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Basti Lok Sabha Chunav Result 2024: यूपी के इस लोकसभा सीट पर पहली बार सपा को मिली जीत, हैट्रिक बनाने से चूक गई भाजपा

Basti Lok Sabha Chunav Result 2024 बस्ती जिले में लोकसभा चुनाव की मतगणना मंडी परिषद स्थित मतगणना स्थल पर शुरू हो गई है। 35 मिनट देरी से मतगणना शुरू हुई है। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार पहले वैलेट पेपर की मतगणना शुरू हुई है। वैलेट पेपर के पहले राउंड पर दस काउंटर पर बैलेट पेपर की मतगणना शुरू हुई है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Tue, 04 Jun 2024 05:30 PM (IST)
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बस्‍ती लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी जीत गए हैं। जागरण

 जागरण संवाददाता, बस्‍ती। Basti lok sabha chunav Result 2024: आजादी के बाद पहली बार बस्ती लोकसभा-61 पर सपा प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी को जीत मिली है। पहले ही राउंड से सपा के राम प्रसाद चौधरी बढ़त ने बढ़ाई थी। अंत भाजपा पीछा नहीं कर सकी।

राम प्रसाद चौधरी ने भाजपा को 100958 वोटों से हराकर सीट अपने नाम कर ली। ईडी गठबंधन को 524756, भाजपा को 423798 और बसपा को 120964 वोट मिले हैं।

फाइनल

भाजपा- हरीश द्विवेदी 426011

सपा- राम प्रसाद चौधरी- 527005

बसपा -लवकुश पटेल 103301

लोग पार्टी- पंकज दुबे-4727

मौलिक अधिकार पार्टी-प्रेम कुमार-3611

भारत महा परिवार पार्टी-शैलेन्द्र कुमार-2364

आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक-हाफिज अली-2989

निर्दल-प्रमोद कुमार-2556

निर्दल-राम करन गौतम-2645

सपा-100994 मतों से जीत दर्ज की है।

कुल रिजेक्ट मत-861

नोटा-7761

कुल मत 1083731

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बस्ती सीट का इतिहास

बस्ती जनपद में राजनीति की शुरुआत स्वतंत्रता के बाद राम चरित्र पांडेय और देशराज नारंग से होती है। दोनों बड़ी हस्तियां थीं। रामचरित्र पांडेय जहां कांग्रेस के बड़े नेता थे वहीं देशराज नारंग औद्योगिक घराने से संबंध रखते थे। हरैया तहसील में सुरेंद्र प्रताप नारायण पांडेय उर्फ कोट साहब और सुखपाल पांडेय का दबदबा था।

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80 के दशक से जगदंबिका पाल और अंबिका सिंह की धमक बनी तो 90 के दशक से रामप्रसाद चौधरी और राज किशोर सिंह के सितारे अपनी चमक बिखरने लगे। 2014 तक दोनों नेता पूरे जनपद में हावी रही। पूर्व डीआइजी श्यामलाल कमल यहां से सांसद चुने गए थे।

भाजपा के झंडे तले श्रीराम चौहान ने यहां से सांसद बनने की हैट-ट्रिक लगाई। बसपा के लालमणि प्रसाद भी सांसद बने। 2009 में लोकसभा सीट के सामान्य होने के बाद राम प्रसाद चौधरी ने भतीजे अरविंद चौधरी को सांसद बनाया। उसके बाद हरीश द्विवेदी लगातार दो बार सांसद चुने गए।

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