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Pitbull Attack: बरेली में मालिक पर हमलावर हुआ पिटबुल, प्रतिबंध के बावजूद डिग्री कॉलेज के चेयरमैन ने पाला डॉग

Bareilly News बरेली में प्रतिबंधित पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने अपने ही मालिक आदित्य गंगवार पर हमला कर दिया। हमले में आदित्य के मुंह पर गंभीर चोटें आईं और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी। नगर निगम ने कुत्ते को पकड़कर शेल्टर होम में रखा है। इस घटना ने एक बार फिर से प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों को पालने के खतरों को उजागर किया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 13 Nov 2024 09:55 AM (IST)
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Bareilly News: प्रतिबंधित प्रजाति का कुत्ता पिटबुल। सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, बरेली। प्रतिबंधित प्रजाति के पिटबुल अपने ही मालिक आदित्य गंगवार पर हमलावर हो गया। दुलारते समय कुत्ते ने उनके मुंह पर झपट्टा मार दिया। हमले में घायल आदित्य को होठ की सर्जरी करानी पड़ी। नगर निगम ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछा है कि प्रतिबंधित प्रजाति का कुत्ता क्यों पाला और पंजीकरण के संदर्भ में जानकारी क्यों नहीं दी।

शहर निवासी आदित्य गंगवार के पिता शंकर लाल गंगवार शिव ज्ञान डिग्री कॉलेज के चेयरमैन हैं। उन्होंने छह महीने पहले पिटबुल प्रजाति का सफेद कुत्ता पाला था। सोमवार सुबह आदित्य उसे टहला रहे थे। इसी दौरान उसने हमला कर दिया। वह झटककर दूर हटे, फिर स्वजन को बुलाया। उन्होंने पिटबुल को बांधने के बाद आदित्य को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

घायल की करानी पड़ी सर्जरी, नगर निगम ने कुत्ते को शेल्टर होम पहुंचाया

दोपहर को पिटबुल को जंगल में छोड़ दिया। इसकी जानकारी हुई तो नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आदित्य तिवारी सक्रिय हुए। उन्होंने बताया कि वन रेंजर वैभव चौधरी से संपर्क कर एक टीम जंगल में भेजी गई। वहां से पिटबुल को पकड़कर नगर निगम की ओर से बनाए गए शेल्टर होम में एकांत स्थल में रखा गया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

पिटबुल के आने से घबरा गए कर्मचारी

मंगलवार को डा. आदित्य ने बताया कि पिटबुल शांत है मगर कर्मचारी उसके पास जाने से घबरा रहे हैं। वह किसी अन्य पर हमलावर न हो, इसलिए निगरानी की जा रही है। पिटबुल के हमले में अन्य शहरों में भी लोग घायल हुए थे। जिसके बाद इस नस्ल के डॉग के लिए प्रतिबंध जारी किया गया था। लोग फिर भी इसे चोरी से पाल रहे हैं।

कुत्ता पालने का नियम 

किसी भी प्रजाति का कुत्ता पालने के लिए नगर निगम में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए 500 रुपये पंजीकरण शुल्क देना होता है। नगर निगम में नियम है मगर, इसका पालन कराने के प्रति गंभीरता नहीं बरती जा रही। अब तक सिर्फ 130 कुत्तों का ही पंजीकरण हुआ है। पिटबुल जैसे प्रतिबंधित प्रजाति के कुत्ते न पाले जाएं, इसकी जांच के लिए भी निर्धारित टीमें नहीं हैं।

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चोरी छिपे पाल रहे पिटबुल कुत्ता

घटना होने के बाद नगर निगम के अधिकारी कह रहे कि चोरी छिपे पिटबुल पाला गया होगा। जो लोग प्रतिबंध से पहले ऐसे कुत्ते पाल रहे, उनके लिए भी नियम है। वे अनिवार्य रूप से ऐसे कुत्तों की नसबंदी कराएं ताकि प्रजाति न बढ़े। 

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