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UP News: प्राइवेट अस्पताल के कर्मी ने बच्चा चुराकर बेचा, शक होने पर पिता ने बुला ली पुलिस, फिर…

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में प्राइवेट अस्पताल में बच्चा चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस बच्चे को बरामद कर लिया है। वहीं बच्चा चोरी करने वाले अस्पताल कर्मी और उसके परिचित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने बताया कि उसका परिचित निसंतान है और बच्चे के लिए पैसों का लालच दिया जिस कारण उसने बच्चा चोरी का प्लान बनाया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Tue, 02 Jul 2024 12:28 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 12:28 AM (IST)
बरेली के अस्पताल से नवजात का अपहरण कर बेचा।

जागरण संवाददाता, बरेली। केजीएन अपोलो अस्पताल के कर्मचारी फैजान ने 40 हजार रुपये के लिए हिंदू बच्चे का अपहरण कर मुस्लिम युवक को सौंप दिया। उसने रविवार रात योजनाबद्ध तरीके से अन्य स्टाफ को गच्चा दिया, फिर वार्ड में भर्ती नवजात उठाकर शब्बन को सौंप दिया। 

सोमवार को अस्पताल से बालक के अपहरण का शोर हुआ तब पिता सुशील कुमार ने अज्ञात पर प्राथमिकी कराई। पूरे दिन पूछताछ के बाद फैजान ने सच उगल दिया। उसकी निशानदेही पर 17 घंटे बाद शब्बन के घर नवजात मिल गया। दोनों आरोपियों के नाम प्राथमिकी में बढ़ाए जाएंगे। 

यह है पूरा मामला

पीलीभीत के सुशील कुमार ने बताया कि पांच जून को बेटा इंद्रजीत पैदा हुआ था। चिकित्सकों ने उसे मस्तिष्क ज्वर बताया इसलिए 26 जून को अपोलो अस्पताल के एनएनसीयू (सिक न्यूबार्न केयर यूनिट) में भर्ती कराया था।

अस्पताल मालिक डाॅ. आरिफ हुसैन के कहने पर जिला महिला अस्पताल के संविदा चिकित्सक डाॅ. राजीव गुप्ता उसका उपचार कर रहे थे। प्रत्येक रात की तरह रविवार को भी परिजनों को वार्ड से बाहर कर दिया गया। 

सुबह पांच बजे कर्मचारी ने बताया कि इंद्रजीत वार्ड से लापता है। सुशील की शिकायत पर अस्पताल स्टाफ से जांच शुरू हुई। सबसे पहले सीसीटीवी कैमरे देखे गए मगर, सभी बंद थे।

परिचित ने दिया था पैसों का लालच 

पुलिस के अनुसार, नर्सिंग स्टाफ फैजान का परिचित शब्बन खां उर्फ सबलू निसंतान है। कुछ दिन पहले उसने फैजान से कहा कि यदि कोई बालक मिल जाए तो रुपये भी खर्च कर देगा। 

26 जून को वार्ड में अकेला इंद्रजीत भर्ती हुआ तभी से फैजान उसके अपहरण की योजना बनाने लगा। रविवार की रात दो बजे उसने वार्ड में तैनात नर्स कासिफा से छत पर भर्ती मरीज को ड्रिप लगाने को कहा, जबकि एक अन्य कर्मचारी कृष्णा शौचालय गया था। 

मौका मिलते ही फैजान ने नवजात को वार्ड से उठाकर अस्पताल के बाहर खड़े शब्बन को सौंप दिया। उस समय फैजान को पांच हजार रुपये मिले, शेष 35 हजार 15 दिन में देने का वादा किया था।

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