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'वाट्सएप चैट के फोटो प्रमाणित साक्ष्य नहीं, दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष कैद', बरेली में कोर्ट ने सुनाया फैसला

तीन महीने की गर्भवती महिला संग दुष्कर्म के मामले में बरेली के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। दोषी ने अपने बचाव में कोर्ट के सामने वाट्सएप चैट के फोटो पेश किए थे। जिसे कोर्ट ने अमान्य करार दे दिया। पुलिसकर्मियों ने घटना पर संदेह जताया था। जिसे लेकर यह मामला काफी चर्चित रहा था।

By Nitesh Srivastava Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Fri, 13 Sep 2024 01:53 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, बरेली। भोजीपुरा थाना पुलिस दुष्कर्म की जिस घटना पर संदेह जता रही थी, वह कोर्ट में सत्य साबित हुई। गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) रवि कुमार दिवाकर ने दोषी प्रवेश कुमार को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई।

सिर्फ सात महीने की सुनवाई में यह निर्णय सुना दिया गया। दोषी प्रवेश ने अपने बचाव में वाट्सएप चैट का संदर्भ देते हुए कुछ फोटो प्रस्तुत किए थे।

कोर्ट ने कहा कि फोटो बिना निगेटिव के हैं। वाट्सएप चैट के संबंध में भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 बी (आइटी एक्ट) का प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत नहीं कि इसलिए उक्त साक्ष्य फर्जी है। इसका कोई साक्ष्यिक मूल्य नहीं है।

26 अगस्त 2023 की रात को तीन माह की गर्भवती कमरे में अकेली थी। उसी समय छत के रास्ते उनके कमरे में घुसे प्रवेश कुमार ने चाकू दिखाकर धमकाया, दुष्कर्म किया। इसके बाद वह जैसे ही कमरे से बाहर निकला, पीड़ित ने शोर कर दिया।

चीख-पुकार सुनकर उनके ससुराल वालों ने छत के रास्ते भाग रह प्रवेश को पकड़ लिया। रात में ही उसे भोजीपुरा थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया मगर, पुलिसकर्मी घटना पर संदेह जताते रहे।

प्राथमिकी पंजीकृत नहीं होने पर पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत की, इसके बाद 28 अगस्त 2023 को दुष्कर्म, धमकाने की धारा में प्राथमिकी पंजीकृत कर प्रवेश को जेल भेजा गया।

कोर्ट में पीड़ित ने कहा कि प्रवेश ने चाकू दिखाकर धमकाया था, इसलिए उस समय शोर नहीं कर सकी। मौका मिलते ही ससुराल वालों को आवाज दी, जिससे प्रवेश को पकड़ा जा सका था।

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