Bareilly News: बढ़ती गर्मी से बढ़ रहा डायरिया का प्रकोप, जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड मरीजों से भरा
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में करीब 22 बेड है। इसमें से 21 बेडों पर बच्चे भर्ती है। जिसमें से 17 बच्चे डायरिया के बाकी अन्य बीमारियों से ग्रसित है। डाक्टरों का कहना है कि गर्मी की वजह से बच्चों में डिहाइड्रेशन तेजी से हो रहा है।
By Vivek BajpaiEdited By: Updated: Mon, 06 Jun 2022 10:47 AM (IST)
बरेली, जेएनएन। बच्चे भीषण गर्मी की चपेट में आना शुरू हो चुके है। इससे डायरिया के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। रविवार शाम तक जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में करीब 17 बच्चे डायरिया से पीड़ित भर्ती थे।
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में करीब 22 बेड है। इसमें से 21 बेडों पर बच्चे भर्ती है। जिसमें से 17 बच्चे डायरिया के बाकी अन्य बीमारियों से ग्रसित है। डाक्टरों का कहना है कि गर्मी की वजह से बच्चों में डिहाइड्रेशन तेजी से हो रहा है। साथ ही बच्चों को बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की वजह से वह डायरिया की चपेट में आ रहे है। उधर, दूसरी ओर ओपीडी में भी बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है। अभी तक 70-80 मरीज आते थे। मगर इन्हीं मरीजों की संख्या बढ़कर 100 के पार हो चुकी है। हालांकि रविवार को जिला अस्पताल की ओपीडी नहीं थी, लेकिन सोमवार को सबसे ज्यादा भीड़ होने की आशंका जताई जा रही है। उधर, प्राइवेट अस्पतालों में भी डायरिया के करीब 50 फीसदी बच्चे बढ़ गए है। डाक्टरों का कहना है कि डायरिया के बच्चों के साथ गंभीर डायरिया के मरीज भी तेजी से बड़ रहे है।
मां का दूध पीने वालों में डायरिया नहीं: बच्चों के डाक्टर रवि खन्ना बताते है कि इन दिनों गर्मी की वजह से करीब 50 फीसदी बच्चे डायरिया के आ रहे है। इसमें कई केस काफी गंभीर हालत में भी पहुंच रहे है। इसमे सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जो बच्चे मां का दूध पी रहे है, उन्हें डायरिया नहीं हो रहा है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा मां का दूध ही पिलाएं। साथ ही कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
इन बातों का रखें ध्यान- जो बच्चे मां का दूध पी सकते है, उन्हें मां का दूध पिलाएं
- बोतल को कम से कम एक बार पानी में उबालें- बाहर के कटे हुए फल न खाएं- दस्त होने पर सबसे पहले सही मात्रा में बनाकर ओआरएस घोल दें- ओआरएस का पैकेट हमेशा घर में रखें- बच्चों को खिलौने वो दें, जिन्हें हर दिन धो सकें- हाथ धोना नियमित करें, जैसे कोरोना के समय में किया था
- बच्चों को शहद वाले निपल की आदत न डालें, अगर है तो उसे भी दिन में कई बार धोएं
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