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UP News : आतंकवादी की खुलेगी हिस्ट्रीशीट, एसएसपी के आदेश पर शुरू हुई कार्रवाई- यह है पूरा मामला

कटघर के तिलक इंटर कालेज के पास रहने वाले इनामुल हक को 2020 में यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। सोशल मीडिया पर वह मो. शोएब उर्फ अबु मोहम्मद अल हिंदी नाम से ग्रुप चलाकर युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन अल-कायदा में भर्ती कर रहा था। तलाशी के दौरान उसके घर और मोबाइल से अल-कायदा से संबंधित सामग्री बरामद की गई थी।

By Saurabh Srivastava Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 15 Nov 2024 11:58 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उसके खिलाफ दो मामले दर्ज पाए गए हैं।
जासं, बरेली : देश विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मो. इनामुल हक दस वर्ष की सजा सुनाने के बाद किला थाने में अब उसकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने उसके आपराधिक इतिहास की जांच शुरू कर दी है। जांच में अब तक उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेश में पंजीकृत मामलों की जांच की जाएगी।

2020 में किया था गिरफ्तार

कटघर के तिलक इंटर कालेज के पास रहने वाले इनामुल हक को 2020 में यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। सोशल मीडिया पर वह मो. शोएब उर्फ अबु मोहम्मद अल हिंदी नाम से ग्रुप चलाकर युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन अल-कायदा में भर्ती कर रहा था। तलाशी के दौरान उसके घर और मोबाइल से अल-कायदा से संबंधित सामग्री बरामद की गई थी।

पुराने मकान में रहने लगे थे दोनों

पूछताछ के बाद पांच जुलाई 2020 को उसके साथी शकील अहमद डार को भी जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया। इनामुल की पैतृक संपत्ति तिलक इंटर कालेज मैदान के पीछे कटघर में है। उसके पिता इनरुल हक की उत्तराखंड के पंतनगर में नौकरी लग गई, जिसके बाद करीब 34 साल रहने लगा था। वर्ष 2020 में इनामुल पहले पूरा परिवार उत्तराखंड में ही व उसका भाई ढाई साल पहले अपने पुराने मकान में आकर रहने लगे थे। वहां पहले से जो किरायेदार रहते थे, उन्हें निकाल दिया था।

एटीएस को मिला था इनपुट 

दोनों भाइयों की गतिविधियां संदिग्ध होने की खुफिया सूचना एटीएस को भी लग गई थी। जिसके बाद आठ-दस दिन तक लगातार रेकी गई। सजा मिलने के बाद अब आतंकवादी की किला पुलिस हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। वहीं किला इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने बताया कि एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर आतंकवादी की हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। उसके आपराधिक इतिहास की जांच शुरू कर दी है। जांच में अब तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उसके खिलाफ दो मामले दर्ज पाए गए हैं।

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