जामताड़ा की तरह यूपी का बदायूं जिला भी बन रहा साइबर ठगों का गढ़, जानिए कैसे बनाते हैं शिकार
UP Cyber Crime झारखंड का जामताड़ा जनपद साइबर अपराध के मामलों का गढ़ माना जाता है। जामताड़ा की ही तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश का बदायूं जिला भी उभर रहा है। साइबर अपराध की दुनिया में बदायूं के चार गांव के युवा अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
By Samanvay PandeyEdited By: Updated: Wed, 29 Sep 2021 04:03 PM (IST)
बरेली, (अंकित गुप्ता)। UP Cyber Crime : झारखंड का जामताड़ा जनपद साइबर अपराध के मामलों का गढ़ माना जाता है। यहां के लोग फोन पर बात करते-करते आपके खाते से पैसे चुरा लेते हैं। इनकी खास बात ये है कि ये होते तो लड़के हैं लेकिन लड़कियों की आवाज में बात करके अपने शिकार को फंसाते हैं। जामताड़ा की ही तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश का बदायूं जिला भी उभर रहा है। साइबर अपराध की दुनिया में बदायूं के चार गांव के युवा अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
इनकी खास बात यह है कि यहां कोई पांचवीं तो कोई आठवीं तक पास है, किसी के पास हाईस्कूल तो किसी ने बस इंटरमीडिएट ही किया। न अच्छी शिक्षा है न कंप्यूटर ज्ञान, इसके बाद भी जनपद के बिसौली के गांव संग्रामपुर, लक्ष्मीपुर, पपगवां और दबतोरी गांव के लोग साइबर ठगी के माहिर हैं। महंगे मोबाइलों में नई तकनीक वाले साफ्टवेयर की उन्हें जानकारी है। कई ऐसे हैं जो खुद लड़की की आवाज निकाल कर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, तो कई साफ्टवेयर का सहारा लेकर लड़की बन जाते हैं। कभी हवाला के लिए चर्चा रहे यह गांव आज देश भर में साइबर ठगी के लिए जाने जा रहे हैं। यह दावा इसलिए किया गया क्योंकि देश का शायद ही कोई प्रदेश हो जहां की पुलिस इन चार गांवों में दबिश देने न पहुंची हो।
बिसौली क्षेत्र के संग्रामपुर, लक्ष्मीपुर, पपगवां और दबतोरी गांव के आसपास घूमने-फिरने वाले युवाओं को देखेंगे तो लगेगा कि पास में ही कोई बड़ा शहर है। युवाओं के पास महंगी और नई नई मॉडल की बाइक, हाथों में महंगे मोबाइल आम बात है। गांव के आसपास के लोग बताते हैं कि यहां के युवा साल में छह महीने गांव के बाहर रहते हैं और फिर यहीं आ जाते हैं। जब जाते हैं तो खाली हाथ लेकिन वापस आने पर उनके ठाठ देखते बनते हैं।
हाल ही के दिन आई बाहर की पुलिस ने जिन नामों की जानकारी ली वह ऐसे नाम थे, जिनके बारे में पहले नहीं सुना गया। लेकिन बाद में गांव के लोगों की आपसी चर्चा में सामने आया कि यह सभी नई उम्र के लड़के हैं, जिनका बीते कुछ दिनों से दिल्ली और दिल्ली एनसीआर के जिलों में आना जाना बढ़ गया है। हालांकि स्थानीय पुलिस की माने तो अब इन गांवों से कोई शिकायत नहीं आ रही है। बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर कोई काम नहीं चल रहा है।
महिलाएं व युवतियां भी शामिलः साइबर ठगी के लिए लोगों को फोन करने के लिए अब महिलाओं और युवतियों का भी सहारा लिया जा रहा है। कुछ युवा तो लड़कियों की आवाज में बात करते ही हैं, लेकिन धीरे धीरे पैसे के लालच में महिलाएं भी इसमें शामिल हो रही है। एक दिन पहले हमने बताया था कि कई परिवार एनसीआर के जिलों में जाकर बस गए हैं, उन परिवारों की महिलाएं ही इसमें अन्य युवतियों व महिलाओं को शामिल कर रही हैं।
कहां दबी है 11 साल पुरानी जांचः बिसौली थाना क्षेत्र के गांव संग्रामपुर, लक्ष्मीपुर, पपगवां और दबतोरी में हवाला कारोबार के बाद अब साइबर ठगी का धंधा फल फूल रहा है। बताते हैं कि पूर्व में जब इस गांव के लोगों को लग्जरी कारों में घूमते और आलिशान कोठियों में रहते देखा गया तो इस मामले की जांच शुरू की गई थी। पाया गया था कि कई आलिशान कोठियों वाले लोगों के बीपीएल कार्ड बने हुए थे। जांच के बाद इनके नाम बीपीएल सूची से तो हटा दिए गए, लेकिन जांच में क्या हुआ, इसकी क्या रिपोर्ट बनी अब तक सामने नहीं आई है। इस मामले की पूरी पड़ताल करते हुए खबर दी जाएगी।
चार ठगों को ढूंढने आई सिद्धार्थनगर पुलिसः मंगलवार को स्थानीय लाेगों ने बताया कि सोमवार रात से लक्ष्मीपुर गांव में सिद्धार्थनगर पुलिस घूम रही है। बताया कि सिद्धार्थ नगर में किसी बड़ी ठगी के मामले में यहां के चार लोगों के नाम सामने आए हैं। इसके चलते पुलिस ने लक्ष्मीपुर में रात दबिश दी। सोमावर को भी सिद्धार्थ नगर पुलिस की टीम को यहां देखा गया। बताते हैं कि यहां की टीम ने कुछ युवाओं से पूछताछ भी की थी। वहीं, दूसरी ओर हाल ही में गुजरात के सूरत पुलिस के भी यहां आने की चर्चा रही। सूरत के किसी व्यापारी के खाते से 68 लाख रुपये की ठगी हुई थी, जिसमें सूरत पुलिस ने दबिश दी थी।बदायूं एसएसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि बिसौली क्षेत्र के इन चारों गांवों में साइबर ठगी से संबंधित बड़ा रैकेट सक्रिय है। इसके लिए जल्द टीमें लगाई जाएंगी। बाहरी पुलिस का बार-बार यहां आना संदेह खड़ा कर रहा है। हालांकि, बाहर की पुलिस के आने की जानकारी नहीं होती है।
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