Murder in Bareilly Mental Hospital: निदेशक कार्यालय से जुड़े टेलर की हत्या के तार, सीसीटीवी का बंद होना खड़े कर रहा सवाल
सीबीगंज के जौहरपुर के रहने वाले महेश चंद्र मानसिक चिकित्सालय में वार्ड ब्वाय के समकक्ष कर्मचारी थे। वह टेलरिंग करते थे। मंगलवार को स्टोर परिसर में उनका शव कमरा नंबर-4 के सामने अधजली अवस्था में मिला था। उनके हाथ पर दाहिने कंधे की ओर से रस्सी बंधी थी।
By Vivek BajpaiEdited By: Updated: Thu, 21 Apr 2022 06:14 PM (IST)
बरेली, जेएनएन। मानसिक चिकित्सालय में टेलर महेश चंद्र की हत्या सुनियोजित थी। कातिल सिर्फ महेश चंद्र के आने के इंतजार में था। सुबह 8.26 पर महेश चंद्र परिसर में दाखिल हुए। इसके चंद मिनटों बाद 8.34 पर परिसर के कैमरे बंद हो गए और दोपहर 12.15 तक बंद रहे। कैमरों का कमांड कंट्रोल चिकित्सालय की निदेशक के कार्यालय में है। वहां आन-आफ बटन में छेड़खानी की गई थी। लिहाजा, पुलिस मान रही है कि टेलर की हत्या के राज निदेशक कार्यालय से जुड़े हैं क्योंकि आन-आफ बटन जहां लगा है। वह पर्दे के पीछे था। ऐसे में उस जगह की जानकारी सिर्फ उसी को होगी जिसका नियमित आना-जाना है। अटेंडेंट शक के दायरे में हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर हत्या के बाद जलाने की पुष्टि हुई है।
सीबीगंज के जौहरपुर के रहने वाले महेश चंद्र मानसिक चिकित्सालय में वार्ड ब्वाय के समकक्ष कर्मचारी थे। वह टेलरिंग करते थे। मंगलवार को स्टोर परिसर में उनका शव कमरा नंबर-4 के सामने अधजली अवस्था में मिला था। उनके हाथ पर दाहिने कंधे की ओर से रस्सी बंधी थी। गले पर निशान थे। शुरुआती कहानी में जिस बात का अंदेशा जताया जा रहा था बुधवार को वही कहानी सामने आई। डाक्टरों के पैनल ने महेश चंद्र का पोस्टमार्टम किया जिसमे गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। हत्या के बाद शव जलाने की कहानी सामने आई। इधर, तफ्तीश में जुटी पुलिस को हैरत करने वाली जानकारी मिली। सुबह 8.34 से दोपहर 12.15 तक कैंपस के कैमरे बंद थे। महेश चंद्र सुबह 8.26 पर परिसर में दाखिल हुए थे। लिहाजा, साफ हो गया है सुनियोजित तरीके से ही कैमरा बंद किया गया। इसी दौरान महेश की हत्या की गई। ऐसे में पुलिस अंदेशा जता रही है कि कातिल के निदेशक कार्यालय से आना-जाना था या फिर उसके दूसरे साथी ने कैमरा बंद करने में सहयोग किया। लिहाजा, हत्या में एक से अधिक के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है। परिसर में कुल 24 कैमरे लगे हैं।
महेश ने नहीं किया था लंच, टिफिन में रखा मिला खाना: रोज की तरह महेश मंगलवार को भी टिफिन लेकर आए थे। पुलिस ने बाइक से उनके टिग्गी खंगाली तो टिफिन निकला। टिफिन में खाना रखा था। जानकारी के मुताबिक, दोपहर एक बजे के आस-पास ही महेश लंच करते थे। इधर, वह टिफिन कैसे करते। उससे पहले ही उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था क्योंकि इस दौरान उनकी बेटी पूजा ने भी फोन किया था लेकिन, उनके पिता का फोन नहीं उठा था।
68 लोग कर रहे हैं काम, 20 से पूछताछ: बारादरी पुलिस के मुताबिक, मानसिक चिकित्सालय में 68 लोग काम करते हैं। उनके से अब तक 20 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है जिसमे हत्या से जुड़े कोई सुराग हाथ नहीं लगे हैं। बारी-बारी से पुलिस एक-एक शख्स से पूछताछ कर रही है।
टेक्नीकल टीम बुलाकर सही कराए गए थे कैमरे: चिकित्सालय की निदेशक डा. मनीषा अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि मंगलवार को सुबह सवा दस बजे वह कार्यालय दाखिल हुई तो कैमरे बंद थे। कर्मचारी को बुलाकर इस बावत उन्होंने जानकारी की। टेक्नीकल टीम को बुलाया गया। टेक्नीकल टीम पहुंची। दोपहर 12.15 के बाद कैमरे शुरू हुए।
परिचालक ने बंद कराया ताला, चार दिन की फुटेज सुरक्षित: सवाल यह हुआ कि आखिर स्टोर परिसर के मेन गेट का ताला किसने बंद किया। पुलिस को बताया गया कि परिचालक रामलोचन ने ताला अटेंडेंट से ताला बंद कराया। अटेंडेंट सीसीटीवी कैमरे में ताला लगाते दिख रहा है। इधर, पुलिस ने बीते चार दिनों की फुटेज सुरक्षित रख ली है। चारों दिन की फुटेज खंगाल यह देखा जा रहा है कि जिस प्रकार से सुनियोजित ढंग से हत्या की गई है। उस हिसाब से बीते चार दिनों में कातिल ने कोई ने कोई हरकत जरूर की होगी।
सुसाइड नोट की कहानी निकली झूठी, हैंड राइटिंग का मिलान जारी: जिस बात का अंदेशा जताया जा रहा था, वहीं कहानी सामने आई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने महेश के खुदकुशी की बात झूठला दी। साफ है कि सुसाइड नोट की कहानी पुलिस को गुमराह करने के लिए रची गई। इधर, पुलिस बरामद रजिस्टर से सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग के मिलान में जुटी है। यहां से भी कातिल तक पहुंचने में पुलिस काे काफी हद तक मदद मिलने की उम्मीद है।
कर्ज में डूबे थे महेश: पुलिस के मुताबिक, महेश का मोबाइल खंगाला गया तो हैरान करने वाली जानकारी मिली। पता चला कि महेश पर लाखों रुपये कर्ज था। लिहाजा, सूदखोरी के एंगल पर भी पुलिस जांच कर रही है।
चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल: महेश हत्याकांड से मानसिक चिकित्सालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल है कि पूरे दिन महेश का शव पड़ा रहा। किसी को भनक तक नहीं लगी। साफ है कि कातिल को पता था कि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था उसके लिए चुनौती नहीं बनेगी। अब कैमरा बंद होने के दौरान व उससे पहले गेट से कौन आया और कौन बाहर निकला। पुलिस सभी नामों को खंगाल पूछताछ कर रही है। चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था अटेंडेंट के ही भरोसे है।
बारादरी इंस्पेक्टर नीरज मलिक ने बताया कि महेश की पत्नी ने मानसिक चिकित्सालय स्टाफ पर हत्या का आरोप लगाया है। तहरीर के आधार पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस हर बिंदुओं पर जांच में जुटी है।
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