Solar Panel: अब सोलर पैनल लगवाना हुआ आसान, 30 हजार रुपये सब्सिडी दे रही सरकार; बिजली इंजीनियर देंगे जानकारी
मनमाने बिजली बिल और अघोषित कटौती से परेशान होकर सोलर पैनल लगवाने जा रहे लोगों के लिए अब राहत भरी खबर है। सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया और बिल संबंधी तकनीकी जानकारी बिजलीघर इंजीनियरों द्वारा उपलब्ध कराएगा। उपभोक्ता नेट मीटरिंग की सुविधा से जुड़कर पैनल से बनी बिजली को खर्च करने के बाद बची ऊर्जा को डिस्काम को दो रुपये प्रति यूनिट बेचकर वैकल्पिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली। मनमाने बिजली बिल और अघोषित कटौती से परेशान होकर सोलर पैनल लगवाने जा रहे लोगों के लिए अब राहत भरी खबर है। सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया और बिल संबंधी तकनीकी जानकारी बिजलीघर इंजीनियरों द्वारा उपलब्ध कराएगा।
विभाग की ओर से इसके लिए डिवीजन स्तर पर एक्सईएन को नोडल प्रभारी बनाया है। उपभोक्ता नेट मीटरिंग की सुविधा से जुड़कर पैनल से बनी बिजली को खर्च करने के बाद बची ऊर्जा को डिस्काम को दो रुपये प्रति यूनिट बेचकर वैकल्पिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के फेज-2 आनग्रिड तकनीकी से सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर solar rooftop.gov.in शुरू किया गया है। पोर्टल पर उपभोक्ता को बिजली बिल के साथ आवेदन करना होगा।
आवेदन स्वीकृत होने पर संबंधित क्षेत्र के बिजलीघर से अनुमति के साथ ही डिस्काम में सूचीबद्ध एजेंसियों की जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी। उपभोक्ता अपनी इच्छा अनुसार किसी एक एजेंसी का चयन कर सकता है। एजेंसी द्वारा पैनल लगाकर नेट मीटरिंग शुरू किए जाने के बाद तकनीकी गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट का काम नेडा की विशेषज्ञ टीम को करना होगा।
नेडा और रिपोर्ट के बाद संबंधित क्षेत्र के बिजलीघर से उपभोक्ता की नेट बिलिंग शुरू कर दी जाएगी। उपभोक्ता पैनल की बिजली का उपयोग अपने घर के लिए कर सकेगा और बची हुई ऊर्जा को डिस्काम को बेच सकेंगे। इससे को वैकल्पिक आय तौर पर बिल में छूट मिलेगी।
नेडा की रिपोर्ट के आधार पर उपभोक्ता को प्रदेश सरकार की ओर से दो किलोवाट तक आनग्रिड सोलर पैनल लगवाने पर 30,000 रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है। केंद्र सरकार से 1-3 किलोवाट तक का सोलर पैनल लगवाने पर 18,000 रुपये प्रति किलोवाट सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। जबकि 4-10 किलोवाट तक का पैनल लगवाने पर केवल केंद्र सरकार की ओर से नौ हजार रुपये प्रति किलोवाट की दर से सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी है। सब्सिडी की रकम सीधे उपभोक्ता के खाते में पहुंचेगी।
मध्यांचल डिस्काम में अनुबंधित वेंडर्स के अनुसार दो किलोवाट का पैनल लगवाने पर एक लाख 20 रुपये उपभोक्ता को खर्च करने होंगे। इसी तरह पांच किलोवाट पर तीन लाख के करीब खर्च आएगा। सब्सिडी की रकम नेट बिलिंग शुरू होने के बाद उपभोक्ता के खाते पहुंच जाएगी।डिवीजन स्तर पर नेट मीटरिंग के लिए एक्सईएन को नोडल बनाया गया है। नेट मीटरिंग उपभोक्ताओं के बिल आसानी से बन सकें, इसके लिए जल्द विभाग की डीएसएम की मदद से इंजीनियर व कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कराएंगे।
अंबा प्रसाद वशिष्ठ, अधीक्षण अभियंता, बरेली शहरीजिले में इन दिनों 500 नेट मीटरिंग उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं की सब्सिडी की रकम जारी हो चुकी है।- एके श्रीवास्तव, जिला परियोजना अधिकारी, नेडा
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