Bhadohi News: देवी श्लोकों से गूंजते रहे गांव और नगर, नवरात्र के दूसरे दिन पूजी गईं मां चंद्रघंटा
मौसम ठंडा होने के कारण नौ दिन तक व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को राहत है। आस्था में डूबे भक्त मां के एक झलक पाने को बेताब रहे।वासंतिक नवरात्र में गुरुवार को देवी मंदिरों में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी रही।
By Mahendra DubeyEdited By: Shivam YadavUpdated: Thu, 23 Mar 2023 06:30 PM (IST)
भदोही, जागरण टीम: वासंतिक नवरात्र के दूसरे दिन आदि शक्ति के द्वितीय स्वरूप भगवती ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की गईं। इस दौरान देवी तंत्रोक्ति से गांव और नगर गुंजायमान रहे। आस्था का जुनून इस कदर भक्तों पर सवार है कि पूरी रात केसरिया झंडा लगाने में गुजर जा रहे हैं। घंटा- घड़ियाल की गगनभेदी आवाज से पूरा वातावरण भी देवीमयी हो गया है।
मौसम ठंडा होने के कारण नौ दिन तक व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को राहत है। आस्था में डूबे भक्त मां के एक झलक पाने को बेताब रहे।वासंतिक नवरात्र में गुरुवार को देवी मंदिरों में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी रही।
भोर से लगी भक्तों की कतार दोपहर के बाद कुछ कम हुई, लेकिन शाम होते ही एक बार फिर से पूजन- दर्शन को कतार लग गई। पूजन सामग्री से सजी थाल, नारियल, चुनरी के साथ भक्त विधि-विधान से पूजन- अर्चना कर रहे थे। आदि शक्ति के एक झलक पाने के लिए लोग आतुर दिखे। नगर के घोपइला माता मंदिर पर भोर से ही आदिशक्ति के दर्शन को भक्तों की कतार लगी रही।
गोपीगंज स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर, काली देवी मंदिर, कबूतर नाथ मंदिर आदि स्थानों पर देवी भक्तों का तांता लगा रहा। महिला-पुरुष दर्शन पूजन कर देवी की स्तुति कर रहे थे। इस दौरान घंटा- घड़ियाल के साथ गगनभेदी जयकरे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा।
इसी तरह औराई, महराजगंज, बाबूसराय, ऊंज और सीतामढ़ी आदि क्षेत्रों में स्थित देवी मंदिरों में आस्थावानों की भीड़ लगी रही। नगरीय क्षेत्रों में स्थित देवी मंदिरों के आस-पास साफ-सफाई न होने से भक्तों को गंदगी से ही होकर जाना पड़ रहा है। सुरियावां के हरीपुर में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
अलौकिक होगा श्रीराम जन्मोत्सव
चैत्र मास के नवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव को अलौकिक एवं अद्वितीय बनाने में राम जन्मोत्सव समिति के कार्यकर्ता जी जान से जुटे हुए हैं। ज्ञानपुर और गोपीगंज नगर पूरी तरह केसरिया रंग में रंग चुका है। गोपीगंज में तो इसकी गति कुछ धीमी है, लेकिन ज्ञानपुर नगर पूरी तरह सज चुका है। जन्मोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रयागराज से चौकियां भी मंगाए गए हैं।
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