मानसिक अस्पताल में उत्तराखंड के मरीज भी हो सकेंगे भर्ती
मंडलीय मानसिक चिकित्सालय में उत्तराखंड के मरीजों को भी भर्ती करने की कवायद तेज हो गई है।
By JagranEdited By: Updated: Mon, 30 Apr 2018 04:54 PM (IST)
बरेली (जेएनएन)। मंडलीय मानसिक चिकित्सालय में उत्तराखंड के मरीजों को भी भर्ती करने की कवायद तेज हो गई है। मानवाधिकार आयोग के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा है। वहां के मरीज को यहां अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पत्र की जरूरत होगी।
मानसिक अस्पताल में रोगियों को भर्ती करने के लिए मजिस्ट्रेट के निर्देश की जरूरत होती है। हालांकि मरीज की स्थिति और उसके घरवालों के कहने पर मनोचिकित्सक उन्हें भर्ती कर सकते हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों के मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जा सकता है। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद वहां के रोगियों को यहां भर्ती करने पर रोक लगा दी गई थी। वजह वहां के मजिस्ट्रेट यहां अधिकारियों को सीधे निर्देशित नहीं कर सकते हैं। इस कारण उत्तराखंड के मरीजों को यहां इलाज नहीं मिल पा रहा था। करीब डेढ़ साल पूर्व मानसिक अस्पताल के निर्देशक डॉ. सीपी मल ने फैमिली वार्ड में मानसिक रोगियों को भर्ती करना शुरू कर दिया। इससे काफी हद तक रोगियों को राहत मिली। अस्पताल के 90 बेड के फैमिली वार्ड में उत्तराखंड के कई मरीज भर्ती हैं। मानवाधिकार आयोग ने दिए थे आदेश मेंटल हेल्थ एक्ट के सेक्शन 33 में किसी भी राज्य के मजिस्ट्रेट को वहां के मनोरोगियों को अन्य राज्यों में स्थित मानसिक अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश देने के अधिकार दिया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे लागू करने के आदेश प्रदेश सरकार को दिए हैं। इस पर शासन ने उत्तराखंड के प्रमुख सचिव को पत्र भेज दिया है। वर्जन
-उत्तराखंड के मानसिक रोगियों को भी भर्ती करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए दो राज्यों के बीच पत्राचार हो रहा है। फिलहाल वहां के मरीजों को फैमिली वार्ड में ही भर्ती किया जाता है।
डॉ. सीपी मल, निदेशक, मानसिक चिकित्सालय
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