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सौतेली मां की आदतों और बीवी की बेवफाई ने बनाया साइको Killer, हर औरत से करने लगा नफरत- 6 को सुलाया मौत की नींद

Bareilly Police News आरोपी ने पुलिस को बताया कि 10-15 मीटर अंदर चले जाने के बाद कोई रास्ते से गुजर भी जाए तो शक नहीं कर पाता था। साड़ी से चुनरी से गला घोंटकर गांठ बांध देता था। जिससे किसी भी दशा में महिला के जीवित रहने की गुंजाइश ना रहे। किसी भी घटना में उसने मोबाइल का प्रयोग नहीं किया।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 09 Aug 2024 05:02 PM (IST)
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पुलिस ने ऑपरेशन तलाश के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

जागरण संवाददाता, बरेली। शाही-शीशगढ़ में महिलाओं की हत्या के पीछे साइको किलर का हाथ निकला। सौतेली मां की क्रूरता व पत्नी के छोड़ जाने के चलते वह महिलाओं के प्रति उग्र हो गया। अकेली महिला देख वह गुस्से पर काबू नहीं पा पाता और उन्हें मौत के घाट उतार देता।

— Ammar Khan (@AmmarSageer) August 9, 2024

खास बात यह कि किसी भी घटना में उसने मुख्य मार्ग का इस्तेमाल नहीं किया। गांव की पगडंडियों से होकर खेतों-खेतों घटनास्थल पहुंचता। महिलाओं से कुछ देर बात के बाद संबंध बनाने का दबाव बनाया। विरोध पर घटना कारित करता। जून 2023 से जुलाई 2024 में हुई महिलाओं की छह हत्या की बात आरोपित ने स्वीकारी है। आरोपित कुलदीप मूलरूप से नवाबगंज के बाकरगंज गांव का निवासी है।

गला घोंटकर करता था हत्याएं

जून 2023 से जुलाई 2024 के बीच शाही-शीशगढ़ क्षेत्र में एकांत स्थान, जंगल व खेत में अधेड़ उम्र की महिलाओं की गला घोटकर सिलसिलेवार हत्याएं हुईं। एक-एक कर नौ घटनाएं हुईं जिसमें तीन का पुलिस ने राजफाश कर दिया लेकिन, छह घटनाएं राज बनीं रहीं। तीन जुलाई को फिर एक महिला की गला घोंटकर हत्या की गई।

बरेली एसएसपी ने शुरू किया था ऑपरेशन तलाश

एसएसपी ने एक वार रूम की स्थापना कर राजफाश के लिए आपरेशन तलाश की शुरू किया। बाडी वार्न कैमरों से लैस होकर पुलिसकर्मियों ने गांव-गांव की पगडंडिया नापी। इस बीच आरोपित के हुलिए के बारे में पता चला। तीन स्केच जारी किये गए जिसमें से एक की पुष्टि हुई। उसी स्केच के आधार पर पुलिस आरोपित तक पहुंची।

पिता की दूसरी शादी करने के बाद हुआ उग्र

पुलिस के अनुसार, आरोपित कुलदीप की दो सगी बहनें हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। सगी मां की मृत्यु हो चुकी है। पिता बाबूराम ने पहली पत्नी के जीवित रहते ही दूसरी शादी कर ली। कुलदीप का आरोप है कि पिता सौतेली मां के कहने पर मां के साथ मारपीट करता था। जिससे सौतेली मां के प्रति विद्वेष का भाव आ गया।

इन सबके बीच साल 2014 में उसकी शादी हो गई। पत्नी से भी सामान्य व्यवहार नहीं रहा। कई बार उसका गला दबाने का प्रयास किया जिससे साल 2018 में वह छोड़कर चली गई। इसी के बाद वह कुंठित रहने लगा। नशे का आदी हो गया।

घर छोड़कर खेतों में जंगल में भटकता था

बीते साल से घर से निकलकर आस-पास के जंगल व गांव-गांव अकेला भटकने लगा। महिलाओं के प्रति कुंडा, विद्वेष के चलते कुंठा की भावना से देखने लगा। बीते साल एक जुलाई को शाही के आनंदपुर की रहने वाली प्रेमवती की उसने गला घोंटकर पहली हत्या की।

फिर कुच्छा, खरसैनी के बाद शीशगढ़ के लखीमपुर, जगदीशपुर व बीते माह शाही के बुझ़िया जागीर की रहने वाली अनीता देवी को मौत के घाट उतारा। किसी को शक ना हो, इसलिए कभी मुख्य मार्ग का प्रयोग नहीं करता था। खाली हाथ आता-जाता था।

अकेली महिलाओं पर ही करता था हमला

अकेली महिलाओं को देखकर ही उन पर हमला करता था। सुनिश्चित कर लेता था कि पीछे कोई नहीं है। यदि अचानक कोई आत जाता तो घटना कारित नहीं करता। सभी घटनाओं के गन्ने के खेत में कारित किये जोन के सवाल पर आरोपित ने बताया कि वहां आड़ होती है।

आने-जाने के लिए किसी साधन का प्रयोग भी नहीं किया। प्रेस कांफ्रेंस कर एसएसपी अनुराग आर्य ने घटना का राजफाश किया। इस दौरान एसपी दक्षिणी मानुष पारीक, एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र व सीओ बहेड़ी अरुण कुमार सिंह मौजूद रहे।

हत्या के बाद ट्राफी के रूप में रखता था निशानी

एसएसपी के अनुसार, प्रत्येक घटना कारित करने के बाद आरोपित ट्राफी के रूप में निशानी रखता था। तीन जुलाई को अनीता देवी की हत्या के बाद आरोपित उसके ब्लाउज का टुकड़ा, बिंदी, लिपिस्टिक, वोटर आइडी कार्ड साथ ले गया। इसी तरह मधुसूदन की हत्या के बाद हसिया ले गया।

घटना के दौरान विरोध के समय मधुसूदन ने आरोपित के हसिया मारा था। धानवती की हत्या के बाद आधार कार्ड ले गया। हत्या के बाद प्रत्येक महिलाओं का वह स्वयं से नाम भी रखता था। लाए गए सामान को ट्राफी बताता था।

डीजीपी मुख्यालय से भी निगरानी, मेडल की सिफारिश

एसएसपी ने बताया कि घटना के राजफाश में सिपाही सरफराज, उत्तम कुमार, शेखर वर्मा व अमित चौधरी ने प्रशंसनीय काम किया। इसके साथ शाही एसओ अमित कुमार, दारोगा करन सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश कुमार, वाजिद हुसैन, शीशपाल सिंह, सुशील कुमार, रविंद्र सिंह, शेखर वर्मा, अंकित पवार, आसिफ व मोहित ने भूमिका निभाई।

आपरेशन तलाश में सर्विलांस प्रभारी रामगोपाल शर्मा, एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा, साइबर सेल प्रभारी अभिषेक कुमार, सतेंद्र भड़ाना, सतीश कुमार, इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी धनंजय पांडेय व देवरनिया इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह धामा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पूरी टीम को एसएसपी ने 25 हजार रुपये नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया। यह भी बताया कि मेडल के लिए शासन स्तर से इन पुलिसकर्मियों की सिफारिश की गई है। बता दें कि चुनौती बनी सिलसिलेवार हत्याओं की डीजीपी कार्यालय से निगरानी की जा रही थी।

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