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बरेली में खाकी पर लगा दाग; एसी-फ्रिज के बाद होम थिएटर...खुल गई सीओ लाइन के भ्रष्टाचार की पोल

Bareilly News सरकारी रुपयों से घर पर एसी फ्रिज लगवाने के बाद सीओ लाइन को स्टोर इंचार्ज ने 46 हजार कीमत का होम थिएटर नहीं दिलवाया तो वह इस कदर नाराज हो गए कि धमकाने लगे। स्टोर प्रभारी का पद छीन लिया और दूसरे की नियुक्ति कर दी। हेड कांस्टेबल ने आराेप लगाए कि हमारे लिये इतना नहीं कर सकते तो रहने का अधिकार नहीं।

By Ashok Kumar Arya Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 17 Jun 2024 07:36 AM (IST)
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बरेली पुलिस में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, बरेली। बरेली पुलिस में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। पुलिसकर्मी रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं। सीओ रंगदारी मांग रहे हैं। लाइन भी अछूती नहीं है। मीरगंज सर्किल की सीओ डा. दीपशिखा अहिबरन सिंह द्वारा भट्ठा मालिक से दो लाख रुपये रंगदारी मांगने के मामले के बाद अब सीओ लाइन प्रियतोष त्रिपाठी का खेल उजागर हुआ है।

पीड़ित हेड कांस्टेबल ने सीओ के भ्रष्टाचार की सिलसिलेवार कहानी लिखकर एसएसपी को पत्र सौंपा है। पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है जिससे बरेली पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है।

हेड कांस्टेबल ने लगाए आरोप

पुलिस लाइन के स्टोर में तैनात हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार के अनुसार, वह 22 जून 2023 से स्टोर प्रभारी के रूप में तैनात थे। 28 मार्च 2024 को सीओ लाइन के कार्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें बताया गया कि मरम्मत के बाद भी कार्यालय का एसी ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) हरमीत सिंह को नया एसी लगवाने के निर्देश दिये गए।

प्रतिसार निरीक्षक के मौखिक आदेश पर छह अप्रैल को सप्लायर विक्की मेहरा से नया एसी लगवाने के लिए बोला। एसी आने पर सीओ ने कहा कि उसे कार्यालय पर नहीं आवास पर लगवा दो। उनके आदेश पर पुलिस क्लब स्थित आवास पर मैकेनिक जुल्फेकार व मिस्त्री वीरेंद्र एवं अरुण कुमार ने एसी लगा दी। नए एसी के अनुमति पत्र पर आरआई के हस्ताक्षर कराकर सीओ के समक्ष पेश किये।

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एडजेस्ट करने की बात कही थी

आरोप है कि सीओ ने हस्ताक्षर ना करते हुए एडजेस्ट कर लेने की बात कही। यह बात आरआई को बताई तो उन्होंने बाद में बात करने को कहा और सीओ एडजेस्ट करने का दबाव बनाते रहे। मार्च में ही सीओ ने सरकारी रुपयों से आवास पर फ्रिज व डिश कनेक्शन भी करा लिया। सभी का बिल 52 हजार आठ सौ रुपये बना। 17 अप्रैल को सीओ राजकीय वाहन से गनर निरंकार सिंह व तरुन के साथ बैठाकर बाजार ले गए।

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होम थिएटर किया पसंद

अशोका इलेक्ट्रॉनिक पर सोनी कंपनी का 46 हजार रुपये कीमत का होम थियेटर पसंद किया और गाड़ी में रखवाने के आदेश दिये। तब असमर्थता जताते हुए कहा कि कप्तान साहब इसकी अनुमति किसी भी दशा में नहीं देंगे। इस पर सीओ ने कहा कि जब तुम हमारा इतना काम नहीं कर सकते।

एसी, फ्रिज एवं टाटा स्काई के पैसे को एडजेस्ट नहीं कर सकते। तब तुम्हारा स्टोर में रहना बेकार है। तुम्हें स्टोर से हटाया जाना सही रहेगा। इस पर कहा कि आप जो समझें लेकिन, एडजेस्ट नहीं कर पाऊंगा। तभी 20 अप्रैल को सीओ ने स्टोर प्रभारी के पद से हटाकर हेड कांस्टेबल प्रदीप कुमार कसाना को जिम्मेदारी सौंप दी। शिकायती पत्र के साथ पुलिसकर्मी ने एसएसपी को सभी साक्ष्य भी सौंपे हैं।

इसी वर्ष है सेवानिवृत्ति, गए दस दिन की छुट्टी पर

प्रियतोष त्रिपाठी के पास लाइन के अलावा सीओ ट्रैफिक का भी चार्ज है। पुलिस के अनुसार, इसी वर्ष उनकी सेवानिवृत्ति भी तय है। पुलिस लाइंस से उठी विद्रोह की आवाज के बाद सीओ 10 दिनों की छुट्टी पर चले गए। वर्तमान में वह छुट्टी पर ही हैं। राजपत्रित अधिकारी का मामला होने के चलते प्रकरण को दबाने की भरसक कोशिश की गई लेकिन, प्रसारित पत्र ने सारी कहानी बयां कर दी। प्रसारित पत्र में हस्ताक्षर के नीचे 21 मई की तिथि अंकित है। इससे साफ है कि 21 मई को ही मामले में शिकायत हो चुकी है।

दिया ये जवाब

मैं सेवानिवृत्ति के करीब हूं। मुझे इन सब चीजों से कोई मतलब नहीं है। हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार स्टोर में लगातार अपनी मनमानी चला रहा था। इस संबंध में उसे कई बार हिदायत दी जा चुकी थी। बावजूद सुधार ना करने पर उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई जिसके बाद ही उसने बेवजह के आरोप लगाए हैं। वर्तमान में छुट्टी पर हूं। 21 को वापस आऊंगा, तब बयान दर्ज कराऊंगा। जांच में सब साफ हो जाएगा। - प्रियतोष त्रिपाठी, सीओ लाइन/ट्रैफिक

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