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रुखसार से राधा बनी युवती ने प्रेमी संग मंदिर में लिए सात फेरे, तीन साल पहले हुई थी मुलाकात

Bareilly News क्योलड़िया के मेथी गांव निवासी रुखसार करीब तीन साल से देहरादून की एक सिलाई फैक्ट्री में काम कर रही हैं। वहीं पर उनकी मुलाकात बहेड़ी के शकरस गांव निवासी कुमेंद्र के साथ हुई। दोनों में बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खा ली। रुखसार के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 05 Jun 2024 07:29 PM (IST)
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रुखसार से राधा बनी युवती ने प्रेमी संग मंदिर में लिए सात फेरे
जागरण संवाददाता, बरेली। रुखसार ने मुस्लिम धर्म त्यागकर हिंदू धर्म अपना लिया। इज्जतनगर के भीटा नाथ मंदिर में बहेड़ी निवासी कुमेंद्र के साथ सात फेरे लिए और अपना नाम राधा रख लिया। हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने विवाह की रस्म पूरी कराई।

क्योलड़िया के मेथी गांव निवासी रुखसार करीब तीन साल से देहरादून की एक सिलाई फैक्ट्री में काम कर रही हैं। वहीं पर उनकी मुलाकात बहेड़ी के शकरस गांव निवासी कुमेंद्र के साथ हुई। दोनों में बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खा ली।

पांच दिन पहले देहरादून से आए थे घर

रुखसार के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। परिवार में सिर्फ मां और तीन भाई हैं। जब रुखसार ने कुमेंद्र से शादी की बात परिवार वालों से की तो उन्होंने इसका विरोध कर दिया। पांच दिन पहले दोनों देहरादून से अपने-अपने घर आ गए। परिवार को मनाने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने।

धर्म परिवर्तन के बाद नाम रखा राधा

इसके बाद तीन दिन पहले रुखसार ने अपना घर छोड़ दिया और कुमेंद्र के पास आ गई। बात जब हिंदू संगठनों तक पहुंची तो उन्होंने दोनों का विवाह इज्जतनगर के भीटा नाथ मंदिर में करा दिया। धर्म परिवर्तन के बाद रुखसार ने अपना नाम बदलकर राधा रख लिया है।

हिंदू संगठनों के अनुसार, रुखसार को भगवान श्री राम में ही शुरू से आस्था है। देहरादून में रहने के दौरान भी वह कुमेंद्र के साथ हिंदू रीति रिवाज से पूजा पाठ करती थीं। तभी से मुस्लिम धर्म त्यागकर सनातन हिंदू धर्म स्वीकार करने की ठान ली थी।

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