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'स्वर्ग में हूं, जल्द आ रहा हूं वापस', जेल में बैठ दोस्तों से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था शूटर

Bareilly Latest News पीडब्ल्यूडी ठेकेदार की हत्या के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद शूटर आसिफ का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। उसमें वह दोस्तों से लाइव संवाद के दौरान कह रहा कि अभी स्वर्ग में हैं जल्दी ही बाहर आ रहे...। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित हुआ तो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ गए। शूटर हत्या के मामले में जेल में बंद है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 14 Mar 2024 11:39 AM (IST)
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जेल में बैठ दोस्तों से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था शूटर

जागरण संवाददाता, बरेली। पीडब्ल्यूडी ठेकेदार की हत्या के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद शूटर आसिफ का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। उसमें वह दोस्तों से लाइव संवाद के दौरान कह रहा कि 'अभी स्वर्ग में हैं, जल्दी ही बाहर आ रहे...।'

इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित हुआ तो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ गए। वीडियो के पार्श्व में देख रहे कुछ सुराग के आधार पर एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान मान रहे कि इसे जेल में ही बनाया गया है। जेल अधीक्षक विजय कुमार का तर्क इससे इतर है। उन्होंने कहा कि सात मार्च को आसिफ पेशी पर शाहजहांपुर गया था, संभव है कि वहीं किसी से मोबाइल फोन ले लिया हो।

हत्या के मामले में जेल में है बंद

दिसंबर 2019 में शाहजहांपुर के पीडब्ल्यूडी ठेकेदार राकेश यादव की हत्या हुई थी। इसमें शूटर आसिफ की गिरफ्तारी हुई थी। तभी से वह सेंट्रल जेल में है। वीडियो में वह दोस्तों से लाइव संवाद के दौरान कह रहा कि चिंता करने की बात नहीं है, स्वर्ग में मौज ले रहा हूं। बड़ों का आशीर्वाद है। उसके एक परिचित ने चैटिंग पर कोई सवाल किया बोला कि दोस्त तो दिल में रहते हैं। जिंदगी में सबकुछ पैसा ही नहीं होता...! पैसा क्या है ? कोई तुम्हें तुम्हारी दिलेरी-वफादारी के लिए याद करे, यह भी जरूरी होता है।

एक परिचित ने रुपयों को लेकर संवाद किया तो कहने लगा कि पैसे चाहिए हों तो हमसे ले लो। हत्या के आरोप में बंद होने के बावजूद वह बेखौफ होकर बात करता दिख रहा। इस पर एसएसपी का कहना है कि वीडियो की जानकारी होने पर एसपी सिटी राहुल भाटी को जेल भेजा गया मगर, मोबाइल फोन आदि नहीं मिला। वीडियो के पार्श्व में दिख रही दीवार के आधार पर आशंका है कि इसे जेल में ही बनाया गया। जेल अधीक्षक का कहना है कि जेल परिसर में मोबाइल फोन का उपयोग संभव नहीं है। वह सात मार्च को पेशी पर गया था, उसी दौरान मौका पाकर वीडियो बना लिया होगा।

उमेश पाल हत्याकांड में संदिग्ध रही जिला जेल की सुरक्षा

जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर इससे पहले भी सवाल उठ चुके हैं। पिछले वर्ष प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड का षड्यंत्र जिला जेल में बनाया गया था। पुलिस की जांच में इसकी पुष्टि हुई थी कि जिला जेल में बंद अशरफ से गिरोह के लोगों का संपर्क बना हुआ था। उस मामले में जेल वार्डन, कैंटीन संचालक समेत कई को जेल हुई थी। इस बार सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था कटघरे में है।

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