Religious Conversion : बरेली में माैलाना शहाबुद्दीन बाेले- तर्क संगत नहीं मुस्लिमों पर मतांतरण का आरोप लगाना
Religious Conversion मुस्लिमों पर मतांतरण का आरोप लगाने वाले एक साजिश के तहत ऐसा कर रहे हैं जो कि साक्ष्यों के विरुद्ध और तर्क संगत नहीं है। यह बात दरगाह आला हजरत से जुड़े व तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कही।
By Ravi MishraEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 01:47 PM (IST)
बरेली, जेएनएन। Religious Conversion : मुस्लिमों पर मतांतरण का आरोप लगाने वाले एक साजिश के तहत ऐसा कर रहे हैं, जो कि साक्ष्यों के विरुद्ध और तर्क संगत नहीं है। यह बात दरगाह आला हजरत से जुड़े व तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कही। तंज़ीम के महानगर स्थित कार्यालय पर हुई बैठक में उन्होंने कहा कि मतांतरण का राग अलाप कर इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है जोकि सरासर गलत और कूटरचित है।
सच्चाई यह है कि किसी को भी जबरदस्ती व प्रलोभन देकर मुसलमान नहीं किया जा सकता। भारतवर्ष में सूफिज्म से प्रभावित होकर लोग बुजुर्गों, सूफी-संतो की खानकाहों में आते थे और उनके रहन सहन, भक्ति, वंदना और इबादत के तरीके को देख कर उनके गुणों को अपना लेते थे। यही से इस्लाम फैला है।सूफी बुजुर्गों से मानवता का पाठ पढ़ कर लोगों ने अवाम में फैली भ्रांतियों के त्याग को अभियान चलाया। बोले, फिरका परस्त लोग राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे शिगूफे छोड़ते हैं, जो कि देश की गंगा-जमुनी तहजीब और एकता अखंडता के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि अगर कोई शख्स प्रलोभन देकर मतांतरण कराता है तो उसके खिलाफ जरूर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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