क्यों बरेली के इस चर्च में बेंच पर बंदूक टांगने की है व्यवस्था, जानिए
इसाई समाज का सबसे खास पर्व क्रिसमस अब नजदीक है। जिसको लेकर चर्च में तैयारियां भी शुरू हो गई है। बरेली में वैसे तो एक दर्जन से अधिक ऐसे चर्च हैं जो इतिहास को अपने अंदर सहेजे हुए हैं। इनमें से एक हैं बरेली कैंट स्थित फ्री विल बैप्टिस्ट चर्च
By Sant ShuklaEdited By: Updated: Fri, 11 Dec 2020 05:28 PM (IST)
बरेली, जेएनएन। इसाई समाज का सबसे खास पर्व क्रिसमस अब नजदीक है। जिसको लेकर चर्च में तैयारियां भी शुरू हो गई है। बरेली में वैसे तो एक दर्जन से अधिक ऐसे चर्च हैं जो अतीत के इतिहास को अपने अंदर सहेजे हुए हैं। इनमें से एक हैं बरेली कैंट स्थित फ्री विल बैप्टिस्ट चर्च जो कि 1838 में बनाया गया था। यह चर्च 1857 के गदर का साक्षी रहा है। इस दौरान हुए हमले ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था। इस चर्च में आज भी पुराने समय की बहुत सी चीजों को सहेजा गया है। बता दें कि इस चर्च का निर्माण ब्रिटिश बिशप डैनियल विल्सन डीडी ने 1838 में कोलकाता से बरेली आकर कराया था। यह चर्च अंग्रेजों का प्रमुख अड्डा था। 31 मई 1857 को चर्च पर हुए हमले में चर्च के प्रशासनिक अधिकारी जार्ज डेवी रेक्स समेत प्रार्थना कर रहे ईसाई समुदाय के 40 लोगों की हत्या कर दी गई। मरने वालों में तत्कालीन पादरी, उनकी पत्नी और आठ वर्षीय बेटा भी था। पादरी और उनके परिवार की कब्र आज भी इस चर्च परिसर में बनी हैं। हमले के बाद चर्च को दोबारा बनवाया तो गया, लेकिन इस बार चर्च में बंदूक ले जाने की इजाजत के साथ ही बेंच में बंदूक टांगने की व्यवस्था की गई। जो बेंच आज भी चर्च में रखी हुई हैं। चर्च को हर बार क्रिसमस से पहले सजाने के साथ ही क्रिसमस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है।अब जब नया साल आने को है तो चर्च में तैयारियां शुरु हैं।
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