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Bareilly News: माता-पिता के हत्यारे को फांसी की सजा; जज ने रामचरित मानस की चौपाई का किया उल्लेख, कहा-दोषी को दंड देना जरूरी

Bareilly Crime News In Hindi बरेली में बुजुर्ग माता-पिता के हत्यारे को फांसी की सजा दी है।पुलिस को पता चला कि लालता प्रसाद के पास 60 बीघा जमीन थी उन्होंने उमेश को अलग से भी 10 बीघा जमीन दिलाई थी। इससे दुर्वेश बौखलाया हुआ था। संपत्ति विवाद में दोनों को मारी थीं तीन-तीन गोलियां पूजा करते समय किया था हमला l

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 31 Jan 2024 11:30 AM (IST)
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बरेली में बुजुर्ग माता-पिता के हत्यारे को फांसी की सजा

जागरण संवाददाता, बरेली। संपत्ति विवाद में माता-पिता के हत्यारे दुर्वेश को मंगलवार को फांसी की सजा सुना दी गई। अपर सेशन जज-14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने आदेश में रामचरित मानस के उत्तरकांड की चौपाई का उल्लेख किया- ‘जौ नहिं दंड करौं खल तोरा, भ्रष्ट होई श्रुति मारक मोरा’। अर्थात, दोष हेतु दंड न दिया जाए तो श्रुति का मार्ग भ्रष्ट हो जाता है।

दोषी ने माता-पिता के पवित्र रिश्ते पर कलंक लगाया। उसका अपराध विरल से विरलतम श्रेणी में आता है, इसलिए मृत्यु दंड दिया जाए! इस आदेश के बाद पुलिसकर्मी दोषी दुर्वेश को दोबारा जेल की ओर ले गए। उसके चेहरे की रंगत उड़ी हुई, सिर झुका हुआ था...।

गोलियों से भून दिए थे मां बाप

तारीख- 13 अक्टूबर 2020, स्थान- बहरोली गांव, समय- सुबह छह बजे। सेवानिवृत शिक्षक लालता प्रसाद घर में पूजा कर रहे थे। उनकी पत्नी मोहिनी देवी शौचालय में थीं। मीरगंज कस्बा में किराये के मकान में रहने वाला उनका बड़ा बेटा दुर्वेश कुमार अचानक घर में घुसा, और पिता को तमंचे से तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी। फायरिंग की आवाज पर मोहिनी देवी ने शौचालय का दरवाजा खोला तो उन्हें भी तीन गोलियां मारीं।

इस बीच 50 मीटर दूर दूसरे मकान में रहने वाले छोटे भाई उमेश कुमार पहुंचे, मगर अंधाधुंध फायरिंग करते दुर्वेश को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा सके। वह चीखते-चिल्लाते रहे, इस बीच दुर्वेश माता, पिता की हत्या कर फरार हो गया। 

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संपत्ति में हिस्सा मांगने पर हुआ दोहरा हत्याकांड

वह संपत्ति में हिस्सा मांगने लगा तो वर्ष 2010 में 20-20 बीघा जमीन दोनों बेटों को देकर लालता प्रसाद ने शेष 20 बीघा अपने पास रखी। दुर्वेश इससे संतुष्ट नहीं था। उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगीं, मगर सफलता नहीं मिलने पर कुर्की वारंट जारी हुआ। नौ नवंबर 2020 उसकी गिरफ्तारी हो सकी। उसने बयान दिए थे कि माता-पिता ने अपने हिस्से की 20 बीघा जमीन और पेंशन भी उमेश को दे दी थी।

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उसे बंटवारे में पुराना मकान मिला, पिता से उसका भी रास्ता नहीं मिला। इसी आक्रोश में घटना कर दी। उसके बाद से दुर्वेश जेल में था। 23 जनवरी को कोर्ट ने उसे दोषी सिद्ध किया, मंगलवार को फांसी की सजा सुना दी। उस पर अर्थदंड भी डाला गया है।

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