समय ऐरन ने कांग्रेस का साथ छोड़ा
- लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
- पार्टी में शामिल होते ही सपा ने उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन को कैंट विधानसभा से प्रत्याशी बनाया।
- हालांकि भाजपा के संजीव अग्रवाल से उनको हार का सामना करना पड़ा।
सीट पर ये हैं जातिगत आंकड़े
इस सीट पर पांच लाख मुस्लिम और करीब 2.75 लाख कुर्मी मतदाता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐरन कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, जबकि सपा-बसपा गठबंधन से पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार एवं भाजपा से संतोष गंगवार मैदान पर थे। उस चुनाव में संतोष गंगवार की जीत हुई, भगवत दूसरे और ऐरन तीसरे स्थान पर थे।
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