प्राइवेट अस्पताल में आशाओं का क्या काम? स्वास्थ्य विभाग को चकमा देकर 14 आशा वर्कर फरार, यह है मामला
निजी अस्पतालों में बैठक करती पकड़ी गई 16 आशाएं स्वास्थ्य विभाग को चकमा देकर भाग गई थीं। विभागीय अफसरों को उन्होंने अपने गलत नाम पते नोट कराए थे। मगर अब वीडियो के माध्यम से उनमें से 15 आशाओं की पहचान हो गई है। इसमें से 14 आशाएं नवाबगंज ब्लाक की हैं एक आशा कुआं टांडा की है। सीएमओ ने नवाबगंज सीएमओ को नोटिस जारी किया है।
जागरण संवाददाता, बरेली। निजी अस्पतालों में बैठक करती पकड़ी गई 16 आशाएं स्वास्थ्य विभाग को चकमा देकर भाग गई थीं। विभागीय अफसरों को उन्होंने अपने गलत नाम पते नोट कराए थे। मगर अब वीडियो के माध्यम से उनमें से 15 आशाओं की पहचान हो गई है। इसमें से 14 आशाएं नवाबगंज ब्लाक की हैं, एक आशा कुआं टांडा की है।
सीएमओ ने नवाबगंज सीएमओ को नोटिस जारी किया है। पिछले सोमवार को सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह को सूचना मिली कि मिनी बाईपास स्थिति नोवा केयर अस्पताल में देहात क्षेत्र की आशाओं को बुलाकर बैठक की जा रही है। निजी अस्पताल में सरकारी आशाओं के बैठक का क्या काम? यह बात किसी के गले से नहीं उतरी।
सीएमओ ने तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम अस्पताल में निरीक्षण के लिए भेज दी। अस्पताल में पांच ब्लाक की 16 आशाएं बैठक करती मिली। सभी के वहां पर बैठक करने का कारण पूछा तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
अस्पताल प्रबंधन से आशाओं को बुलाने का कारण पूछा गया मगर वह भी सटीक जवाब नहीं दे पाया। अस्पताल में मौजूद सभी आशाओं की फोटो-वीडियोग्राफी कर ली गई। उनके नाम से नोटिस भी जारी किया गया।
बाद में पता चला कि आशाओं जिन क्षेत्रों का खुद को बताया था। वह वहां की थी ही नहीं। इसके बाद फिर से उनकी पहचान करना शुरू की गई। अब आकर पता चला कि सभी 16 आशाओं में से 14 आशाएं नवाबगंज ब्लाक की, एक आशा कुआटांडा की थी। अभी एक आशा की पहचान नहीं हो सकी है। अब नवाबगंज एमओआईसी को भी नोटिस जारी किया गया है।
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