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सावधान:आप कैमरे की नजर में हैं

बस्ती : जिस कैमरे का जिक्र आते ही नेताओं के चेहरे पर रौनक आ जाया करती है। आज उसी कैमरे के सामने जाने

By Edited By: Updated: Fri, 05 Feb 2016 11:10 PM (IST)
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बस्ती : जिस कैमरे का जिक्र आते ही नेताओं के चेहरे पर रौनक आ जाया करती है। आज उसी कैमरे के सामने जाने से बड़े बड़े सूरमा जी-चुराते दिखे। चौक-चौराहों की यातायात व्यवस्था से लेकर शा¨पग माल से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में जगह बना चुके इस करिश्माई मशीन का कमाल जटिलतम माने जा रहे ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी नामांकन के दौरान भी दिखा।

जिन प्रत्याशियों को पहले से अंदेशा था कि उन्हें जोर-जबरदस्ती करके नामांकन करने से रोका जा सकता है या मतदान अथवा मतगणना के दौरान धांधली हो सकती है,वे सीसीटीवी लगवाने के लिए उच्च न्यायालय की शरण में चले गए। इसका नतीजा यह हुआ कि अदालत ने जिला निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिया कि कैमरे की निगरानी में पूरी चुनावी प्रक्रिया संपन्न हो। शुक्रवार को परशुरामपुर, विक्रमजोत, बहादुरपुर, गौर सहित अन्य कई ब्लाकों पर कैमरे सक्रिय दिखे। यहां सत्ताधारी दल सपा के खिलाफ ताल ठोकने वाले प्रत्याशी निर्भीक होकर नामांकन किए। राजनैतिक गलियारे में इस बार की सबसे ज्यादा चर्चा है कि नामांकन पत्रों की जांच,नाम वापसी,मतदान और मतगणना के दौरान भी यदि कैमरे इसी प्रकार काम करते रहे तो कई ब्लाक की तस्वीर दूसरी होगी।

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हाथीदांत न बनें कैमरे

- सीसीटीवी सिसटम की उपयोगिता तभी है,जब वे पूरी तरह से काम करें। प्रधानी चुनाव के दौरान देखा गया कि जहां सीसीटीवी कैमरे लगाए भी गए,उनमें कई चले ही नहीं। मतगणना के दौरान सिस्टम में कई बार बाधा आई। हालांकि उस बार कभी भी रिकार्डिंग की जरूरत नहीं पड़ी मगर इस चुनाव में इसकी जरूरत पड़ गई है। इसके मद्देनजर तकनीकी टीम सिस्टम दुरुस्त रखने की कोशिश में जुटी है।