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Bareilly News: उत्तराखंड का सफर और होगा आसान, बिना हल्द्वानी जाए पहुंचेंगे काठगोदाम, सितारगंज तक फोरलेन बनाएगा NHAI

Bareilly News In Hindi नवदिया झादा पर बनेगा ओवरब्रिज मयूर वन चेतना केंद्र पर बदलेगा डिजाइन। इस कार्य के लिए करीब 2277 किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा राशि दी जाएगी। वहीं जिले में दुर्घटनाएं रोकने के लिए काम तेज कर दिया है। सर्वाधिक दुर्घटना वाले ब्लैक स्पाट नवदिया झादा व मयूर वन चेतना केंद्र पर दुर्घटना रोकने के इंतजाम होंगे।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 06 Jan 2024 12:01 PM (IST)
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पीलीभीत रोड के रिठौरा के पास बना एनएचएआइ का टोल l जागरण

जागरण संवाददाता, बरेली। नाथ नगरी से देवभूमि उत्तराखंड की यात्रा अब और सुगम होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) इसी वर्ष बरेली-सितारगंज मार्ग का चौड़ीकरण करने जा रहा है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज कर दी है। 70.8 किमी. की परियोजना में आठ स्थानों पर बाइपास का निर्माण किया जाएगा।

सितारगंज तक पहुंचने के बाद यात्री सीधे काठगोदाम को जा सकेंगे। इससे उन्हें हल्द्वानी के भीड़ भरे बाजार में नहीं जाना पड़ेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर बड़ा बाइपास से पीलीभीत होकर सितारगंज तक फोरलेन निर्माण की लंबे समय से मांग चल रही थी। परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण पर किसानों की ओर से सहमति मिलने के बाद नववर्ष में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज कर दी है।

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1,314 करोड़ रुपये की परियोजना में 70.8 किमी. सड़क के लिए 2,277 किसानों से भूमि ली जा रही है। इसमें 1,600 से अधिक किसान पीलीभीत के हैं। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक बीपी पाठक के अनुसार बरेली-सितारगंज मार्ग के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। कार्यदायी संस्था 80 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण होते ही निर्माण शुरू करेगा।

पहले चरण में 647 करोड़ और दूसरे चरण में 667 करोड़ रुपये से सड़क निर्माण किया जाएगा। बरेली में 27.75 किमी., ऊधमसिंह नगर में 12.40 किमी. और पीलीभीत में 30.650 किमी. मार्ग बनाया जाएगा।

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आरसीएल को मिली जिम्मेदारी, भारत माला कारिडोर में शामिल 

एनएचएआइ अधिकारियों के अनुसार परियोजना को भारत माला कारिडोर में शामिल किया गया है। इसके तहत बरेली के रिठौरा, नवाबगंज-हाफिजगंज, पीलीभीत के जहानाबाद, अमरिया, बड़ेपुरा, नकटपुरा, मालापुरी, उत्तराखंड के सितारगंज में आठ बाइपास बनाए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार अभी लोग बरेली से किच्छा होकर हल्द्वानी होते हुए नैनीताल जाते हैं। इसके बनने से सितारगंज होते हुए बाइपास के जरिए हल्द्वानी के बाहर निकल सकेंगे।

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इसकी जिम्मेदारी आरसीएल को दी गई है। इससे ऊधम सिंह नगर समेत अन्य जिलों की राह भी आसान होगी। सितारगंज से काठगोदाम तक सीधा मार्ग है। वहां से आसानी से जाया जा सकेगा। दावा किया कि 2,277 किसानों में 565 किसानों को मुआवजा राशि वितरित कर दी गई है। मार्च-अप्रैल तक 80 प्रतिशत अधिग्रहण कर काम शुरू कर दिया जाएगा।

'बरेली-सितारगंज मार्ग का टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। 2,277 किसानों में 565 को मुआवजा राशि बांट दी है। प्रयास है कि जल्द ही अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण कर सड़क निर्माण शुरू करा दिया जाए।'- बीपी पाठक, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ

'जिले में सर्वाधिक दुर्घटना वाले ब्लैक स्पाट नवदिया झादा पर ओवरब्रिज का निर्माण व मयूर वन चेतना केंद्र की सड़क को रि-डिजाइन के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया है। साथ ही अन्य दुर्घटना बहुल्य स्थानों पर सर्वे के रिपोर्ट के बाद जरूरी काम कराए जाएंगे।' दिनेश कुमार, आरटीओ प्रवर्तन बरेली

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