UP Crime : एक लाख रुपये के लिए दोस्त की हत्या, कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा
अरमान ने देरी की बात कहकर मां इशरत और भाई तौसीफ को घर भेज दिया। कहा कि हिसाब-किताब के बाद तस्लमी भी घर पहुंच जाएगा। कुछ देर बाद तस्लीम के मोबाइल पर काल आई। फोन पर अरमान ने कहा कि अभी कुछ देर और लगेगी हिसाब हो रहा है। आधी रात गुजरने के बाद इशरत ने फिर अरमान को फोन किया पूछा कि तस्लीम कहां हैं?
जागरण संवाददाता, बरेली : एक लाख रुपये के लिए दोस्त को कोल्डड्रिंक में जहर पिलाकर हत्या कर दी। छह साल चले इस केस में कोर्ट ने हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी को सजा होने तक जमानत ही नहीं मिली।
वारदात छह वर्ष पुरानी है। फरीदपुर के मिर्धान मुहल्ला निवासी तसलीम उर्फ सलमान और अरमान उर्फ बाबू में गहरी दोस्ती थी। तस्लीम के पिता की मृत्यु के बाद मां इशरत जहां ने रुपये की व्यवस्था कर उसकी दुकान रखवा दी ताकि घर की रोजी-रोटी चलती रहे।
दूसरी तरफ अरमान का काम धंधा नहीं चला तो उसने तस्लीम से एक लाख रुपये उधार लिए थे। वक्त बीतता गया, लेकिन अरमान ने रुपये वापस नहीं किए। जब तस्लीम रुपयों मांगे तो शुरू में अरमान ने टालमटोल की बाद में राजी हो गया।
सात अक्टूबर, 2018 को अरमान ने तस्लीम को फोन कर रुपये लौटाने के बहाने घर बुलाया। इस पर तस्लीम अपनी मां इशरत और छोटे भाई तौसीफ के साथ अरमान के घर पहुंचा।अरमान ने देरी की बात कहकर मां इशरत और भाई तौसीफ को घर भेज दिया। कहा कि हिसाब-किताब के बाद तस्लमी भी घर पहुंच जाएगा। कुछ देर बाद तस्लीम के मोबाइल पर काल आई। फोन पर अरमान ने कहा कि अभी कुछ देर और लगेगी हिसाब हो रहा है। आधी रात गुजरने के बाद इशरत ने फिर अरमान को फोन किया पूछा कि तस्लीम कहां हैं? अरमान ने कहा कि पहुंच रहा है।
आखिरी काल पर अरमान ने कहा कि तस्लीम रुपये लेकर जा चुका है। मां बोली- मगर वह अभी तक घर नहीं पहुंचा। इसके बाद तस्लीम को ढूंढने का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह इशरत जहां फिर अपने परिवार के साथ अरमान के घर पहुंची। तस्लीम अरमान की छत पर बने उसके कमरे में मरणासन्न अवस्था में पड़ा था। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे। आनन-फानन में तस्लीम को अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस पूछताछ में अरमान ने बताया कि कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर तस्लीम को पिला दिया था। मृतक की मां की ओर से अरमान उसकी मां रेशमा व पिता यूसुफ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया। चार्जशीट में मात्र अरमान का नाम दर्ज रहा। गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने आरोपित रेशमा व यूसुफ को वर्ष 2021 में तलब कर लिया। डेढ़ साल बाद दोनों आरोपितों ने कोर्ट में सरेंडर किया। सरकारी वकील रीतराम राजपूत ने अदालत में 11 गवाह पेश किए। अपर सेशन जज-प्रथम हरेंद्र बहादुर सिंह ने दोषी अरमान को उम्रकैद व 18 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। कोर्ट ने सबूत के अभाव में दोषी के माता-पिता को आरोप से बरी कर दिया।
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