अब देसी गाय-भैंस भी बनेंगी सरोगेसी मदर, टेस्ट ट्यूब से पैदा होगी मुर्रा-साहीवाल जैसी ज्यादा दूध देने वाली नस्ल
अब कम दूध देने वाली देसी गाय और भैंस भी सरोगेसी मदर बनकर ज्यादा दूध देने वाली नस्लों को जन्म देंगी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) ने टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का इस्तेमाल कर साहीवाल और मुर्रा जैसी नस्लों के कृत्रिम भ्रूण तैयार किए हैं जिन्हें देसी गाय-भैंस के गर्भाशय में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है। नए साल से सरोगेसी मदर्स से बच्चे मिलने शुरू हो जाएंगे।
मोहसिन पाशा, जागरण बरेली। कम दूध देने वाली गाय-भैंस अब सरोगेसी मदर बनकर अधिक दूध देने वाली प्रजातियां तैयार करेंगी। इसके लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के कृत्रिम भ्रूण प्रयोगशाला में टेस्ट ट्यूब बेबी तैयार किए गए।
इन्हें देसी गाय-भैंस के गर्भाशय में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित भी किया जा चुका। नए साल से सरोगेसी मदर्स से बच्चे मिलने शुरू हो जाएंगे। वैज्ञानिक डॉ. एमएच खान, डॉ. ब्रजेश कुमार, विक्रांत सिंह चौहान, एके पांडेय ने इस परियोजना पर काम शुरू किया।
IVRI की कृत्रिम भूमि प्रयोगशाला में काम करते वैज्ञानिक डॉ. बृजेश कुमार। संस्थान
उन्होंने बताया कि साहीवाल गाय हो या मुर्रा भैंस, ऐसी प्रजातियां प्रतिदिन 15 से 25 लीटर तक दूध देती हैं। इनके विस्तार एवं अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी फार्मूले पर काम किया गया।
उन्होंने बताया कि साहीवाल गाय हो या मुर्रा भैंस, ऐसी प्रजातियां प्रतिदिन 15 से 25 लीटर तक दूध देती हैं। इनके विस्तार एवं अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी फार्मूले पर काम किया गया।
इन प्रजातियों की गाय-भैंस और अच्छी प्रजाति के बछड़े का सीमन लेकर फर्टिलाइजेशन के लिए सीओ-2 इंक्यूवेटर मशीन में 24 घंटे तक रखा गया। यह मशीन 38.05 तापमान पर काम करती है।
फर्टिलाइजेशन होने के बाद इसे आठ दिन टेस्ट ट्यूब में रखा गया। इसके बाद भ्रूण को पालने-विकसित करने के लिए कम दूध देने वाली गाय-भैंस के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया। पहले चरण में पांच गाय-भैंस में इस तरह प्रत्यारोपण किया जा चुका है।
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