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गुजरात से आए यात्री ,पलायन को कर रहे खारिज

स्वेच्छा से छोड़ा परदेश, दोबारा भी जाएंगे नौकरी करने

By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Oct 2018 10:20 PM (IST)
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गुजरात से आए यात्री ,पलायन को कर रहे खारिज

बस्ती : गुजरात से उत्तर भारतीयों के पलायन की खबर को लेकर बस्ती में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। काम के सिलसिले में गुजरात गए यात्री लौट तो रहे हैं पर वह इस बात से इन्कार कर रहे हैं कि उनको वहां से भगाया गया है। यह बात जरूर है कि गुजरात में हो रही घटनाओं को लेकर उनके चेहरे पर हल्का तनाव जरूर है। कई यात्रियों ने कहा कि त्योहार के चलते वह स्वेच्छा से गुजरात छोड़ कर आए हैं। पलायन की बात से इन्कार कर रहे हैं।

बता दें कि गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की मासूम से हुए दुष्कर्म के बाद राज्य में उपजे हालत में उत्तर भारतीयों खासकर, यूपी और बिहार के नागरिकों पर संकट आ गया, जो मजदूरी आदि के सिलसिले में वहां रह रहे हैं। पलायन को लेकर चहुंओर हो-हल्ला मचा हुआ है। बुधवार को गुजरात से आए कुछ कामगारों से बात हुई तो उन्होंने किसी प्रकार की ¨हसा के चलते पलायन की बात से इन्कार कर दिया। गुजरात के कुछ जनपदों में ¨हसा की स्थिति उत्पन्न हुई थी, लेकिन अब वहां भी शांति है। सेमरियावां संतकबीर नगर के हरीश ने बताया कि मैं गुजरात के अहमदाबाद में एक कंपनी में नौकरी करता हूं। वहां से भाग कर आने जैसी कोई बात नहीं है, घर आना था सो चले आए, फिर जाएंगे। बस्ती के टिनिच स्थित बाघाकाड़र गांव निवासी विजय कुमार ने बताया कि रोजी-रोटी के सिलसिले में गुजरात में छह माह पहले गया था। वहां एक कंपनी में नौकरी की, घर आना हुआ तो टिकट पहले से लिए थे। वहां से भाग कर आने जैसी कोई बात नहीं है। हां, कुछ जनपदों में ¨हसा की वारदात हुई है जिससे डर कर मजदूर लौट रहे हैं। मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं था। फिर नौकरी के लिए गुजरात जाएंगे। गुजरात में जहां रहते हैं, वहां कुछ ऐसा नहीं है। समय से वेतन मिला, कोई परेशानी नहीं हुई। कुछ इसी तरह की बात चिलमा बाजार के रामकिशन और रामसुनेसर ने कही। कहा कि वह लोग दुर्गा पूजा मनाने घर आए हैं। पूजा समाप्त होने के बाद पुन: गुजरात रवाना होंगे।

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