बस्ती: किसानों के लिए जंगली जानवर मुसीबत बने हुए हैं। इनमे सबसे अधिक परेशानी नीलगाय खड़ी क
By JagranEdited By: Updated: Thu, 21 Dec 2017 10:28 PM (IST)
बस्ती: किसानों के लिए जंगली जानवर मुसीबत बने हुए हैं। इनमे सबसे अधिक परेशानी नीलगाय खड़ी कर रहे हैं। जिस खेत में यह पहुंचते हैं, उनमें देखते देखते पूरी फसल चट कर जाते हैं। इनके डर से तमाम किसानों ने घर से दूर के खेतों में मटर, आलू, चना जैसी फसलों की बोआई ही बंद कर दी है। जो लोग घर से दूर खेतों में इनकी बोआई करते हैं, उनमें फसल को नील गाय से बचाने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करते हैं। शासन-प्रशासन की ओर से कोई राहत भी किसानों नहीं मिल पा रही है। नीलगाय फसलों के दुश्मन साबित हो रहे हैं। इनकी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्हे रोकने के अभी तक कोई कारगर उपाय नहीं किए गए है। जिस भी किसान की खेत इनका झुंड पड़ जाता है, खेत की पूरी फसल साफ हो जाती है। वन विभाग की ओर की गई गणना में इस वर्ष 2952 नीलगाय पाए गये हैं।
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किसानों की मेहनत पर पानी फेर देते हैं नीलगाय नीलगाय के झुंड किसानों के मेहनत पर पल भर में पानी फेर देते हैं। इन्हें यदि खेतों से तत्काल भगाया नहीं गया तो वह उसमें बोयी फसल को चट कर जाते हैं। गन्ने की फसलों को भी यह नुकसान पहुंचाते हैं।
शिवदयाल शुक्ल, सिक्टा। .........
नील गायों से फसलों को बचाना बड़ी चुनौती नीलगायों से फसलों को बचाना बड़ी चुनौती है। हालांकि इनसे फसलों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, मगर जिस दिन जरा सी चूक होती है, वह फसलों को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। राजेंद्र चौधरी, बभनगांवा। ........... शासन प्रशासन बना मूकदर्शक नीलगायों की समस्या का समाधान ढ़ूंढने की बजाए शासन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। वन विभाग की ओर से भी नीलगायों से बचाव के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई। ऐसे में लाचार किसान क्या करें। रामकोमल वर्मा, नगैचा। ........... किसानों की जान पर भी आफत नीलगायों से बचने के लिए खेत में बाड़ लगाए गए हैं, इसके बाद भी वह खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान यदि उन्हें किसी तरह से रोकने का प्रयास करते हैं तो वह किसान पर ही हमला कर देते हैं। सत्येंद्र मिश्र, कोइलसा। ............... नीलगाय की वंशवृद्धि रोकने के लिए उनका बधियाकरण किया जाना चाहिये। यदि किसी तरीके से नीलगायों को पकड़कर पशुपालन विभाग को सौंपा जाए तो विभाग उनका वधियाकरण कर सकता है। डा. केएन श्रीवास्तव मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बस्ती। .............. नीलगायों को मारने के लिए किसानों को अब बीडीओ तक से अनुमति मिल सकती है। जिस किसान के पास लाइसेंसी बंदूक है, वह नीलगायों को मार कर इसकी सूचना वन विभाग को दे सकता है। विनय कृष्ण मिश्र, डीएफओ, बस्ती। ........... नीलगायों की रेंजवार संख्या हर्रैया ----- 474 रामनगर ----- 1117 कप्तानगंज ------ 828 बस्ती सदर ------- 533
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