Suresh Raina Retirement: क्रिकेटर सुरेश रैना के फैसले से बरेली के खिलाड़ियों का लगा झटका, बोले- सन्यास लेना जल्दबाजी
Suresh Raina Retirement क्रिकेटर सुरेश रैना का बरेली के खिलाड़ियों से नात रहा है। उनके सन्यास लेने के फैसले से बरेली के खिलाड़ियों का झटका लगा हैं। उनका कहना है कि सन्यास लेना जल्दबाजी हैं। रैना ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन से अपनी उपयोगिता को साबित किया था।
By Ravi MishraEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 10:15 AM (IST)
बरेली, जागरण संवाददाता। Suresh Raina Retirement : इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में 205 मैचों में 32.5 की औसत और 136.7 के स्ट्राइक रेट से 5528 रन बनाने वाले सुरेश रैना (Suresh Raina) को सबसे ज्यादा कैच पकड़ने वाले क्षेत्र रक्षकों में गिना जाता है। आइपीएल (IPL) उपनाम से पहचान बनाने वाले रैना को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (Mahendra Singh Dhoni) का करीबी माना जाता है।
दो दशकों में टीम इंडिया (Team India) में लंबे समय तक स्थान बनाने वाले उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों में मोहम्मद कैफ के बाद रैना ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन से अपनी उपयोगिता को साबित किया। टीम इंडिया के 18 टेस्ट मैचों में एक शतक की बदौलत 768, 226 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 5615 और 78 टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों 1605 रन बनाने वाले सुरेश रैना 2011 में विश्व कप मुकाबला जीतने वाली टीम के सदस्य रहे।
उनका बरेली के खिलाड़ियों से भी सीधा नाता रहा। यूपी के खिलाड़ियों को टीम इंडिया और आइपीएल में अपना जलवा बनाने की सीख देने वाले सुरेश रैना अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के क्षेत्रीय स्टेडियम में वर्ष 2001 में आए थे। आइये जानते हैं रैना के संन्यास पर जिले के क्रिकेट प्रेमियों के विचार।
सुरेश रैना के संन्यास से सभी को थोड़ी क्षति पहुंची है। सुरेश रैना ने उत्तर प्रदेश को और पूरी भारत को गौरवांवित किया। उन्होंने धोनी के साथ भी अच्छी दोस्ती निभाते हुए साथ ही वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया था।- मनीष सिंह, क्रिकेट प्रेमी
सुरेश रैना एक बेहतरीन फील्डर थे। उनको देखते हुए बहुत कुछ सीखने को मिला। जिस तरह देश के लिए वह खेले उनकी कमी कभी कोई पूरी नहीं कर सकता। - अनंत भटनागर, क्रिकेट प्रेमी
सुरेश रैना का बैटिंग, बालिंग के साथ ही फील्डिंग में भी कोई तोड़ नहीं रहा। कहते हैं कि वह पूरी तरह से क्रिकेटर थे। फील्डिंग के दौरान ऐतिहासिक कैच और बालिंग के कर उन्होंने कई बार टीम को जीत के पायदान तक पहुंचाया। - शुभम मिश्रा, क्रिकेट प्रेमी
एक अच्छे क्रिकेटर के साथ ही वह अच्छे व्यक्तित्व के धनी भी हैं। इस बात को दर्शकों ने कई बार मैच के दौरान अपने साथियों के साथ व्यवहार करते हुए भी देखा होगा। उन्हें अभी कुछ साल और खेलना चाहिए था। सीताराम, सचिव, बरेली क्रिकेट एसोसिएशन
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