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Bijli Vibhag: बिजली विभाग का उपभोक्ताओं को बड़ा तोहफा, पास हुए 1600 करोड़; अब गांवों में मिलेगी इतने घंटे लाइट

Bijli Vibhag उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली सुविधाएं देने को शासन ने जिले को 1600 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत किए हैं। अब जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर जनहित की प्राथमिकताओं के आधार पर बिजली नेटवर्क को सही किया जाए। यह काम दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाए। इससे शहरी में 24 घंटे तहसील में 22 व गांवों में 18 घंटे आपूर्ति सुचारू की जाए।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 20 Sep 2023 12:59 PM (IST)
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बिजली विभाग का उपभोक्ताओं को बड़ा तोहफा, पास हुए 1600 करोड़; अब गांवों में मिलेगी इतने घंटे लाइट
जागरण संवाददाता, बरेली : उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली सुविधाएं देने को शासन ने जिले को 1600 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत किए हैं। अब जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर जनहित की प्राथमिकताओं के आधार पर बिजली नेटवर्क को सही किया जाए। यह काम दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाए। इससे शहरी में 24 घंटे, तहसील में 22 व गांवों में 18 घंटे आपूर्ति सुचारू की जाए।

यह बातें उप्र विधान परिषद की प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी जांच समिति के सभापति डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने विकास भवन सभागार में हुई बैठक में मंगलवार को कहीं। प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधित जांच समिति ने समीक्षा में पाया कि जिले में आबादी के सापेक्ष कनेक्शन नहीं है। इससे बिजली चोरी हो रही है।

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समिति ने विद्युत चोरी रोकने को तकनीक का प्रयोग करने को कहा। लाइन लास में सुधार को आरडीएसएस योजना में खुले तारों को बंच केबल में बदलने को कहा। अत्यधिक लाइन लास वाले फीडरों में एलटी केबल लगाएं।

सभापति ने कहा कि इंजीनियर इंजीनियरिंग को सोशल इंजीनियरिंग के रूप में प्रयोग करें, जनप्रतिनिधियों का फोन उठाएं। उनके साथ समन्वय बनाकर कार्य करें, जिससे संवादहीनता की स्थिति न हो। इससे समस्याएं खुद कम हो जाएंगी।

जनहानि के 17 केस हुए दर्ज

समिति को जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 में विद्युत से जनहानि के 17 व पशु हानि के आठ केस हुए। इनमें जनहानि के 10 और पशुहानि के पांच पीड़ितों को मुआवजा दिया जा चुका है। समिति ने शेष पीड़ितों को जल्द मुआवजा देने को कहा। मीटर रीडरों को पहचान पत्र गले में लटकाने और ड्रेस कोड का अनुपालन करने के निर्देश दिए।

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विद्युत बिल उपभोक्ता के हाथ में ही दें। मीटर रीडिंग परिवार के सदस्य के सामने करें। सभापति ने निर्देश दिए कि समस्याओं के निस्तारण की गुणवत्ता की जांच को अधिशासी अभियंता के स्तर का अधिकारी लगाया जाए। जिले में 47,103 विभिन्न क्षमता के वितरण परिवर्तक स्थापित हैं, जिनमें 861 ट्रांसफार्मर अतिभारित है, जिनकी क्षमता वृद्धि विभिन्न माध्यमों से की जा रही है।

डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने समिति को उनके निर्देशों के अनुपालन के लिए आश्वस्त किया। इस दौरान समिति के उप सचिव प्रताप नारायण द्विवेदी, सदस्य बृजेश कुमार सिंह प्रिंसू, सदस्य अशोक कटारिया, सदस्य कुंवर महाराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, महापौर डॉ. उमेश गौतम, विधायक डॉ. श्याम बिहारी लाल, विधायक डॉ. एमपी आर्य, विधायक डॉ. डीसी वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, मुख्य अभियंता वितरण राजीव कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

रात में बिजली चोरी रोकने को नहीं करेंगे छापामारी

मार्निंग रेड और नाइट रेड के नाम पर बिजली अधिकारी छापामारी नहीं कर पाएंगे। समिति के सभापति ने सूर्यास्त से सूर्योदय तक बिजली चेकिंग न करने के निर्देश दिए। विद्युत चोरी पकड़ने को टीमें घर में कूदकर या सीढ़ी लगाकर न जाएं।

घर में महिलाएं होने पर टीम में महिला कर्मचारी जरूर रहे। छापामारी अफसरों की जानकारी में लाकर ही करें। ऐसा न करने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों की काल ना उठाने पर होगी कार्रवाई

विद्युत व्यवस्था संबंधित जांच समिति के सभापति डा. जयपाल सिंह व्यस्त ने बताया कि जेई 90 प्रतिशत व एसडीओ स्तर पर 30 प्रतिशत काल नहीं उठाई जाती हैं। एक्सईएन, एसई व मुख्य अभियंता काल अटेंड कर लेते हैं। सभापति ने कहा कि कुछ बिजली कर्मी और अधिकारी जनप्रतिनिधियों के काल नहीं उठाते हैं। ऐसा करने वाले कर्मचारियों पर विधान परिषद के नियम 223 के अंतर्गत विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जाएगी।

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