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Basti News: महिला अधिकारी से दुष्कर्म के प्रयास में आरोपित नायब तहसीलदार ने किया सरेंडर, पुलिस के दबाव में उठाया ये कदम

महिला अधिकारी से दुष्कर्म के प्रयास व जानलेवा हमले की कोशिश के मामले में मुकदमा दर्ज होने के दस दिन बाद पुलिस के दवाब में आरोपित नायब तहसीलदार ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस ने नायब तहसीलदार को गिरफ्तार करने के लिए उनके साले और ससुर और बहन को संरक्षण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। साले और ससुर जेल में हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 27 Nov 2023 02:06 PM (IST)
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नायब तहसीलदार ने किया कोतवाली में आत्मसमर्पण। -जागरण
जागरण संवाददाता, बस्ती। महिला अधिकारी के साथ दुष्कर्म के प्रयास और जानलेवा हमले के कोशिश के आरोपित नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला ने कोतवाली सदर में सोमवार की दोपहर में आत्मसमर्पण कर दिया। मुकदमा दर्ज होने के दस दिन बाद उन्होंने पुलिस के दवाब में यह कदम उठाया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 25 हजार के इनाम की घोषणा की थी। पुलिस ने नायब तहसीलदार को गिरफ्तार करने के लिए उनके साले और ससुर और बहन को संरक्षण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। बहन को थाने से जमानत पर छोड़ा गया था। साले और ससुर जेल में हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उनसे बयान ले रहे हैं।

बता दें कि नायब तहसीलदार की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें लगाई गई थी, लेकिन पुलिस को गिरफ्तारी करने में सफलता नहीं मिल सकी और नायब तहसीलदार ने खुद आत्मसमर्पण कर दिया।

विशाखा रिपोर्ट और पुलिस की विवेचना में कोई मेल नहीं

विशाखा रिपोर्ट और पुलिस की विवेचना में कोई मेल नहीं है। त्रिसदस्यीय जांच रिपोर्ट में तीसरे व्यक्ति की मौजूदगी बताई गई है, जबकि पुलिस ने घटना के दौरान तीसरे व्यक्ति की उपस्थिति को खारिज कर मामले में नया मोड़ ला दिया। पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ल के विरुद्ध कोतवाली बस्ती में दर्ज मुकदमे की विवेचना में घटनास्थल पर घटना के समय आरोपित एवं पीड़िता के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति का होना नहीं पाया गया है। आरोपित ने जांच टीम को दिए गए अपने बयान में तीसरे व्यक्ति की बात कहानी गढ़ी थी।

अन्य भौतिक एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के आधार पर घनश्याम का बयान असत्य पाया गया है। कमेटी की जांच के समय संपूर्ण तथ्य सामने नहीं आ पाए थे, जिसके आधार पर कमेटी ने विवेचना में सभी बिंदु पर गहराई से जांच के लिए अग्रिम कार्यवाही की संस्तुति की थी। उनकी रिपोर्ट अंतरिम रिपोर्ट थी। आरोपित के विरुद्ध दुष्कर्म के प्रयास एवं हत्या की कोशिश के पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने के पश्चात न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी कराकर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

यह थी विशाखा जांच रिपोर्ट

डीएम अन्द्रा वामसी ने प्रकरण की जांच के लिए सीओ रुधौली प्रीती खरवार की अध्यक्षता में पीओ डूडा सुनीता सिंह व ईओ नगर पंचायत मुंडेरवा कीर्ती सिंह की त्रिसदस्यी टीम गठित की थी। टीम ने जांच रिपोर्ट में बताया था कि जांच के दौरान पीड़िता व नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ल के मध्य मित्रवत संबंध पाए गए।

जांच के दौरान लिए गए बयान व मोबाइल चैट के अवलोकन तथा गोपनीय जांच में पाया गया कि घटना की रात पीड़िता के आवास पर कोई व्यक्ति आया था। उसी ने उनके मोबाइल नंबर से आरोपित के मोबाइल पर वाट्सएप के माध्यम से फोन करके अपशब्द कहे थे और धमकी दी थी।

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रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपित, महिला अधिकारी का कुशलक्षेम जानने उनके आवास पर गए तो वहां किसी व्यक्ति द्वारा महिला अधिकारी से कहासुनी की बात पता चली। आरोपित ने जब महिला अधिकारी को आवाज दी तो वह व्यक्ति सामने का दरवाजा खोलकर भाग निकला। उस व्यक्ति को देखने के लिए जैसे ही आरोपित नायब तहसीलदार पीछे के दरवाजे की तरफ से गए तो उनकी चप्पल पीड़िता के घर में छूट गई।

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विशाखा कमेटी ने पीड़िता को चोट कैसे आई, वह व्यक्ति जो आवास पर आया था वह कौन था, किस व्यक्ति ने फोन करके धमकी दिया था, इन सभी तथ्यों के संबंध में गहराई से जांच किया जाना आवश्यक बताया था। प्रकरण में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना किए जाने की बात भी की गई थी।

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महिला अधिकारी ने लगाया था यह आरोप

महिला अधिकारी ने 17 नवंबर को कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि शनिवार (11 नवंबर) की देर रात एक बजे सदर तहसील में तैनात नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला ने उनका दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो आरोपित ने आवास के पिछले दरवाजे को पैर से मारकर तोड़ दिया और जबरन उनके आवास में घुस आया। उन्हें अपशब्द कहते हुए थप्पड़ मारा। दांत से शरीर के कई हिस्सों में काट लिया। उनका कपड़ा भी फाड़ दिया। उनके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया, सफल न होने पर उनका गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की। बड़ी मुश्किल से उनकी जान बची।

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